हम लोग और बुनियाद जैसे धारावाहिक आम जनता के कथानक के इर्द गिर्द घूमता है वहीं रामायण और महाभारत भारत में विष्णु के अवतार के रूप में अवतरित राम और श्रीकृष्ण की कथाओं पर आधारित यह महाग्रंथ धारावाहिकों सभी जनमानस के मन में अवतरित कर दिया। राम के रूप में अरूण गोविल और श्रीकृष्ण के रूप् में नीतिश भारद्वाज घर-घर में चर्चित हुए। नीतिश भारद्वाज तो लोकसभा के सदस्य बने। रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली कलाकार दीपिका और रावण की भूमिका निभाने वाले अरविन्द त्रिवेदी लोकसभा के सदस्य बने और राम की भूमिका निभाने वाले अरूण गोविल ही इलाहाबाद से 1989 में चुनाव हार गए।
जासूसी कहानियों पर भी धारावाहिकों को दूरदर्शन की दर्शकों के लिए बनाया गया। इंस्पेक्टर विनोद, मार्शल, विजय, पंकज कपूर और सुष्मिता की जोड़ी ने तो कमाल ही कर दिया। किट्टू गिदवाणी ने भी जासूसी धारावाहिकों में अपना भाग्य आजमाया। मार्तण्ड अधिकारी ने भी कुछ ऐपीसोड में धाक आजमाई और फिर मुकेश खन्ना को लेकर मार्शल बनाया। मुकेश खन्ना स्वयं भी निर्माता बनकर धारावाहिक बनाने लगे। विरासत और स्पाईडर मैन जैसा धारावाहिक बना डाला। बुनियाद के किरदार हवेलीराम से लोकप्रिय हुए आलोकनाथ ने तो फिल्मों और दूरदर्शन के बीच काफी ताराम्तय निभाया जितना वे फिल्म के लिए समर्पित रहे उतना ही उन्होंने दूरदर्शन पर अपना वक्त दिया। अभी भी वे दूरदर्शन के चहेते कलाकार बने हुए हैं।
पिछले पचास वर्षों की मेहनत ही है कि आज दूरदर्शन केवल दिल्ली दूरदर्श ही नहीं रह गया है बल्कि उसके समकक्ष और भी कई चैनलों ने इन धारावाहिकों को रोचक बनाने में अपनी कोई कसर नहीं रख छोडऋी है इसमें सबसे उपर नाम जो आता है वह बालाजी ग्रुप जिसको जितेन्द्र और शोभा की पुत्री एकता कपूर ने अपना कब्जा जमा रखा है। सहारा वन, स्टार प्लस ,कलर्स. एनडी इमेजिन और जी टीवी ने हर तरह के धारावाहिकों जिनमें हारर, आहट, जासूसी में सी.आई.डी और डरावनी धारावाहिकों को बनाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी। धीरज कुमार, अकबर खान,रवि चोपडा, सुभाष सागर और कई फिल्म कम्पनियों ने धारावाहिकों को बनाने का बीड़ा उठाया है। ऐसा लगता है अब उन्हें फिल्म बनाने से ज्यादा फायदे का धंधा धारावाहिक ही बनाना लग रहा है और बड़ी तेजी से निर्माता इस ओर ध्यान दे रहे है। दूरदर्शन के लिए कुछ भी बनाना इन निर्माता निर्देशकों इसे सोने की चिड़िया बनाने की कोशिश में लगे हुए है।
एकता कपूर पारिवारिक चरित्रों को दूरदर्शन के धारावाहिकों में उभारने की भरपूर कोशिश कर रही है। उसे देखते अन्य निर्माता निर्देशकों ने भी अब घरेलू विषयों को लेकर धारावाहिक बनाने की कोशिश में लगे हुए है। एकता कपूर ने जहां स्मृति ईरानी, वैष्णवी, स्वप्ना घोष, रोनित राय रोहित राय और अर्चना पूरन सिंह, आलोक नाथ, पंकज कपूर तथा अवंतिका गौर जैसे कलाकारों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। कहानी महाभारत की, कसोटी, चांद परदेशी, लाडो, कुन्ती, उल्टा पुल्टा दफृतर दफ्तर तारक मेहता का उल्टा चश्मा काफी रोचक धारावाहिक बने है।
कहानी घर घर की, और कसौटी ने रोहित राय को काफी उभारा है। एकता कपूर के हर धारावाहिक में उनकी उपस्थिति दर्ज होती है। अन्य धारावाहिकों में भी रोहित राय अपनी जगह बनाने में लगे हुए है।
कलर्स, सहारा वन, और इमेज जैसे चैनलों पर आजकल नारी चरित्र चित्रण को लेकर घमासान धरावाहिकों पर कथानक का रूप लेकर तथा क्रान्तिकारियों के चरित्रों पर भी देश प्रेमी की कथानकों एवं देश की रक्षा करने वाले जवानों पर भी कई धारावाहिक बन रहे है। उनके लिए भी दूरदर्शन पर धारावाहिकों की छड़ी लगी हुई है। सबसे पहले इन जवानों की जिन्दगी पर कैंपटन कपूर ने फौजी धारावाहिक बनाया था जिसमें आजके बादशाह शाहरूख खान ने पहली बार दूरदर्शन के परदे पर अपनी छवि को संवारा था।
दूरदर्शन परिदृश्य
भारतीय चरित्रता को दर्शाते धारावाहिक
एम विजय कुमार - 2010-07-09 07:49
दूरदर्शन पर धारावाहिके के आगमन एवं प्रसारण यात्रा काफी लम्बी है। या यूं कहिए पांच दशक पुरानी दास्तां जो बयां करने के लिए काफी शब्दों की आवश्यकता पड़ेगी। यात्रा की शुरूआत लोकप्रिय लेखकों की कहानियों पर आधारित धारावाहिकों की यात्रा आरम्भ हुई। ग्रामीण जनता के संघर्ष की कहानियां तो मुंशी प्रेमचन्द ने अपनी सशक्त कलम से पन्नों पर उतारी और बाद में दूरदर्शन ने अपनी दूरदृष्टि को अपनाकर आम जनता तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। शहरी और ग्रामीण जनता के मनोरंजन को ध्यान में रखकर शरत चन्द्र और रविन्द्रनाथ टैगोर के साथ ही साथ शरत जोशी और मनोहर ‘याम जोशी एवं कुन्दन तथा कुमार वासुदेव जैसे दिग्दर्शकों ने अपनी बुद्विमत्ता के अनुसार हमलोग और बुनियाद के माध्यम से आम जनता का मनोरंजन किया इसे देखते हुए फिल्मी दुनिया के दिग्गजों ने भी दूरदर्शन पर अपना भाग्य रामायण और महाभारत एवं टीपू सुल्तान के माध्यम से दूरदर्शन पर अपनी उपस्थिति दर्ज की। रामानन्द सागर, संजय खान, प्रेम किशन, बी.आर.चोपड़ा तथा जी.पी.सिप्पी जैसे दिग्गजों ने लम्बे धारावाहिकों की श्रृंखला शुरू की।