अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए कुल 560 मामलों में से 88.93 प्रतिशत मामलों में अपराधी लड़की के परिवार वाले थे ।
अध्ययन रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है -
1. सम्मान के नाम पर हत्याओं की अधिकांश रिपोर्टें उन क्षेत्रों से प्राप्त हुई, जिनमें खाप पंचायतें सक्रिय हैं।
2. शक्ति वाहिनी ने ऐसे 560 मामलों का अध्ययन किया, जहां दंपत्तियों को धमकियां दी गई हैं इन 560 मामलों में 121 व्यक्तियों की हत्या की जा चुकी है ।
3. हत्याओं के नाम पर हत्याओं का संबंध गोत्र के मुद्दे से कम बल्कि अंतरजातीय विवाहों से अधिक है ।
4. दंपत्तियों के साथ हिंसा और उन्हें धमकाए जाने की रिपोर्टे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों तथा समाज के लगभग सभी वर्गों से प्राप्त हुई हैं ।
5. अंतरजातीय विवाह के विरूद्ध प्रतिक्रिया तब और अधिक उग्र एवं हिंसक हो जाती है, जब लड़की किसी दलित लडके या अपनी जाति से नीची जाति के लड़के से विवाह कर लेती है ।
6. इस क्षेत्र में महिला पुरूष अनुपात को कम हो जाने से महिलाओं की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।
ऑनर किलिंग की परम्परा
विशेष संवाददाता - 2010-08-09 13:32
महिला और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शुरू किए गए और गैर-सरकारी संगठन शक्ति वाहिनी द्वारा कराए गए अध्ययन हरियाणा, पंजाब राज्यों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक सीमित थे । तथापि, उक्त संगठन ने जिन 560 मामलों की रूपरेखा तैयार की, उनसे पता चलता है कि यह उत्तर भारतीय समस्या है ।