बजट के मुख्य बिन्दू निम्न प्रकार हैं -
· अपने प्रस्ताव तैयार करते समय मेरे पास दो पहलू थे । पहले मैंने परियोजनाओं की लाभप्रदता को प्रतिफल की दर आदि के परमपरागत तरीके से देखा । मेरे द्वारा प्रस्तावित अधिकांश परियोजना इसी कोटि के अंतर्गत आती हैं । परन्तु एक अन्य पहलू जिसे निर्णय लेते समय मुझे महत्त्व देना है, वह है सामाजिक उत्तरदायित्व । भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा होने के कारण, रेलों को देश के अधिकांश भागों को संपर्क मुहैया कराना है । क्या संपर्कता की आवश्यकता का निर्णय करने के लिए वाणिज्यिक लाभप्रदता ही एकमात्र आधार होना चाहिए ? अथवा क्या सामाजिक उत्तरदायित्व एक महत्त्वपूर्ण पहलू नहीं होना चाहिए ? मैं बाद वाले को तरजीह दूंगी । हमारा लक्ष्य समावेशी विकास का है । यदि संपर्कता नहीं होगी, तो सभी के लिए विकास संभव नहीं होगा । यदि हम विकास की प्रक्रिया की वृद्धि में सभी को शामिल नहीं करेंगे तो विकास मात्र आंकड़ों पर ही टिका रह जाएगा । हमें इस प्रकार का विकास नहीं चाहिए।
· संपर्कता के बिना जो आज लाभप्रद नहीं है, वही संपर्कता मुहैया कराने के बाद लाभप्रद हो जाएगा । मुझे विश्वास है कि रेलें भावी विकास के लिए निवेश करने में इस उत्तरदायित्व को नज़रअंदाज नहीं करेंगी ।
· हमें वर्ष-दर-वर्ष तथा दूसरों के सामने अपनी गरीबी का प्रदर्शन करने की बजाय हमारे पास जो कुछ भी उपलब्ध है, उसी के आधार पर अपना सर्वोत्तम कार्य करने का प्रयास करना चाहिए । हमारा ध्येय हमारा लक्ष्य है, हमारा मिशन देश के विकास में, हमारा कर्म रचनात्मक तथा अभिनव है, हमारे विचार सृजनात्मक हैं, हमारा लक्ष्य संपर्कता के जरिये देश को एकसूत्र में पिरोना है ।
विजन 2020 में उल्लेख है
भारतीय रेलें कुशल, सराहनीय, ग्राहक केन्द्रित तथा पर्यावरण के अनुकूल एकीकृत परिवहन समाधान मुहैया करायेंगे । यह देश के क्षेत्रों, समुदायों, बंदरगाहों और उद्योग, वाणिज्य, पर्यटन तथा तीर्थ स्थलों को जोड़ते हुए देश की सार्वजनिक उन्नति का वाहन बनेगा । प्रतिबद्ध, अधिकारयुक्त और संतुष्ट कर्मचारियों के अपने एकीकृत दल और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इसकी सेवाओं और पहुंच में निरंतर विस्तार और सुधार किया जाएगा ।
रेल मंत्री ने देश की जनता से आए 5,000 से ज्यादा अनुरोधों का हवाला देते हुए कहा कि
· मैं (ने) हर प्रस्ताव का स्क्रूटनी किया है, सभी को एक्मोडेट करना आपरेशनल और टेक्नीकल दृष्टि से संभव नहीं है, यह सब कर दूं तो, रेलवे को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा । अभी भी जो चल रहा है, वो भी बड़ी मुश्किल से । रेक्स नहीं है, एक दिन में यह सब नहीं हो सकता, लेकिन तभी भी हम (ने) हर संभव कोशिश की है । बिल्कुल नहीं करने से तो अच्छा है कि कुछ करूं । अगर आपरेशनल, इंफ्रास्ट्रक्चरल या फाइनेंसियल कारणों की वजह से किसी का प्रस्ताव नहीं हो पाया है तो उसके लिए मैं क्षमा चाहती हूं ।
· लक्ष्यों को लघु, मध्यम तथा दीर्घकालिक तीन भागों में बांट दिया है । लघु कालिक लक्ष्यों के लिए हम अभी कार्य कर सकते हैं । मध्यकालिक, दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए हमें योजना बनानी होंगी तथा निधि की व्यवस्था करनी होगी । इसमें समय लगेगा, परन्तु यदि हमें विशेष सहायता मिलेगी तो जनसंख्या के एक बड़े भाग को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 5 वर्षों के भीतर संपर्कता उपलब्ध हो जाएगी ।
