बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावेडकर ने बताया कि जब अलगाववादियों ने ऑर्गनाइज़्ड तथा ऑर्केस्ट्रेटिड विरोध के हथियार के रूप में पत्थरबाजी के तरीके को अपनाया था, तब सरकार उनकी इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में विफल रही थी। यह “कम लागत अधिक असर वाली” तकनीक अलगाववादियों के हाथ में एक अचूक हथियार बन गई, जिसका सुरक्षाबलों के पास सचमुच ही कोई माकूल जवाब नहीं था। इन पेशेवर पत्थरबाजों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की बजाय सरकार ने “आत्मसमर्पण करने वाले इन पत्थरबाजों“ के लिए पुनर्वास पैकेज की घोषणा कर दी। अनेक युवाओं को इस पैकेज के कारण जॉब मिल गए और ऐसे युवाओं को 200 से ज्यादा दुकानें आवंटित कर दी गईं। इसके परिणामस्वरूप बेरोजगार युवाओं की नई पत्थर फेंकने वाली ब्रिगेड तैयार हो गई और उक्त पैकेज जॉब मिलने का एक प्रवेशद्वार बन गया।
उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी के ऐसे विरोध के परिणामस्वरूप हुई मौतों ने पूरी घाटी को आग की लपटों में धकेल दिया। विद्यमान संकट के दौरान भी राज्य सरकार ने विरोध प्रदर्शन के पहले सप्ताह में सख्ती से काम नहीं लिया, बल्कि सरकार ने स्थिति को बद से बदतर हो जाने दिया। सरकार ने विरोध कर रहे एक युवा की मौत के लिए सीआरपीएफ के एक जवान पर हत्या के आरोप जड़ दिए। किंतु, सरकार ने उन युवाओं के विरूद्ध कोई कानूनी मामला दर्ज नहीं किया, जो तस्वीरों में सीआरपीएफ के जवान की निर्दयता से पिटाई करते दिखाई दे रहे थे।उन्होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला सरकार के वरिष्ठ मंत्री मिस्टर अली मौहम्मद सागर ने सीआरपीएफ को बदनाम करना और उसकी निंदा करना शुरू कर दिया। इसकी वजह से सुरक्षाबलों का मनोबल गिर गया।
प्रकाश जाावेडकर ने कहा कि केन्द्र सरकार को अलगाववादियों के जरिए इन विरोधों को प्रायोजित तथा वित्त पोषित किए जाने में पाक एजेंसियों की भूमिका का पता लगाना चाहिए। पिछले एक वर्ष के दौरान पाक एजेंसियों ने ऐसे विरोध प्रदर्शनों के लिए 50 करोड़ से भी अधिक रूपए खर्च किए हैं। केन्द्र सरकार ने ऐसी सांठ-गांठ के बारे में खुफिया सूचनाओं को अनदेखा करना ठीक समझा। सरकार को इस षड्यंत्र का भंडाफोड़ करना चाहिए और दोषियों को दंडित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बीजेपी मांग करती है कि सरकार हर हालत में विधि-व्यवस्था सुनिश्चित करे और चल रही अमरनाथ यात्रा के दौरान कड़ी चौकसी बरते, क्योंकि यात्रा की अवधि के दौरान तनाव पैदा करना अलगाववादियों का एक प्रमुख उद्देश्य है। सरकार को यह भी समझ लेना चाहिए कि घाटी के लोग अधिक से अधिक तीर्थ यात्रियों द्वारा यात्रा किया जाना चाहते हैं।
प्रकाश जावेडकर ने कहा कि बीजेपी मांग करती है कि सरकार को घाटी में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए अपने इरादों और योजनाओं के बारे में सभी पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए तथा एक सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहिए।केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि वह कश्मीर में शांति बहाली के लिए क्या करने जा रही है।
बीजेपी ने कश्मीर की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
कश्मीर में विस्फोटक स्थिति के लिए पीडीपी व एनसी की स्पर्धात्मक राजनीति केा जिम्मेवार ठहराया
एस एन वर्मा - 2010-07-08 12:14
नई दिल्ली।बीजेपी ने कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति के लिए पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया है। बीजेपी के अनुसार पीडीपी तथा नेश्नल कान्फ्रेस द्वारा अपनाए जा रहे स्पर्धात्मक सम्प्रदायवाद की राजनीति और केन्द्र सरकार द्वारा समय पर कार्रवाई न किए जाने के कारण यह नतीजा सामने आ रहा है। इस प्रकार की राजनीति से अलगाववादियों को बढ़ावा मिला और पाकिस्तान ने इस स्थिति का अपने हित में पूरा फायदा उठाया।बीजपी ने केंद्र सरकार से कश्मीर की स्थिति को ले कर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।