मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों से 2009 के लोकसभा चुनावों के पहले कल्याण सिंह के साथ हाथ मिलाने के लिए माफी मांगी है। उन्होने यह माफी 2012 में होनेवाली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मांगी है। उन्होंने कहा है कि अब वे किसी भी सूरत में उनलोगों से हाथ् नहीं मिलाएंगे, जिनका हाथ बाबरी मस्जिद को तोड़ने में रहा है। उन्होनें कल्याण सिंह का नाम लिए बिना कहा कि वे गलत तत्व हैं। उन्होंने कहा कि गलत तत्व का साथ लेकर उन्होंने मुसलमानों को जो दुख दिया, उसके लिए वे शर्मिंदा हैं।

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने 1990 में मुसलमानों के बीच लोकप्रियता हासिल कर ली थी। उस साल उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के समर्थकों के हमले से बाबरी मस्जिद को बचाया था और वैसा करते समय अनेक मंदिर समर्थक पुलिस की गोलियों के शिकार बन गए थे। उसके बाद तो मुलायम सिंह यादव मुसलमानों के मसीहा बन गए थे।

लेकिन पिछले विधानसभा आमचुनाव में मायावती के हाथों हारने के बाद मुलायम सिंह को लगा कि अब मुसलमान उनके साथ पूरी तरह नहीं रहे। लोकसभा चुनाव में उन्हें मुसलमानों के साथ साथ गैर यादव पिछड़े वर्गों के वोटों की जरूरत भी महसूस हुई। गैर यादव पिछड़ो का लगाव उनके साथ नहीं, बल्कि कल्याण सिंह के साथ था, इसलिए उन्होंने कल्याण सिंह से समझौता कर लिया। इससे मुसलमान नाराज हो गए और जो कुछ उनके साथ बच गए थे, वे भी उन्हें छोड़कर भागने लगे।

मुसलमानों की आबादी उत्तर प्रदेश में साढ़े 18 प्रतिशत है। मुलायम सिंह के साथ गैर यादव पिछड़े वर्ग के मतदाता अभी भी नहीं हैं। अकेले यादवों के मत से वे चुनाव नहीं जीत सकते, इसलिए मुस्लिम यादव समीकरण को फिर से जिंदा करने की कोशिश में वे लग गए हैं। इसी कोशिश के तहत उन्होंने मुसलमानों से माफी मांगी है।

मुलायम द्वारा माफी मांगने के बाद मायावती ने उस पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने मुसलमानों को आगाह करते हुए कहा है कि भाजपा आर कल्याण सिंह के साथ मुलायम सिंह का संबंध बहुत पुराना है। उन्होंने कहा है कि 1977 में मुलायम सिंह और कल्याणसिंह एक ही सरकार में मंत्री थे। 1989 में भाजपा के समर्थन से ही वे राज्य के मुख्यमंत्री बन सके थे। मायवती ने याद दिलाया है कि 2002 के विणानसभा चुनाव के बाद मुलायम की बनी सरकार में कल्याण सिंह के बेटे को मंत्री बनाया गया था। मुलायम और कल्याण के रिश्तें का इतिहास बताते हुए मायावती खुद इस बात का उल्लेख नहीं करती कि वे खुद भी भाजपा के समर्थन से 3 बार राज्य की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं।

मुलायम के माफी मांगने पर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि मुलायम बहुत बड़े अवसरवादी हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के पहले उन्हें लग रहा था कि मुसलमान तो उनका समर्थन करेंगे ही। यह सोचकर उन्होंने कल्याण सिंह का हाथ थामा, ताकि उनके समर्थक मतों को वे हासिल कर सकें। अब जब मुसलमानों ने उन्हें छोड़ दिया है तो वे उनसे माफी मांगने का नाटक कर रहे हैं।

दूसरी तरफ कल्याण सिंह ने कहा है कि मुलायम सिंह एक बड़े धोखेबाज और विश्वासघाती हैं। उन्होंने न केवल उनका बल्कि मुसलमानों का भी नुकसान किया है। कल्याण सिंह का कहना है कि मुसलमान मुलायम को कभी भी माफ नहीं करेंगे और अब श्री यादव कभी भी राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।

इस बीच मुसलमानों के धार्मिक नेताओं ने मुलायम के माफीनामे पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय को यह निर्णय करना है कि वे उस माफीनामें को किस रूप में लेते हैं। (संवाद)