· 1950 में रेलों के पास 53,596 किलोमीटर का मार्ग किमी. था, 58 वर्ष के बीत जाने के बाद भी हम केवल 64,015 किमी. पर पहुंच पाए हैं, अर्थात 10,419 किमी. इसमें जुड़ पाए हैं । इस प्रकार वार्षिक औसत मात्र 180 किमी. है । अगर हम विश्व पर नज़र दौड़ाए तो आप पाएंगे कि विकसित तथा विकासशील दोनों ही राष्ट्र नई लाइनों के मार्ग किमी. में अधिक-से-अधिक वृद्धि करने के लिए प्रत्येक वर्ष सैंकड़ों बिलियन डॉलर खर्च कर रहे हैं । इसलिए हमें देशभर के लोगों तथा स्थानों को जोड़ने के लिए तीव्र गति से काम करना होगा ।
· जैसा कि विज़न 2020 में उल्लेख किया गया है, आगामी 10 वर्षों में हमारा अपने नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर की वृद्धि करने का लक्ष्य है । इसे तंगियों के शिकंजों को तोड़कर प्राप्त करना होगा ।
· अब समय आ गया है कि व्यवसायी समुदाय आगे आए और रेलों के साथ भागीदारी करने में अपने हाथ बढा़एं। कभी-कभी उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है । वे निवेश करने के लिए इच्छुक हैं, परन्तु उनके प्रस्ताव न्न एक नकारात्मक दृष्टिकोण न्न के चलते अनुचित रूप से विलम्बित कर दिए जाते हैं । कृपया मुझे ऐसा कहने के लिए माफ करें, परन्तु यह सत्य है कि प्रशासनिक तथा कार्यप्रणाली में बाहरी या आंतरिक रूप से विलम्ब अवश्य होता है, जिसके चलते संभावित निवेशक निरुत्साह हो जाते हैं ।
· मैंने 100 दिनों के भीतर निवेश संबंधी मामलों को क्लीयर करने के लिए एक कार्यदल गठित करने का विनिश्चय कर लिया है । हमारी नीति सम्मत दिशा-निर्देश सरल, सुगम और निवेश के अनुकूल होगी । प्राइवेट पूंजी से अवसंरचना सृजित करने से सभी के लिए धन का सृजन होगा और हम सर्वोत्तम के लिए एक मानदण्ड बन जाएंगे ।
· इस समय नये बिजनेस मॉडलों को विकसित करने तथा नई लाइनों से लेकर विश्वस्तरीय स्टेशन, आटो हब से लेकर सहायक उद्योगों, चल स्टाक की विनिर्माण यूनिट से लेकर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, पोर्ट संपर्कता के लिए उच्च गति गाड़ी गलियारे तथा मल्टी लेवल पाकिर्गं से खान संपर्कता इत्यादि जैसे क्षेत्रों में पीपीपी मोड के जरिए घरेलू निवेश आमंत्रित करने की आवश्यकता है । रेलों में घरेलू निवेशकों के लिए अत्यधिक गुंजाइश है तथा वह भविष्य में हमारी आशा होगी । इससे रेलों में अधिक मात्रा में निवेश करना सुसाध्य होगा तथा निवेशकों के लिए व्यवसाय सुलभ हो जाएगा ।
· व्यवसाय मॉडल के कार्यान्वयन के लिए रेलों के भीतर एक पृथक संरचना सृजित की जाएगी ताकि परिचालन तथा प्रबंधन बाधित न हो । मैं दोनों भागों का ध्यान रखूंगी तथा इस मामले में माननीय प्रधानमंत्रीजी का मार्गदर्शन लेना चाहूंगी । इस मामले में अपने रेल परिवार को विश्वास दिलाना चाहूंगी कि हम रेलों का निजीकरण नहीं करने जा रहे हें । यह एक सरकारी संगठन बना रहेगा।
· अपने विजन के अनुरूप अब तक के इतिहास में पहली बार हम अपने सीमित संसाधनों के बावजूद एक वर्ष में नई लाइनों के 1,000 मार्ग किमी. को पूरा करने की ओर एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बना रहे हैं । पिछले 58 वर्षों में नई लाइनों के 180 किमी. तथा पिछले पांच वर्षों में 219 मार्ग किमी. का वार्षिक औसत को देखते हुए यह लीक से हटकर एक कदम होगा ।
· मैंने पिछला बजट 3 जुलाई, 2009 को पेश किया था तथा कई घोषणाएं की थीं। 7 महीनों की अवधि के भीतर हमने अपनी अधिकांश वचनबद्धताएं पूरी कर ली हैं । मैं उनमें से कुछ का संक्षेप में वर्णन करना चाहूंगी -
1. सदन को यह जानकार हर्ष होगा कि घोषित की गई 120 नई गाड़ियों, जिनका विस्तार किया गया, जिन गाड़ियों की फ्रीक्वेंसी में वृद्धि की गई, उनमें से 117 नई गाड़ियों को मार्च 2010 के अंत तक हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया जाएगा । शेष 3 आमान परिवर्तन कार्यों के पूरा हो जाने पर शुरू कर दी जाएगी ।
