जब वहां विस्फोट हुए थे, तब भी यह लग रहा था कि उन्के पीछे हिन्दू आतंकवादियों का हाथ हो सकता है। उसका कारण यह था कि न केवल मुस्लिम ठिकानों को बल्कि मुसलमानों को लक्ष्य बनाया गया था। ऐसे समय में हमले किए गए थे, जब मुसलमानों की तायदाद वहां ज्यादा थी।

हैदराबाद की मक्का मस्जिद में उस समय हमला हुआ, जब नवाजियों की संख्या वहां हजारों में थी। मालेगांव में कब्रिस्तान में उस समय विस्फोट हुआ, जब मुसलमान सबे बारात के मौके पर इक्कट्ठे हुए थे। अजमेंर में भी हादसा तभी हुआ था, जब वहां काफी लोग मौजूद थे।

उन विस्फोटों के बाद ज्यादातर लोग बहुत दिनों तक मानते रहे कि मुस्लिम आतंकवादियों ने ही मुसलमानों को लक्ष्य करके विस्फोट किया होगा, ताकि मुसलमानों के बीच वे हिन्दू विरोधी माहौल बनाकर उनके बीच घुसपैठ कर सकें। आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता, यह कहते हुए हिन्दु आतंकवादियों के उनमें शामिल होने की आशंका को नजरअंदाज कर दिया था।

अजमेर में विस्फोट 2007 में ही हुआ था, लेकिन उसमें शामिल लोगांे की गिरफ्तारी में बहुत समय तक कोई प्रगति नहीं हुई। पिछले दिनों देवेन्द्र गुप्ता नाम के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई। वह सख्स एक हिन्दूवादी संगठन से जुड़ा हुआ था। उसे राजस्थान पुलिस ने गिरफृतार किया था। उसके मोबाइल में इस्तेमाल किया जाने वाला सिम झारखंड में खरीदा गया था।

11 मई को राजस्थान पुलिस ने चन्द्रशेखर को गिरफ्तार किया और विष्णु पाटीदार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। इन तीनों को राजस्थान पुलिस ने मध्य प्रदेश के मध्य भारत के उज्जैन और इन्दौर इलाकों से ही गिरफ्तार किया। ये तीनों मध्यप्रदेश के उन इलाकों में बिना किसी डर के रह रहे थे।

विष्णु पाटीदार को बाद में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। राजस्थान पुलिस के पास यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि देवेन्द्र गुप्ता और चन्द्रशेखर मालेगांव और हैदराबाद के विस्फोटों में भी शामिल हो सकता है। वे दोनों कभी आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्त्ता सुनील जोशी के बहुत नजदीकी रहे हैं। जोशी की हत्या हो चुकी है। अजमेर विस्फोट के सिलसिले मे ंही पुलिस असीमानंद को भी खोज रही है।

यह भी बात सामने आई है कि 2006 में दिल्ली जामा मस्जिद में हुए विस्फोटों में भी इनका हाथ हो सकता है। ये सभी एक हिन्दू अतिवादी संगठन अभिनव भारत से जुड़े हुए हैं। अभिनव भारत का केन्द्र इन्दौर है। जाहिर है मध्य प्रदेश का यह महानगर हिन्दू आतंकवाद का केन्द्र बनता जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार उनके खतरो कों नजरअंदाज करती दिख रही है। (संवाद)