दबाव में आकर मुख्यमंत्री मायावती ने आदेश दिया है कि इसके कार्यान्वयन के क्रम में रिश्वत लेने वालों को तत्काल दंडित किया जाए। उन्होने यह भी है कहा है कि इस योजना के तहत जहां काम नहीं होगा, वहां तीसरी पार्टी से निरीक्षण कराया जाएगा ।

मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि इस योजना के अमल में किसी तरह की गड़बड़ी सहन नहीं होगी और गरीबों को इसका लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी श्री दिग्विजय सिंह ने लखनऊ में कांग्रेस के न्रेगा प्रकोष्ठ की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें सूचना मिल रही है कि इसके क्रियान्वयन में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।

कांग्रेस न्रेगा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 10 जिलों के अधिकारियों को गड़बड़ी के लिए जेल भेजा जाना चाहिए।

श्री दीक्षित ने कहा कि सुल्तानपुर, मथुरा, चित्रकूट, गोंडा, बलरामपुर, उन्नाव, महोबा, बांदा, सिद्धार्थनगर और कानपुर देहात जिलों कें अधिकारी इस योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार में शामिल पाए गए हैं।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि चित्रकूट, मथुरा और सुल्तानपुर में नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। वहाँ कई करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश सहकारी निर्माण और विकास संघ को दिये गये थे, और अग्रिम राशि भी कथित तौर पर इस फर्म को प्राप्त हुई थी।

राज्य सरकार ने अन्य फर्मों के साथ इस फर्म को भी काली सूची में डाला था. लेकिन उस के बावजूद उसे भुगतान किया गया।

गोलमाल की विस्तृत जानकारी देते हुए श्री दीक्षित ने कहा कि एक करोड़ रुपए के खिलौने गोंडा में खरीदे गए थे, जबकि बलरामपुर में 50 लाख रुपए की राशि कैलेंडरों के मुद्रण पर खर्च की गई थी।

यदि यह पर्याप्त नहीं था, डिजिटल कैमरे और अन्य उपकरण उन्नाव के 972 पंचायतों में खरीदे गए और चित्रकूट के 700 ग्राम पंचायतों मंे कथित तौर पर सभी नियमों और मानदंडों का उल्लंघन हुआ है।

संजय दीक्षित ने कहा कि सीतापुर में भी लाखों रुपये के फर्जी कागजात के माध्यम से निकाले गए।.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्दी ही पूरे राज्य में आंदोलन कर इस कोष के दुरुपयोग और करोड़ों रुपए के घपले की जांच की मांग करेगी। (संवाद)