2. जैसा कि आश्वासन दिया गया था, रेलवे भर्ती बोर्डों की भर्ती नीति की समीक्षा कर ली गई है तथा कई उपाय प्रारंभ किए गए हैं । महिला उम्मीदवार तथा अल्पसंख्यक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े जिन उम्मीदवारों की वार्षिक पारिवारिक आय 50,000 रुपये से कम है, के संबंध में परीक्षा शुल्क माफ करने के अलावा, अब से सभी प्रश्न पत्र हिन्दी, उर्दू तथा अंग्रेजी के साथ-साथ राज्य की स्थानीय भाषा में भी तैयार किए जाएंगे तथा देशभर में सभी रेलवे भर्ती बोर्डों द्वारा किसी एक पद विशेष के लिए एक साथ एक ही तारीख को परीक्षा आयोजित की जाएगी।
3. इज्जत स्कीम, प्रेस संवाददाताओं को रियायत और विद्यार्थियों को दी जाने वाली रियायत को मदरसों, हायर मदरसों तथा सीनियर मदरसों में विस्तारित करने की योजना घोषणा करने के बाद तीन महीनों के भीतर लागू कर दी गई थी ।
4. सभी 67 मल्टी-फंक्शनल परिसरों में कार्य शुरू कर दिया गया है । आदर्श स्टेशनों का विकास भी चरणबद्ध आधार पर शुरू किया जा चुका है ।
5. डाकघरों से टिकटें जारी किए जाने के संबंध में की गई घोषणा पर वित्तीय कारणों की वजह से आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है, परन्तु हम मुश्किल आसान मोबाइल वैनों के कार्य क्षेत्र में विस्तार करके इसकी भरपाई कर रहे हैं ।
यात्री सुविधाएं
· रेलवे द्वारा 2010-11 में यात्री सुविधाओं पर 1302 करोड़ रुपये के रिकार्ड खर्च का अनुमान लगाया गया है ।
· हम यात्री सुविधाओं और स्वच्छता में सुधार करने के लिए एक विशेष अभियान चलाने जा रहे हैं । हमनें कई स्टेशनों पर किफायती मूल्य वाले जनता आहार भोजन की पहले ही शुरूआत कर दी है । चूंकि हमें बहुत-सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं । इसलिए हमने चुनिंदा गाड़ियों में विभागीय तौर पर खान-पान सेवायें मुहैया कराने का निश्चय किया है । खान-पान नीति में संशोधन किया जा रहा है तथा उसे यथाशीघ्र अंतिम रूप दिया जाएगा ।
स्टेशनों का उन्नयन
· यात्रियों के आराम, सुविधाओं, आस-पास के परिवेश में सौंदर्य में वृद्धि करने के लिए हमारे निरन्तर प्रयास को देखते हुए 94 और स्टेशेनों की आदर्श स्टेशन के रूप में घोषणा की गई है ।
· मैंने 10 और स्टेशनों की पहचान की है, जिन्हें विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में परिवर्तित किया जाना है । वे हैं - अंबाला कैंट, बोलपुर, एर्णाकुलम, गोरखपुर, जम्मू, झांसी, खड़गपुर, कोटा, सूरत तथा ठाणे ।
· मैं आने वाले वर्ष में 93 अन्य मल्टी-फंक्शनल परिसरों के निर्माण का प्रस्ताव करती हूं ।
· बड़े नगरों के स्टेशनों के नभ क्षेत्र का उपयोग पीपीपी के जरिए मल्टी लेवल पाकिर्गं परिसरों के निर्माण के लिए किया जाएगा । वर्ष के दौरान, कुछ पॉयलट परियोजनाएं शुरू कर दी जाएंगी ।
· जैसा कि सदन जानता है कि 1.8 करोड़ यात्रियों को पानी, भोजन, शौचालयों, स्वच्छता, संरक्षा और सुरक्षा की आवश्यकता है । पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मैं इस आदेश के साथ कि स्टेशनों पर अधिक सस्ती कीमतों पर ताजा पानी उपलब्ध कराया जाएगा, सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रणाली के जरिये अम्बाला, अमेठी, माल, नासिक, फरक्का और त्रिवेन्द्रम में छह बोटलिंग संयत्र लगाने का प्रस्ताव कर रही हूं ।
यात्री और ग्राहक संतुष्टीकरण में सुधार करने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा रहे हैं -
1. आरक्षण स्थिति और रेलगाड़ियों के समयपालन के बारे में एसएमएस अपडेट्स उपलब्ध कराना,
2. माल यातायात ग्राहकों को भी उनके मालडिब्बों के संचलन के संबंध में एसएमएस अपडेट्स उपलब्ध कराना,
