उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार के नए तरीके सामने आए हैं और एम्फीटामाइन जैसे उत्तेजकों के बढत़े प्रयोग पर किसी प्रकार का अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण नहीं है । श्री मित्रा ने यह भी कहा कि मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार और संगठित अपराध के साथ-साथ आतंकवाद के बीच संबंधों के कारण नई चुनौतियां उभर कर आई हैं, जिनसे निपटना अत्यंत आवश्यक है ।
ऐसे रसायनों के ऊपर नियंत्रण बनाने के संबंध में, जो अवैध रूप से मादक द्रव्य बनाने में प्रयोग में लाए जा सकते हैं, (तकनीकी रूप से प्रीकर्सर कहे जाते हैं) श्री मित्रा ने बताया कि भारत किसी भी देश के साथ प्रीकर्सर को विनियमित करने में अपने अनुभव और अपनी विशेषता बांटने के लिए तैयार है जो इसका उनको लाभ पहुंचाएगा।
राजस्व सचिव ने छह सदस्यीय भारतीय शिष्टमंडल का सीएनडी अधिवेशन में नेतृत्व किया । श्री मित्रा ने मादक द्रव्यों की तस्करी के लिए इन्टरनेट फार्मेसियों के दुरुपयोग से संबंधित चिंताजनक नए क्षेत्र पर भी प्रकाश डाला । श्री मित्रा ने कहा कि इस समस्या से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटने की आवश्यकता है ।
भारत ने पड़ोसी देशों में अफीम की खेती पर चिंता व्यक्त की
विशेष संवाददाता - 2010-03-13 06:22
नयी दिल्ली: भारत ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि विश्व के अफीम उत्पादन का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इसके पड़ोस में उत्पादित हो रहा है । वियना में कमीशन ऑन नारकोटिक ड्रग्स (सीएनडी) के 53वें अधिवेशन में भाग लेते हुए वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के सचिव श्री सुनील मित्रा ने दावा किया कि मादक द्रव्यों की गुप्त प्रयोगशालाओं पर छापा मारने और इसके अवैध कारोबार को रोकने में महत्त्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।