यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्री परिषद ने रीति रिवाज के अनुरूप कानून बनाने पर कुछ विचार विर्मश किया है? सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि इस पर एक प्रारूप बना कर मंत्रियों से विचारों के लिए भेजा जाएगा तथा राज्य सरकारों से भी इस नोट पर वृहद सुझाव मांगे जाएंगे। कानून में संशोधन का निर्णय लेने से पहले राज्य सरकारों की राय एवं परामर्श पर अच्छी तरह से विचार विमर्श कर फिर इसे चर्चा के लिए शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमें दबाव का अहसास लगता है, केवल सामाजिक दबाव, मीडिया दबाव नहीं बल्कि हमारे अपने मंत्रिमंडल और पार्टी के भीतर भी है।

सोनी ने कहा प्रस्तावित देश के कानून के तहत तथाकथित सम्मान हत्याओं के लिए हर समूह संयुक्त रूप से दंड के लिए उत्तरदायी होंगे।

उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कई वरिष्ठ नेता ग्रामीण जनता और मतदाताओं की भावनाओं को लेकर आशंकित हैं। खाप पंचायतें कितनी भी गलत हों मगर सरकार ने भी इसमें अभी तक सही दृष्टिकोण नहीं अपनाया है।

खाप पंचायतों के फरमान को जनता द्वारा स्वीकार करने का कारण सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। इस भवनात्मक और सवेदनशील मुद्दे पर रीति रिवाज के अनुरूप कानून न बना पाने का कारण भी यही हैं।

आजादी के बाद कानून बनाने वालों ने शायद कल्पना भी नहीं की होगी कि भाई-बहन में शादी जैसे हालात पैदा होगें और इस तरह के सामाजिक मुद्दों पर कानूनी-गैरकानूनी बहस छिड़ जाएगी।

कानून में परिवर्तनों के बारे में सरकार के फैसले के संभावित असर की चिंता जनप्रतिनिधियों को है जिन्हें चुनाव लड़ने हैं और खाप समुदाय के लोगों के भी वोट लेने हैं।