3. पायलट परियोजना के रूप में दिल्ली और कोलकाता से दो गाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक मानदंडों के समतुल्य डबल डेकर रेलगाड़ियों की शुरूआत,
4. तीन क्षेत्रीय रेलों में कोयले और लौह अयस्क की ढुलाई करने वाले मालडिब्बों पर नजर रखने के लिए आरएफआईडी प्रौद्योगिकी का उपयोग करना ।
· रेलवे, सभी महत्त्वपूर्ण स्टेशनों पर आधुनिक ट्रालियां शुरू करने का प्रयास करती हैं, जिनसे वर्दीधारी परिचर वरिष्ठ नागरिकों तथा महिला यात्रियों को उनके सामान सहित सवारी डिब्बों में आराम से चढऩे तथा गाड़ी से उतरने में सहायता करेंगे ।
· रेंकों के आवंटन के संबंध में हमें बहुत-सी शिकायतें प्राप्त हुई हैं । इस पद्धति को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है । प्रारंभ में, लौह अयस्क रेकों का आवंटन वैज्ञानिक आधार पर किया जाएगा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह वेब के माध्यम से सुगम्य होगा । इस प्रणाली पर सदस्य यातायात द्वारा निजी रूप से नजर रखी जाएगी ।
· मुश्किल आसान के कार्य क्षेत्र में विस्तार करने के लिए, मैं सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पतालों, उच्च न्यायालयों, जिला न्यायालयों, विश्वविद्यालय परिसरों, आईटी हबों, आईआइटी और आईआईएम आदि में आरक्षण टिकट जारी करने के लिए ई-टिकट आधारित मोबाइल वैनें शुरू किए जाने का प्रस्ताव करती हूं । आम जनता को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए, स्थानीय सरकारअर्धसरकारी प्राधिकरणों और निजी संगठनों से बुनियादी ढांचागत सहायता के साथ जिला मुख्यालयों और गांव पंचायतों में टिकट केन्द्र खोलने का भी प्रस्ताव करती हूं ।
संरक्षा और सुरक्षा
· संरक्षा और सुरक्षा के संबंध में हमेशा सजग रहना आवश्यक है और हमारा स्पप्न और ध्येय दुर्घटनारहित भारतीय रेल है । इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे का निवारण करने के लिए, हमने सर्वोच्च स्तर की प्रौद्योगिकी को अपनाने और सुप्रशिक्षित जनशक्ति को काम पर लगाने की दोहरी नीति आपके समक्ष रखी थी, जैसा कि विजन 2020 में दिया गया था । हमें किसी भी दुर्घटना की रोकथाम करने के लिए नए उपस्कर और अत्याधुनिक उपकरण प्रयोग करने होंगे । टक्कर रोधी उपकरण (एसीडी) और गाड़ी सुरक्षा चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्ल्यूएस) ऐसे ही दो उपकरण हैं । पूर्ववर्ती उपकरण पूर्वोत्तर सीमा रेलवे पर पहले ही संस्थापित किया जा चुका है और अब तीन अन्य क्षेत्रीय रेलों में इसको लगाए जाने का प्रस्ताव है । वर्ष के दौरान, संरक्षा में सुधार करने और टक्करों की रोकथाम करने के लिए 828 मार्ग किलोमीटर को शामिल करते हुए गाड़ी सुरक्षा चेतावनी प्रणाली की चार परियोजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी । रेलवे क्रैशवर्दी सवारी डिब्बों और रेल इंजन भी विकसित कर रही है, जो दुर्घटनाओं के मामलों में टक्कर के उच्च प्रभाव को आत्मसात करने में समर्थ होंगे और 20 जोड़ी लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में स्वचल अग्नि एवं धुआं संसूचन प्रणाली उपलब्ध कराएगी ।
· बिना चौकीदार वाले समपारों पर दुर्घटनाएं हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है । अभी भी 17,000 बिना चौकीदार वाले समपार मौजूद हैं । सदन को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि 2009-10 में लगभग 3,000 समपारों पर चौकीदार तैनात करने के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया था तथा अगले वर्ष रेलें 1,000 अन्य समपारों पर चौकीदार नियुक्त करने का प्रस्ताव करती है ।
· पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ऊपरी सड़क पुलनिचले सड़क पुलों के अलावा अधिक संख्या में अंडरपास, सीमित ऊंचाई वाले सबवे का निर्माण करेगी ।
· चूंकि रेलवे स्पष्ट रूप से विद्यमान है, अत: यह आसानी से निशाना बन जाती है । विभिन्न ऐसे मसलों, जिनका रेल कार्यप्रणाली के साथ कोई दूर-दूर तक सरोकार नही है, पर अक्सर रेल-रोको आंदोलन के कारण भारी राजस्व गंवाना पड़ता है । यदि कोई स्थानीय मुद्दा होता है तो उसकी शिकायत के लिए रेलवे को ही पहला निशाना बनाया जाता है । परिणामस्वरूप यात्रियों को कष्ट होता है व्यापार प्रभावित होता है और हमारी अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । इसलिए मैं जनता से रेलवे को निशाना नहीं बनाने की अपील करती हूं, क्योंकि यह आपकी अपनी है ।
· रेलवे अपनी यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक व्यापक बिल लाएगी ।
· महिला वाहिनी के नाम से महिला रेल सुरक्षा बल कर्मियों की 12 कंपनियां गठित करके महिला यात्रियों की सुरक्षा में सुधार किया जाएगा । रेल सुरक्षा विशेष बल को भी सुदृढ ़िकया जाएगा । महिलाओं विशेषकर अल्पसंख्यक, अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजातिअन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ।
· हमें अपने बहादुर जवानों पर गर्व है, जो देश के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। चूंकि सुरक्षा एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है इसलिए मैंने रेल सुरक्षा बल को मजबूत बनाने के लिए अपने भूतपूर्व सैनिकों को शामिल करने का फैसला किया है, जो हमारे लोगों को वास्तविक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं ।
खेल-कूद
· खेल-कूद के एक महान संरक्षक के रूप में भारतीय रेल खेल-कूद को बढा़वा देने के लिए प्रदान किए गए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार का प्रथम प्राप्तकर्ता है । मौजूदा खेल-कूद अवसरंचना को सुदृढ क़रने के उद्देश्य से मैं दिल्ली, सिकंदराबाद, चेन्नै, कोलकाता और मुम्बई में 5 खेल-कूद अकादमी स्थापित करने का प्रस्ताव करती हूं । यह भी प्रस्ताव है कि हॉकी के विकास के लिए और अधिक स्थानों पर एस्ट्रो-टर्फ की भी व्यवस्था की जाए । रेलवे, बेहतर रोजगार अवसर मुहैया कराएगी ।
· भारत की मेजबानी में इस वर्ष होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय रेल अग्रणी साझीदार होगी । इस अवसर को यादगार बनाने और यह संदेश प्रचारित करने के उद्देश्य से रेलवे एक राष्ट्रमंडल प्रदर्शनी गाड़ी चलाने का प्रस्ताव करती है ।
संस्कृति एवं धरोहर
· रेल परिवार के 14 लाख सदस्य विभिन्न संस्कृति और सामाजिक पृष्ठभूमि से आते हैं उनके बीच मेलजोल एवं विनिमय के लिए मैं एक रेलवे सांस्कृतिक एवं धरोहर संवद्र्धन बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव रखती हूं।
· वर्ष 2010 कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर के 150वें जन्मोत्सव का वर्ष है, उनके सम्मान में मैं हावड़ा में रवींद्र संग्रहालय और बोलपुर में गीतांजलि संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव रखती हूं । मैं शांतिनिकेतन की वास्तुकला से प्रेरित होकर बोलपुर स्टेशन को नया रूप देने का भी प्रस्ताव रखती हूं ।
कर्मचारी कल्याण एवं स्वास्थ्य
· मैं गेंगमैन से लेकर अधिकारियों तक के 14 लाख कर्मचारियों पर गर्व करती हूं। हमें उनके कल्याण पर भी विचार करने की भी आवश्यकता है । मैं सभी के लिए आवास नामक एक नई योजना का प्रस्ताव करती हूं, जो शहरी विकास मंत्रालय की सहायता से अगले दस वर्षों में सभी रेल कर्मचारियों के लिए आवास मुहैया कराएगी ।
