उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार के नए तरीके सामने आए हैं और एम्फीटामाइन जैसे उत्तेजकों के बढत़े प्रयोग पर किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण नहीं है । श्री मित्रा ने यह भी कहा कि मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार और संगठित अपराध के साथ-साथ आतंकवाद के बीच संबंधों के कारण नई चुनौतियां उभर कर आई हैं, जिनसे निपटना अत्यंत आवश्यक है ।

ऐसे रसायनों के ऊपर नियंत्रण बनाने के संबंध में, जो अवैध रूप से मादक द्रव्य बनाने में प्रयोग में लाए जा सकते हैं, (तकनीकी रूप से प्रीकर्सर कहे जाते हैं) श्री मित्रा ने बताया कि भारत किसी भी देश के साथ प्रीकर्सर को विनियमित करने में अपने अनुभव और अपनी विशेषता बांटने के लिए तैयार है जो इसका उनको लाभ पहुंचाएगा।

राजस्व सचिव ने छह सदस्यीय भारतीय शिष्टमंडल का सीएनडी अधिवेशन में नेतृत्व किया । श्री मित्रा ने मादक द्रव्यों की तस्करी के लिए इन्टरनेट फार्मेसियों के दुरुपयोग से संबंधित चिंताजनक नए क्षेत्र पर भी प्रकाश डाला । श्री मित्रा ने कहा कि इस समस्या से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटने की आवश्यकता है ।