जैसे-जैसे 2024 नजदीक आ रहा है, यह अतीत पर विचार करने और दुनिया, विशेषकर भारत के लिए भविष्य की आशा करने का समय है। अगले साल, बड़ी आबादी वाले सात राष्ट्रों सहित 40 से अधिक देशों में राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, जिससे संभावित रूप से नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। राष्ट्रपति बाइडेन और उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच आमना-सामना हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण में से एक है।

राष्ट्रपति पुतिन रूस के राष्ट्रपति चुनाव में अपना पांचवां कार्यकाल चाह रहे हैं। यूक्रेन में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की फिर से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि मैक्सिकन राष्ट्रपति पद के लिए दो महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।

2024 ओलंपिक खेल 26 जुलाई से 11 अगस्त तक पेरिस में होने वाले हैं। उद्घाटन समारोह किसी स्टेडियम के बजाय सीन नदी में एथलीटों को ले जाने वाली नावों पर आयोजित किया जायेगा। किंग चार्ल्स (तृतीय) की तस्वीर वाले बैंकनोट जल्द ही प्रसारित किये जायेंगे। नीदरलैंड के स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जैसा कि भाजपा ने वायदा किया था, अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है। अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया गया है, और अब ध्यान समान नागरिक संहिता पर आम सहमति बनाने पर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम वार्षिक बजट पेश करेंगी।

2024 का लोकसभा चुनाव पीएम मोदी के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। नतीजे कांग्रेस में राहुल गांधी के नेतृत्व पर असर डालेंगे और विपक्ष की एकता की परीक्षा लेंगे। यह भाजपा के लिए दक्षिण में समर्थन हासिल करने और उत्तर में अपना महत्व बरकरार रखने का भी अवसर होगा। अगले साल जम्मू-कश्मीर समेत आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।

हालिया चुनाव नतीजों से विपक्षी दल असंतुष्ट हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा के संसाधनों, नेतृत्व और संगठन का मुकाबला करने पर सहमत हुए हैं।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2023 में 2.4% और 2024 में 1.2% बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, विकास दर धीमी होने का अनुमान है, जिससे 2024 में हल्की मंदी आयेगी। रॉयटर्स का कहना है कि वैश्विक विकास दर अगले वर्ष 2.9% से घटकर 2.6% हो जायेगी।

भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.3% बढ़ने की उम्मीद है, जिससे यह देश की लचीलापन और बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशीलता के कारण लगातार तीसरे वर्ष दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जायेगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2023 और 2024 में भारत की विकास दर 6% से अधिक, जो चीन की 4-5% विकास दर से अधिक होगी।

2030-31 तक, भारत की जीडीपी 6.7 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है, जो अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आईटी और पीएलआई उद्योग उल्लेखनीय रूप से बढ़ सकते हैं। चिंताओं में राजनीतिक अस्थिरता, मुद्रास्फीति, प्रतिभा की कमी, साइबर हमले, जलवायु परिवर्तन और बदलती कार्यशैली शामिल हैं।

वैश्विक शक्ति और दक्षिण के नेता के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि जी20 शिखर सम्मेलन 2023 में उसके नेतृत्व से होती है। अगला शिखर सम्मेलन रियो डी जनेरियो में होगा। जनवरी में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन को 2024 में बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सीएचओजीएम बैठक भी 2024 में होने वाली है।

मोदी की "नेबरहुड फर्स्ट" रणनीति क्षेत्रीय शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए सहकारी क्षेत्रीय ढांचे की स्थापना करती है। अगले साल बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका के चुनाव महत्वपूर्ण होंगे।

अमेरिका-भारत संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है और चुनाव नतीजों के बावजूद नीतियां अपरिवर्तित रह सकती हैं। दोनों देशों के अधिकारी 2+2 तंत्र के माध्यम से शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करना जारी रखेंगे।

दोनों देश अंतरिक्ष, रक्षा, सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, बहुपक्षीय सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत और अमेरिका ने एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने की अपनी योजना की घोषणा की है।

प्रौद्योगिकी की मदद से स्वचालन भविष्य को आकार देगा। लाखों नौकरियाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बदल जायेंगी। डॉक्टर बीमारियों का निदान करने के लिए एआई का उपयोग करेंगे और रोबोट कॉफी बनायेंगे।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, अमेरिका के साथ भारत का व्यापार कुल 128.55 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिससे अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया। भारत ने अमेरिका को 78.31 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान बेचा और उनसे 50.24 अरब अमेरिकी डॉलर की खरीदारी की।

भारत पश्चिम के साथ अपने रक्षा संबंधों का विस्तार करना चाहता है। वह यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ है। पीएम मोदी ने इजराइल-हमास संघर्ष पर दुख जताया परन्तु इजराइल के साथ खड़े हैं।

भारत अब विश्व का सर्वाधिक आबादी वाला देश है, जिससे कार्यबल का आकार बढ़ेगा और उच्च आर्थिक वृद्धि हो सकती है। भारत को उच्च आर्थिक विकास के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

2024 में हमें चुनौतियों और अवसरों दोनों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों से निपटने और अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए भारत को केंद्रित रहना, अनुकूलनीय होना और साहस के साथ चुनौतियों का सामना करना आवश्यक है। (संवाद)