· आर्थिक समीक्षा में आशा व्यक्त की गई है कि अर्थव्यवस्था के पूरी तरह उभरने भारत का सकत घरेलू उत्पाद 8.5 के आसपास रहेगा और यह 2011-12 में 9 प्रतिशत तक पहंुच नई ऊचाई छुएगी।

· विनिर्माण वृद्धि में भी दोगुणी वृद्धि हुई है। यह वर्ष 2008-09 में 3.2 प्रतिशत थी जो वर्ष 2009-10 में 8.9 प्रतिशत हो गई।

· आर्थिक समीक्षा में खाद्य महंगाई को सबसे बड़ी चिंता माना है।

· प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2008-09 में 3.7 प्रतिशत थी जो बढ़कर वर्ष 2009-10 में 5.3 प्रतिशत हो गई।

· सकल राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.5 प्रतिशत।

· वर्ष 2009-10 के दौरान तरलता की स्थिति आरामदायक रही।

· वर्ष दर वर्ष के आधार पर बैंक ऋण 13.09 प्रतिशत की वृद्धि।

· ताजा प्राप्त आंकडों के अनुसार 15 जनवरी, 2010 तक वित्तीय वर्ष के आधार पर गैर-खाद्य बैंक ऋणों में रिकॉर्ड 8.7 प्रतिशत की वृद्धि।

· कृषि ऋण वितरण लक्ष्य से आगे निकला। क्षेत्रवार स्तर पर कृषि क्षेत्र में निवेश में वृद्धि, यह वर्ष 2006-07 में 1.4 प्रतिशत, 2007-08 में 16.5 प्रतिशत और 2008-09 में 26.0 प्रतिशत था।

· निवेश जमा अनुपात बढ़कर 32.52 प्रतिशत हुआ।

· विदेशी मुद्रा प्रारक्षित में वृद्धि तथा पूंजी प्रवाह के कारण भुगतान शेष की स्थिति में सुधार। इसमें रुपये की मज़बूती ने भी सहयोग किया।

· अप्रैल-सिंतम्बर, 2009 में भारत में सकल पूंजी प्रवाह 29.6 बिलियन रहा जबकि अप्रैल-सिंतम्बर, 2008 में यह 12.0 बिलियन था।

· वित्तीय वर्ष 2009-10 के दौरान विदेश मुद्रा भंडार में 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई । यह मार्च, 2009 के अंत में 252.0 बिलियन अमरीकी डॉलर था जो दिसम्बर, 2009 के अंत में 283.5 बिलियन हो गया।

· वर्ष 2010 के लिए राजकोषीय नीति को अपनाने के लिए तेरहवें वित्त आयोग की सिफारिशों को मानना होगा।

· दूरसंचार क्षेत्र में गति जारी है। प्रति महीने उपभोक्ताओं की संख्या 170 लाख से पार।

· वर्ष 2009-10 में केंद्र सरकार का ग्रामीण विकास सहित सामाजिक सेवाओं के लिए योजना तथा गैर-योजनागत व्यय 19.46 प्रतिशत तक पहुंचा। वर्ष 2003-04 में यह मात्र 10.46 प्रतिशत था।