ऐसे समय में जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे थे, मुलायम सिंह ने अपने मैनपुरी दौरे में एक चैंकाने वाला बयान दे दिया कि गुजरात में सपा के सारे उम्मीदवार पराजित होंगे क्योंकि अखिलेश को कोई गंभीरता से नहीं लेता।

समाजवादी पार्टी ने अपने पांच उम्मीदवार खड़े किए थे। मुलायम सिंह चाहते थे कि पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़े। इससे

कंाग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ता। वह कांग्रेस से गठबंधन के खिलाफ हैं। लेकिन पार्टी ने पिछले उत्तर प्रदेश चुनावों में कंाग्रेस से गठबंधन किया था। चुनावों के बाद अखिलेश यादव ने साफ किया था कि कंाग्रेस तथा राहुल गंाधी से दोस्ती तथा अच्छे संबंध जारी रहेंगे। लोगों को याद है कि मुलायम सिंह ने लालू प्रसाद से गठबंधन तोड़ लिया था और बिहार की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए थे।

इससे पहले मुलायम सिंह अपने जन्म दिन समारोह में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों के खराब नतीजों को लेकर अखिलेश पर खुला आक्रमण कर चुके हैं। उन्होंने कहा की 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने के उनके हुक्म के बाद भी पार्टी ने जितनी सीटें जीती थी उससे भी कम सीटें पिछले मार्च के चुनावों में मिली हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जिन नेताओं से घिरे हैं वे न तो चुनाव जीत सकते हैं और न ही पार्टी को कोई मदद कर सकते हैं।

इसी तरह मुलायम के भाई शिवपाल यादव पार्टी की संभावनाओं को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह अखिलेश की ओर से नजरअंदाज किए जाने को लेकर काफी आहत हैं क्योंकि उन्होंने न केवल अपने चाचा बल्कि उनके समर्थकों को भी किनारे कर दिया है।

शिवपाल चाहते थे कि बड़े भाई नई पार्टी की घोषणा करें, लेकिन अंतिम क्षणों में मुलायम पीछे हट गए। बताया जाता है कि पिछले नगरीय चुनावों में शिवपाल ने कई निदर्लीय उम्मीदवारों को हरा दिया। यहां तक कि इटावा के जसवंत नगर, जिसका प्रतिनिधित्व शिवपाल करते हैं, में भी सपा का उम्मीदवार हार गया और शिवपाल समर्थित उममीदवार जीत गया। इससे नाराज पार्टी ने कुछ नेताओं के खिलाफ कारवाई भी की है।

मुलायम की एक और घोषणा ने लोगों को अचरज में डाल दिया है कि वह 2019 का चुनाव मैनपुरी से लड़ेंगे, आजमगढ़ से नहीं, जहां से अभी वह सांसद हैं। बेटे से मनमुटाव और पार्टी में फैले भ्रम के बाद मुलायम आजमगढ़ की सीट को सुरक्षित नहीं समझते हैं। उन्होंने आजमगढ़ और मैनपुरी दोनों जगह से चुनाव लड़ा था, लेकिन आजमगढ़ से अपनी सदस्यता रखी थी। अब मुलायम मैनपुरी लौटना चाहते हैं जिसका उन्होंने पहले लोक सभा में तीन बार प्रतिनिधित्व किया है। अभी इस सीट का प्रतिनिधित्व उनके भाई के पोता तेज प्रताप सिंह कर रहे हैं। तेज प्रताप लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं और पारिवारिक झगड़े में पाला बदल कर अखिलेश यादव के समर्थक हो गए हैं। (संवाद)