पिछली रिपोर्ट तक गोल्डमैन सैक्स ने मोदी सरकार को लेकर बहुत उत्साहित था। बैंक धोखाधड़ी के मामले लगातार आने के बाद उसकी ताजा रिपोर्ट नकारात्मक हो गई है। गोल्डमैन सैक्स 2013 से नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन कर रहे थे। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार थे। नरेंद्र मोदी और भाजपा को गोल्डमैन सैक्स के खुले समर्थन के कारण विपक्ष में कुछ अन्य लोगों के साथ तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया था।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, जो तब केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे, ने गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के खिलाफ मीडिया के सामने उसे ‘अनुचित और आपत्तिजनक’ कहते हुए जोरदार प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। शर्मा ने कहा था कि उन्हें उस तरह के प्रमाण की जरूरत नहीं है और भारत एक स्वाभिमानी राष्ट्र हैं और हमारे 80 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। उन्होंने कहा था कि इस तरह का ज्ञान बांटकर भारत के लोगों का अपमान किया जा रहा है और हमें उनको तवज्जो नहीं देना चाहिए।जवाब में गोल्डमैन सैक्स ने कहा था कि उनकी एशिया प्रशांत पोर्टफोलियो रणनीति रिपोर्ट में कोई राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं है और न ही कोई राजनीतिक राय है।

अब, वही गोल्डमैन सैक्स अब सरकार को शर्मिंदा करने वाले एक अलब धुन गा रहा है। पीएनबी धोखाधड़ी के बाद वैश्विक निवेश बैंकर की चेतावनी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, जिसने आशा व्यक्त की थी कि 32 अरब डॉलर का बैंक पुनर्पूंजीकरण योजना ऋण देने को प्रेरित करेगा। पिछले महीने पीएनबी धोखाधड़ी का खुलासा बैंक के शेयरों में गिरावट का कारण बनकर आई। अन्य बैंकों के घोटाले भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने नई चिंताओं को जन्म दिया है। अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी की भी उम्मीद नहीं है।

सरकार के लिए नवीनतम गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट काफी निराशाजनक है, भले ही वह हानिकारक नहीं हो। भारत ने पिछले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति वापस ले ली थी, क्योंकि यह 7.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पांच तिमाहियों में सबसे तेज है। लेकिन, निवेशक की भावना पीएनबी धोखाधड़ी को उजागर होने के बाद भी चोटिल हुई है। यह भारत के बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा फ्राॅड था। (संवाद)