· हम स्वास्थ्य मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आभारी हैं, जिनके साथ रेल मंत्रालय ने हाल ही में सरप्लस रेल भूमि पर अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना किए जाने हेतु दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं । इन मंत्रालयों के सहयोग से यह आशा की जाती है कि लगभग 400 अस्पतालों एवं डायग्नोस्टिक केन्द्रों, 50 केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालय की तर्ज पर 10 आवासीय विद्यालयों, राष्ट्रीय महत्त्व के आदर्श डिग्री महाविद्यालयों और तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थानों की स्थापना की जाएगी, जिससे रेल कर्मचारियों और उनके बच्चों को बहुत लाभ पहुंचेगा । देशभर में बड़े पैमाने पर विभिन्न स्थानों पर बाह्र रोगी विभाग एवं डायग्नोस्टिक केन्द्र, द्वितीय स्तर के सामान्य विशेषज्ञता वाले अस्पताल और तृतीय स्तरीय बहु-विशेषज्ञता अस्पताल स्थापित करने का भी प्रस्ताव है ।
· रेलवे की 80,000 महिला कर्मचारियों के बच्चों के लिए 50 शिशु सदनों और 20 होस्टलों को भी स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव है ।
· मैं सभी लाइसेंसधारी कुलियों, वेंडरों एवं हॉकरों जो असंगठित क्षेत्रों से हैं और सामाजिक रूप से अक्षम हैं, के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के विस्तार का प्रस्ताव रखती हूं ।
· रेलवे कटक, कूच बिहार, मालदा और जबलपुर में चार बहु-विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र, खड़गपुर में एक नवीनतम उन्नत लोको पायलट प्रशिक्षण केन्द्र और गैंगमैंनों तथा गेटमैनों के प्रशिक्षण के लिए बेलीघाटा में एक उन्नत रेलपथ प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करेगी ।
रेल अनुसंधान
· भारतीय रेल के महत्त्वाकांक्षी विजन के विस्तार एवं आधुनिकीकरण को पूरा करने के लिए स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास क्षमताओं के विकास पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है । मैंने रेलवे के अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन के पुनर्गठित किए जाने का निर्णय लिया है और इसे आधुनिक अनुसंधान संगठनों के अनुरूप बनाऊंगी ।
· रेल प्रौद्योगिकी के मुख्य क्षेत्रों और इसके स्वदेशीकरण हेतु भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर में रेल अनुसंधान केन्द्र की स्थापना किए जाने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा रेल मंत्री ने औद्योगिक संबंध, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाने का आधुनिकीकरण, सवारी डिब्बा उत्पादन, माल डिब्बा मरम्मत कारखाना, रेल धुरा कारखाना, पहियों के डिजाइन, विकास और परीक्षण केन्द्र की स्थापना, सवारी डिब्बा मध्यावधि पुनस्र्थापन (एमएलआर) कारखाना, माल डिब्बा निर्माण कारखाने, भारी धुरा भार माल डिब्बों के लिए मध्यावधि ओवरहॉलिंगआवधिक ओवरहॉलिंग कारखाने, प्रशीतित कंटेनर कारखाना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) और अन्य विषयों पर विभिन्न प्रस्तावों को अपने भाषण में शामिल किया ।
भारत: रेल बजट 2010-2011
रेल का निजीकरण नहीं, सार्वजनिक-निजी भागीदारी से समग्र विकास
विशेष संवाददाता - 2010-02-24 12:30
नई दिल्ली: रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 के लिए बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जायेगा बल्कि इसके समग्र विकास के लिए महज निजी क्षेत्र को भी भागीदार बनाया जायेगा। करीब 8 महीने में कुमारी बनर्जी द्वारा सदन में प्रस्तुत यह दूसरा रेल बजट है, जिसमें उन्होंने लोकलुभाऊ नहीं बल्कि समाजवादी और समतामूलक कदम उठाये हैं।