ताजमहल पर सारा ध्यान होने के कारण किसी ने भी जामा मस्जिद के बारे में सोचा ही नहीं। लेकिन 361 साल पुरानी इमारत का सामने का हिस्सा और अंदरूनी ढ़ाचों पर उनके गिर जाने का खतरा मंडराने लगा तो लोगों को इसका ध्यान आया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पांच सदस्यीय टीम ने दिल्ली विभाग के प्रमुख राजेंद्र देहोरी के नेतृत्व में इस एंतिहासिक इमारत को हो रहे नुकसान का जायजा लिया। पिछली बार 10 साल पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर मस्जिद की मरम्मती हुई थी। मस्जिद की चाभी रखने वाले परिवार ने एक साल पहले इसकी सूचना दी थी। मस्जिद के शाही इसाम सैयद अहमद बुखारी ने मस्जिद के गिरते ढ़ांचे की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया था।

पानी कि रिसाव के कारण जामा मस्जिद को खतरा पैदा हुआ है। इसने दीवारों से बलुआ-पत्थर तथा प्लास्टर को अलग कर दिया है। इसके अलावा इसने दीवारों की नक्काशी को नुकसान पहंुचाया है। अपने पत्र में बुखारी ने ढांचे की मरम्मती के लिए उनकी सहायता मांगी है। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भी ज्ञापन दिया। लेकिन एएस आई ने इस पर इसी महीने ध्यान दिया जब मीडिया ने खबरें दी।

‘‘हमने प्रधानमंत्री कार्यालय और एएसआई से कहा कि रख-रखाव के अभाव में स्थाई नुकसान हो रहा है। मुख्य इबादतगाह और तीन गुंबदों की तत्काल मरम्मती की आवश्यकता है,’’ बुखारी ने कहा।

एक एएसआई अधिकारी ने कहा कि पाईप लाईन की मरम्मती की गई थी। लेकिन दीवारों तथा गुंबद को हुए नुकसान की जानकारी एएसआई को नहीं है। उसने कहा कि मस्जिद एएसआई की सुरक्षा में नहीं है।

एएसआई का कहना सही है कि यह उसकी जिम्मेदारी नहीं है। यह जिम्मेदारी दिल्ली वक्फ बोर्ड की हैं लेकिन वक्फ के पास मरम्मती के लिए पैसा नहीं है। बुखारी ने कहा कि इसी तरह की मंाग पर दस साल पहले एएसआई ने मरम्मती का काम किया था। 1950 की दशक की शुरूआत में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एएसआई को उस समय भी इसकी मरम्मती का आदेश दिया था जब बिजली गिरने से मस्जिद की एक मीनार को गंभीर नुकसान हो गया था।

सत्रहवीं सदी की इस मस्जिद को मस्जिद-ए जहां नुमा कहा जाता है लेकिन लोग इसे जामा मस्जिद कहने लगे। उस समय इसे बनाने में छह साल लगे तथा दस लाख रूपए का खर्च आया। औसतन हर दिन 5000 पर्यटक तथा एक हजार नमाज अदा करने वाले मस्जिद में आते हैं।
एएसआई की एक आधिकारिक सर्वेक्षण टीम शीघ्र ही मस्जिद का दौरा करेगी।

दिल्ली सरकार की आपदा विभाग की टीम भी अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। यह जानकारी नोडल आफिसर नीलोफर निजामी ने दी।

दिल्ली वक्फ बोर्ड भी जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। (संवाद)