चार देशों का यह समूह ब्रिक के नाम से अस्तित्व में तो आ गया है, लेकिन अभी तक इस समूह का सिर्फ नामकरण मात्र ही हुआ है। एक संगठित समूह के रूप में इसे अस्तित्व में आना अभी बाकी है।
पिछले विश्व आर्थिक संकट के दौरान इन चारों देशों की अर्थव्यवस्थाएं आपेक्षिक रूप से मजबूत बनी रहीं और इन्होंने विश्च की आर्थिक मंदी दूर करने में सराहनीय योगदान भी किया। संकट के बाद ब्रिक देशों की प्रतिष्ठा दुनिया में बढ़ी है।
यदि पिछले 8 साल के विश्व आर्थिक विकास के आंकड़ों पर नजर डाली जाय, तो ंयह पता चलता है कि दुनिया के कुल आर्थिक विकास में इन आठों देशों केी अर्थव्यवस्थाओं का योगदान आधा रहा है।
ये आंकड़े तो 8 साल के हैं। यदि हम पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखें, तो यह साबित हो जाएगा कि दुनिया के आर्थिक नक्शें पर इन देशों का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है और हम सहज अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले दिनों में इनकी भूमिका और भी बढ़ेगी।
ब्रिक का आर्थिक दबदबा आने वाले दिनों में बढ़ने वाला है। यही कारण है कि मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका भी ब्रिक का हिस्सा बनना चाहते हैं। कुछ लोग अनुमान लगा रहे थे कि ब्राजिल में हो रहे दूसरे शिखर सम्मेलन में उपरोक्त दोनों देशों की सदस्यता पर भी विचार हो सकता है।
लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार अभी फिलहाल ब्रिक देशों की सदस्य संख्या बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। भारत की ओर से जोर इस बात का दिया जा रहा है कि पहले अन चार देशों की अर्थव्यवस्थाओं में आपसी सहयोग बढ़े।
भारत चाहता है कि चारों देशों के बीच आपसी सहयोग के लिए एक मशीनरी का गठन हो। चारों देशों के बीच कृषि, ऊर्जा, विज्ञान और टेक्नालॉजी में सहयोग की काफी गुंजायश है और भारत इन क्षेजों में आपसही सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है।
चारों देशों के व्यापार को बढ़ावा देने की योजनाएं बनाए जाने की भी जरूरत है। चीन और ब्राजील में तों पहले से ही व्यापारिक संबंध बहुत विस्तृत हैं अन्य देशों के बीच भी इन संबंधों को बढ़ाने के लिए शिखर सम्मेलन मे कुछ संस्थागत उपायों पर विचार किए जाने की संभावना है। (संवाद)
भारत ब्रिक को मजबूत देखना चाहता है
कृषि और ऊर्जा पर खास जोर
विशेष संवाददाता - 2010-04-16 08:36
नई दिल्लीः 16 अप्रैल को ब्रिक (ब्राजिल, रूस, इंडिया और चीन के समूह देश) का शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन ब्रिक का दूसरा शिखर सम्मेलन है। पहला शिखर रूस में हुआ था। दूसरा सम्मेलन ब्राजिल में हो रहा है।