उस सम्मेलन की जबर्दस्त तैयारी की गई थी। ज्यादा से ज्यादा लोगों को जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे। दावा किया गया था कि सम्मेलन में 2 लाख लोग शिरकत कर्रेगे, लेकिन मात्र 20 हजार लोगों ने ही सम्मेलन में शिरकत किया। इससे यही पता चलता है कि मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना रुतबा खोता जा रहा है और लोगों के बीच उसकी अपील कमजोर होती जा रही है।
कुछ समय पहले ही मध्यप्रदेश के इंदौर में भारतीय जनता पार्टी का भी सम्मेलन हुआ था। उस सम्मेलन में भाजपा के नेताओं ने मुसलमानों को लुभाने वाली बातें की थीं। पार्टी से मुसलमानों को जोड़ने का संकल्प भी व्यक्त किया गया था। मुसलमानों से मांग की गई थी कि वे राम मंदिर बनाने के लिए बाबरी मस्जिद का स्ािल हिंदुओं को दे दें, बदले में हिंदू उन्हें किसी और जगह पर एक शानदार मस्जिद बनाकर देंगे।
लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भाजपा द्वारा मुसलमानों से बढ़ाया जा रहा राग पसंद नहीं किया जा रहा है। भोपाल के संघ सम्मेलन में जो कहा गया, उसका मजलब यही है। संघ प्रमुख डाक्टर भागवत ने संघ की पुरानी लाइन को एक बार फिर दुहराया कि भारतीय और हिंदू में कोई फर्क नहीं है।
संघ प्रमुख का कहना था कि जो कोई भी अपने को भारतीय कहता है, वह हिंदू है। यह बात तो समझ में आती है, क्योंकि यदि अपने को भारतीय कहने वाले किसी मुसलमान को संघ हिंदू समझता है, तो उसकी समझ से कोई एतराज कैसे कर सकता है। लंेकिन श्री भागवत का यह भी कहना था कि जो हिंदू है, वही भारतीय है। यानी जो यह कहे कि वह हिंदू नहीं है, तो वह भारतीय भी नहीं हो सकता।
संघ हिंदू की उस परिभाषा को मानता है, जो वीर सावरकर ने किया था। उय परिभाषा के अनुसार जो भारत को अपनी मातृभूमि और पुण्यभूमि मानता है वही हिंदू है और वही भारतीय भी। पुण्यभूमि से सावरकर का मतलब धर्म की जन्मभूमि था। यानी भारतीय होने के लिए किसी व्यक्ति को भारत को तो मातृभूमि मानना ही चाहिए इसके अलावा वह जिस धर्म अथवा आस्था में विश्वास रखता हो, उसे भी पैदाइशी भारतीय होना चाहिए।
अपनी इस परिभाषा के कारण वीर सावरकर जैन, बौध और सिख को तो हिंदू और भारतीय मानते थे, लेकिन ईसाइयों और मुसलमानों के बारे में उनकी राय अलग थी। संघ प्रमुख ने भोपाल के सम्मेलन में वीर सावरकर की परिभाषा को ही फिर से स्वर दियां जाहिर है, भाजपा की लाइन उसे पसंद नहीं है। (संवाद)
संघ का भोपाल सम्मेलन
भाजपा से अलग मत जाहिर किए गए
एल एस हरदेनिया - 2010-03-09 08:45
भोपालः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भोपाल में कुठ दिन पहले ही एक सम्मेलन हुआ। उस सम्मेलन में यदि लोगों की उपस्थिति कोई संकेत है, तो मानना पड़ेगा कि मध्य प्रदेश में संघ अपना आघार खो रहा है।