संशोधनों की रूपरेखा भारत के समाचार पंजीयक (आरएनआई) की वेबसाईट तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाईट पर प्रकाशित कर दिये गये है। इसके अलावा आरएनआई ने समाचार पत्रों के संघों से भी संशोधनों पर अलग से सुझाव आमंत्रित किये हैं।
प्रेस तथा पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867, 142 वर्ष पहले लागू हुआ था और इसमें बहुत कम ही परिवर्तन हुआ है। जबकि प्रिंट मीडिया ने इस दौरान बेहद विकास किया है। सरकार ने नये समाचार पत्र समूहों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी समाचार पत्रों के प्रतिकृति संस्करणों के प्रकाशन की भी अनुमति दे दी है। नये घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक हो गया था कि अधिनियम मेंे समय के साथ बदलाव किये जाएं क्योंकि मौजूदा रूप में यह अधिनियम प्रिंट मीडिया की ज़रूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त है।
ये सुझाव भारत के समाचार पंजीयक (आरएनआई), पश्चिमी खंड-8, विंग-2, रामकृष्ण पुरम, नई दिल्ली-110066 को भी भेजे जा सकते हैं। लिफाफे पर पीआरबी एक्ट सुझाव लिखा होना चाहिये और 03 मार्च, 2010 तक पहुंच जाने चाहिएं।
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प्रेस तथा पुस्तक पंजीकरण अधिनियम में संशोधनों के लिए सुझाव आमंत्रित
विशेष संवाददाता - 2010-02-22 17:50
नई दिल्ली: भारत सरकार ने प्रेस तथा पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 में प्रस्तावित संशोधनों के लिए सभी हितधारकों से सुझाव/टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।