इस तरह के हालात ने राजस्थान की भाजपा सरकार को अन्दर ही अन्दर हिला के रख दिया है। इस तरह के हालात को अपने पक्ष में बदलने की दिशा में सरकार का यह आखिरी बजट है । अब प्रश्न यह उभरता है कि क्या यह बजट आमजन को सरकार की इस अल्पावधि में संतुष्ट कर पायेगा ? जिससे भाजपा सरकार इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से जनदेश प्राप्तकर अपनी शाख बचा सके।
इस दिशा में राजस्थान सरकार के बजट 2018- 19 पर एक विहंगम्् दृृष्टि डाले जहां भापजा सरकार ने इस बजट में अनुसूचित जाति, जनजाति को विशेष रूप से प्रभावित करने के लिये प्रत्येक नगरपालिका क्षेत्र में अंबेडकर भवन बनाये जाने की घोषणा के साथ- साथ राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति विŸा एवं विकास सहकारी निगम द्वारा 2 लाख तक बकाया ऋण एवं व्याज को माफ किये जाने की भी घोषणा की है। अन्य पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छोटे कामगारों को 2 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण देने की भी घोषण की है। सरकार का यह बजट इस वर्ग के नाई, कुम्हार, मोची, बड़ई पेशे से जुड़े लघु उद्योमियों को निश्चित तौर पर प्रोत्साहित करेगा।
सरकार द्वारा इस बजट में बेराजगार युवाओं के दर्द को कुछ हद तक पहचाानने की चेष्टा की गई है जिसके तहत यूपीएससी, आरपीएससी, राजस्थान सबार्डिनेट एवं मिनिस्ट्रीयल सर्विसेंज स्लेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा में साक्षात््कार में उपस्थित होने वाले वाले प्रत्याशियों को राजस्थान परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा कराने की सुविधा दिये जाने की घोषणा की गई है। साथ ही राजस्थान परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा कराने की सुविधा दिये जाने की घोषणा  प्रदेश के 80 वर्ष से ऊपर वृृद्ध जनों के पक्ष में भी की गई है जिनके साथ 50 प्रतिशत छूट के साथ एक सहायक का भी प्रावधान है।
इस बार बजट में विशेष रूप से किसान वर्ग को प्रभावित करने का भरपूर प्रयास किया गया है जिसके तहत ़ऋण माफी के साथ - साथ अल्पकालीन व्याज मुक्त फसली ऋण वितरण, समर्थन मूल्य के तहत खरीदारी पर व्याज मुक्त ऋण, 5 लाख मैट्रिक टन भंडारण क्षमता वाले गोदामों का निर्माण, 2 लाख कृृषि कनेक्शन सहित अनेक सुविधाएं देने के प्रावधान नजर आते हैं। सरकार ने बजट में महिला वर्ग को भी अपनी ओर आकर्षित करने के लिये महिला मानदेयकर्मियों का मानदेय बढ़ाने एवं अन्य सुविधाएं देने का प्रावधान है। बजट में वेतन कर्मियों के सातवें वेतन के एरियर भुगतान करने की घोषणा के साथ - साथ सड़क , पेयजल, उर्जा, चिकित्सा , शिक्षा सभी क्षेत्र में कुछ न कुछ देकर आमजन को प्रभावित करने का प्रयास तो किया है पर आमजना पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा । राजस्थान का ऊंट किस करवट बैठेगा कह पाना मुश्किल है।
राजस्थान की भाजपा सरकार ने आमजन की निगाहों में अपने स्वर्णिम चार साल के कार्यकाल को यों ही निकाल दिया है जहां हर वर्ग में असंतोष नजर आ रहा है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव वर्ष के अंतराल में होने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। जिसकी झलक अभी हाल में हुए उपचुनाव में देखने को मिली । इस चार साल के जनाक्रोश को अपने आखिरी बजट में पाटने का प्रयास तो सरकार ने किया है पर इस अल्पावधि में उभरा जनाक्रोश कितना कम हो सकता, इस बजट से प्रदेश की आम जनता कितना संतुष्ट हो पाती है, कह पाना मुश्किल है।
राजस्थान का युवा एवं किसान वर्ग विशेष रूप से सरकार से नराज चल रहा है जो सर्वाधिक रूप से चुनाव को प्रभावित करता है। केन्द्र की जीएसटी के वजह से प्रदेश के छोटे व्यापारी वर्ग भी फिलहाल भाजपा की आर्थिक नीतियों के खिलाफ है। बजट में इस वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया तो गया है पर सरकार पर किसी का विश्वास रहा नहीं । प्रदेश का आमजन इस बजट को चुनाव दृृष्टि से भी देख रहा है जहां उसे अमल पर विश्वास नहीं । प्रदेश की सरकार इस बजट को विकास की कड़ी में अहम कदम मान रही है पर आमजन को विश्वास नहीं । इसे चुनावी बजट ज्यादा, हकीकत कम बताया जा रहा है । वैसे यह बजट चुनावी बजट ही है जहां हर वर्ग को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। (संवाद)
        
            
    
    
    
    
            
    राजस्थान का ऊंट आखिर किस करवट बैठेगा?
युवा एवं किसान वर्ग सरकार से नाराज
        
        
              भरत मिश्र प्राची                 -                          2018-02-19 09:43
                                                
            
                                            इस बार राजस्थान विधानसभा में प्रस्तुत बजट वर्तमान सरकार का आखिरी बजट है जिसके माध्यम से सरकार ने चुनाव पूर्व एक साथ सभी वर्ग को संतुष्ट करने का भरपूर प्रयास किया है । राजस्थान सरकार के इस बजट में केन्द्र सरकार के आम बजट की ही तरह सराकर से असंतुष्ट किसानों को सर्वाधिक रूप से प्रभावित करने का प्रयास किया गया है। इसी वर्ष के अंत में राजस्थान विधानसभा चुनाव होने वाले है जहां अभी हाल ही में प्रदेश में हुये लोकसभा के दो सीट एवं एक विधानसभा सीट के उपचुनाव ने विपक्ष के हौसले बुलन्द कर रखे है। भाजपा को वहां   पूर्णरूपेण मात खानी पड़ी है।