नागर विमानन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय के रूप में 1985 में आईजीआरयूए की स्थापना हुई और 1986में इसने एयरलाइनों में प्रवेश के लिए पायलटों को अत्यधिक दक्षतापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के अपने प्राथमिक उद्देश्य के साथ अपना संचालन शुरू किया।
यह संस्थान समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर आधारित लाईन ओरिएंटेड उड़ान प्रशिक्षण (एलओएफटी) के साथ ही स्नातक के नीचे वाले उम्मीदवारों के लिए मुख्य रूप से कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए इंस्ट्रूमेंट रेटिंग और मल्टी इंजन इंडोर्समेंट के साथ पाठ्यक्रम संचालित करता है ।
नागर विमानन मंत्रालय ने पुराने बेड़े और आईजीआरयूए की आधारभूत सुविधाओं के आधुनिकीकरण के साथ ही विमानन क्षेत्र की अग्रणी वैश्विक कंपनी सीएई के साथ एक प्रबंधन अनुबंध तैयार करने के लिए पूंजी निवेश किया है ताकि विमानन प्रशिक्षण की आधुनिक प्रक्रिया को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार व्यवस्थित किया जा सके और इस प्रकार पायलटों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता का उन्नयन होने के साथ ही इसे सीएई ग्लोबल अकादमी का एक अभिन्न हिस्सा बनाया जा सके ।
आईजीआरयूए ने अब दो वर्षों की अवधि में छात्रों के प्रवेश की संख्या को 45 से बढा़कर 100 कर दिया है और अपनी प्रशिक्षण अवधि को 24 माह से घटाकर 18 माह कर दिया है । इस अवधि को और भी घटाकर 15 वर्ष करना इसका लक्ष्य है और इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि गुणवत्ता और मानकों के साथ कोई समझौता न हो ।
भारत
आईजीआरयूए को ग्राउंड प्रशिक्षण के लिए आईएसओ 9001: 2008 प्रमाण पत्र
विशेष संवाददाता - 2010-02-22 13:00
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) का ग्राउंड प्रशिक्षण विभाग 05 जनवरी, 2010 से भारत में आईएसओ 9001: 2008 प्रमाण पत्र पाने वाला पहला ग्राउंड प्रशिक्षण स्कूल बन गया है । आईजीआरयूए अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठन (आईएसओ)द्वारा प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षण प्रदान करने के क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त करने की प्रक्रिया में है और उस दिशा में उठाया गया यह पहला कदम है ।