सुरक्षा आयोग की संरचना इस प्रकार है--
1. केन्द्रीय गृह सचिव अध्यक्ष
2. मुख्य सचिव, दिल्ली सदस्य
3. मुख्य सचिव, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह सदस्य
4. मुख्य सचिव, पुडुचेरी सदस्य
5. पुलिस आयुक्त, दिल्ली सदस्य
6. अन्य केन्द्रशासित प्रदेश के प्रतिनिधि सदस्य
(बैठक के एजेंडे की आवश्यकताओं के अनुरूप)
7. केन्द्र सरकार 5 स्वतंत्र सदस्यों का नामांकन करेगी।
8. संयुक्त सचिव (केन्द्र शासित प्रदेश), गृह मंत्रालय समन्वयक
केन्द्र सरकार द्वारा नामांकित किए गए स्वतंत्र सदस्यों का कार्यकाल दो वर्षों का होगा।
यह आयोग कानून के अनुसार कुशल, कारगर, अतिक्रियाशील और जिम्मेदार व्यवस्था को बढा़वा देने के लिए विस्तृत नीति निर्देशों की रचना करेगा, पुलिस सेवा के निष्पादन का मूल्यांकन करने के लिए प्रदर्शनसूचकांकों की पहचान करेगा। अन्य बातों के साथ-साथ इन सूचकांकों में निम्नलिखित बातों को भी शामिल किया जाएगा-- क्रियात्मक क्षमता, आम संतुष्टि, पुलिस जांच और प्रतिक्रिया की तुलना में पीड़ित की संतुष्टि, जिम्मेदारी, संसाधनों का अधिकतम उपयोग, मानव अधिकारों के मानकों का अनुपालन और (1)वार्षिक योजना (2) प्रदर्शन सूचकांक जैसे चिन्हित किए गए और बनाए गए और (3) पुलिस के पास उपलब्ध संसाधन और उसकी बाध्यताओं के मुकाबले राज्य में और जिला स्तर पर पुलिस सेवा के संगठनात्मक प्रदर्शन की समीक्षा और मूल्यांकन करेगा।
प्रकाश सिंह व अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य के डब्ल्यूपी (सी) संख्या 310 1996 में सर्वोच्च न्यायालय ने अन्य बातों के साथ-साथ एक सुरक्षा राज्य आयोग गठित करने का प्रस्तान भी किया है।
केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए सुरक्षा आयोग गठित
विशेष संवाददाता - 2010-03-13 06:14
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए इस महीने की शुरूआत में ही केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए एक सुरक्षा आयोग का गठन किया है।