हेमंत सोरेन ने कहा है कि उन्हें जानकारी है कि भाजपा जल्द ही झारखंड में विधानसभा चुनाव कराने की योजना बना रही है, लेकिन भाजपा का जीतने का सपना महज सपना ही रह जायेगा। विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड से भाजपा का सफाया हो जायेगा, उन्होंने भूमि घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिलने के अगले दिन, ही कहा। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ कई अन्य मामले भी हैं, जिनमें उन्हें गिरफ्तारी का डर है, और इसलिए वह भाजपा के खिलाफ राजनीतिक रूप से आक्रामक हो गये हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कथित तौर पर उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए भाजपा की आलोचना की है। जेएमएम कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “साजिश रचने वालों के खिलाफ विद्रोह होगा” और “झारखंड के लोग भाजपा को नहीं बख्शेंगे”। … “भाजपा के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने का समय आ गया है। आने वाले दिनों में झारखंड से भाजपा का सफाया हो जायेगा,” उन्होंने कहा। सोरेन ने कहा, "मुझे पता चला है कि वे विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की योजना बना रहे हैं... मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे जब चाहें चुनाव करा लें... झारखंड में विधानसभा चुनाव जीतने का भाजपा का सपना 'मुंगेरीलाल के हसीन सपने' जैसा होगा... भाजपा कई राज्यों में आदिवासियों को मुख्यमंत्री बना रही है, लेकिन वे सिर्फ रबर स्टैंप हैं।"

राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से बदल रहे हैं। इंडिया ब्लॉक समय से पहले चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है। यही वजह है कि बुधवार को इंडिया ब्लॉक के विधायकों की सर्वदलीय बैठक में सोरेन को फिर से विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे झारखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी वापसी का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने जमीन घोटाले से जुड़े पीएमएलए मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी की वजह से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चंपई सोरेन विधायक दल के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री चुने गये थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया ताकि हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बन जायें। चंपई ने भाजपा पर तीखे हमले करते हुए हाल ही में कहा था कि भाजपा दलितों और आदिवासियों और उनके समर्थकों को कभी भी शांति से रहने नहीं देगी।

झामुमो और इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों के बीच नेतृत्व का स्पष्ट संदेश भेजने के लिए हेमंत सोरेन फिर से मुख्य मंत्री बने हैं। 28 जून को जमानत मिलने के दो दिन बाद ही हेमंत सोरेन ने सामंती ताकतों के खिलाफ विद्रोह का ऐलान कर दिया। यह मौका ब्रिटिश शासन के खिलाफ 1855 के संताल विद्रोह की याद में मनाये जाने वाले हुल दिवस (विद्रोह का दिन) का था। अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की इसी तर्ज पर मैं झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश से सामंती ताकतों को खदेड़ने के लिए हुल विद्रोह का ऐलान करता हूं।

कहने की जरूरत नहीं कि हेमंत सोरेन की जमानत पर रिहाई के बाद झामुमो नेताओं और इंडिया ब्लॉक नेताओं का मनोबल काफी ऊंचा है। “मेरी रिहाई के बाद भाजपा खेमे में दहशत है। भाजपा नेता एक बार फिर मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। मुझे झूठे मामलों में फंसाया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ किया जा रहा है जो सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। झारखंड क्रांतिकारियों की धरती के रूप में जाना जाता है और हम जेल, लाठी या फांसी से नहीं डरते, ”श्री सोरेन ने कहा। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के बीच जनता की प्रतिक्रिया ब्लॉक के लिए बहुत अनुकूल है।

दूसरी ओर, भाजपा अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में भी पार्टी ने 2019 में जीती गयी अपनी 11 में से 3 सीटें खो दी थीं। नवंबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 33.37 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 81 में से केवल 25 सीटें जीती थीं।

महागठबंधन, जो अब इंडिया ब्लॉक है, ने 47 सीटें जीती थीं, जिससे वे भाजपा को सत्ता से बाहर करने में सक्षम थे। झामुमो ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 16 और राजद ने 1 सीट जीती थी।

भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जद (यू) ने पहले ही भाजपा को विश्वास में लिए बिना झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है, हालांकि वे बिहार और केंद्र में एनडीए सरकार का हिस्सा हैं। यह इस बात का संकेत है कि एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है।

झारखंड की राजनीति में एक नया खिलाड़ी भी शामिल हुआ है- झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) जिसका नेतृत्व युवा ऊर्जावान नेता जयराम महतो कर रहे हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा, जिससे भाजपा की सीटों के नुकसान का मुख्य कारण माना जा रहा है। पार्टी ने 81 विधानसभा क्षेत्रों में से अधिकांश पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिससे आगे और भी उतार-चढ़ाव की संभावना खुल गयी है। महतो समुदाय के बीच भाजपा के समर्थन आधार में जेबीकेएसएस की सेंधमारी अवश्यंभावी है, जो पारंपरिक रूप से भाजपा के मतदाता रहे हैं। (संवाद)