उस चुनावी हार ने गठबंधन के भीतर विद्रोह को जन्म दिया है, जिससे एन. रंगास्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार मुश्किल में पड़ गयी है। 30 सदस्यीय विधानसभा में एन रंगास्वामी की ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस के पास 10 सीटें और भाजपा के पास 6 सीटें हैं। एनआर कांग्रेस और भाजपा की गठबंधन सरकार को छह निर्दलीय और तीन मनोनीत विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन के पास 8 विधायक हैं जिनमें से छह डीएमके के और दो कांग्रेस के हैं।
कुछ भाजपा विधायकों और निर्दलीयों ने हार के लिए जवाबदेही तय करने की मांग की है। ए जॉनकुमार, उनके बेटे वी ए रिचर्ड्स जॉनकुमार और पी एम एल कल्याणसुंदरम के साथ-साथ निर्दलीय पी अंगलाने, जी श्रीनिवास अशोक और मनोनीत सदस्य के वेंकटेश ने कथित तौर इस संबंध में दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। जाहिर है, जॉनकुमार चाहते थे कि केंद्रीय नेतृत्व उन सभी को बारी-बारी से मंत्री बनाये, जिसका वायदा तब किया गया था जब नमस्सिवायम और जॉनकुमार 2021 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।
“हमारा इरादा रंगास्वामी सरकार के खिलाफ बगावत करने का नहीं है, जैसा कि बाहर चर्चाओं और खबरों में बताया जा रहा है,” जॉनकुमार ने कहा। “हम चाहते हैं कि केंद्र में हमारे नेता 2021 में की गयी प्रतिबद्धता का सम्मान करें।”
भाजपा के छह विधायकों में से दो मंत्री हैं- नमस्सिवायम और ए के साई जे सरवनन कुमार। तीसरे विधायक एम्बालम विधानसभा अध्यक्ष हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा, "केंद्रीय नेतृत्व को नमस्सिवायम और कुमार की जगह उन लोगों को लाना चाहिए जिन्हें बाहर रखा गया है या फिर एआईएनआरसी सरकार को केवल बाहरी समर्थन देना चाहिए। तभी भाजपा पुडुचेरी में सत्ता में आ सकती है।"
जॉनकुमार के समर्थक नमस्सिवायम की हार का कारण मंत्री के रूप में उनके खराब प्रदर्शन को मानते हैं। हालांकि, भाजपा इस घटनाक्रम को कमतर आंक रही है। पुडुचेरी की देखरेख करने वाले भाजपा प्रभारी निर्मल कुमार सुराना ने कहा कि किसी ने उनसे किसी भी तरह की शिकायत नहीं की है। उन्होंने कहा, "विधायक ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए विकास योजनाओं पर चर्चा करने के लिए पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात की।"
लेकिन बागी विधायकों का कहना है कि सुराना पुडुचेरी की राजनीति को नहीं समझते हैं। उनमें से एक ने कहा, "हमने गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा है। हम उनसे मिलेंगे और लोकसभा चुनाव में हार के कारणों पर अपने विचार बतायेंगे।" बताया जा रहा है कि बागी विधायकों ने रंगास्वामी सरकार में कथित भ्रष्टाचार के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है।
हालांकि, रंगास्वामी ने इस घटनाक्रम को भाजपा का अंदरूनी मामला बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "यह उनकी पार्टी के भीतर का झगड़ा है। उन्हें इसे खुद ही सुलझा लेना चाहिए।" जब भाजपा विधायक द्वारा खराब शासन के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सरकार "ठीक से काम कर रही है।" उन्होंने कहा, "हमने अपने वायदे पूरे किये हैं।"
रंगास्वामी का मानना है कि भाजपा विधायक मंत्री पद के लिए आपस में लड़ रहे हैं। उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वह अब मंत्रिमंडल में फेरबदल के किसी भी अनुरोध को स्वीकार नहीं करेंगे। (संवाद)
पुडुचेरी की गठबंधन सरकार का असंतुष्ट भाजपा विधायकों के विद्रोह का सामना
मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी का दबाव में अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने से इनकार
हरिहर स्वरूप - 2024-07-29 10:42
पुडुचेरी को द्रविड़ क्षेत्र में पैर जमाने के लिए भाजपा की योजना-बी कहा जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों में इसे तब गंभीर झटका लगा जब केंद्र शासित प्रदेश के एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र में इसके उम्मीदवार गृह मंत्री ए. नमस्सिवायम को कांग्रेस के वी. वैथिलिंगम के खिलाफ अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।