स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ठ को क्रियान्वित करने का जिम्मा टेकॉम नाम की कंपनी को मिला हुआ है। यह कंपनी दुबई आघारित है। हाल ही में केरल सरकार ने उस कंपनी को अल्टीमेटम देते हुए 15 दिन का और समय दिया है।

पिछले 1 सितंबर को केरल सरकार ने कंपनी को अल्टीमेटम जारी करते हुए कहा कि वह 15 सितंबर तक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरु कर दे। सरकार ने यह भी कहा है कि यदि कंपनी ने इस समय सीमा के अंदर काम करना नहीं शुरू किया, तो यह माना जाएगा कि उसने अपने आपको इस प्रोजेक्ट से अलग कर लिया है। तब सरकार इस परियोजना को पूरा करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करेगी। गौरतलब है कि प्रदेश को इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के मानचित्र पर प्रभावी तरीके से रखने के लिए इस प्रोजेक्ट की सफलता को जरूरी माना जा रहा है।

कंपनी की प्रतिक्रिया को लेकर तरह तरह के विचार व्यक्त किए जा रहे हैं। कुछ लोगांे का मानना है कि कंपनी आदलत की शरण ले सकती है, क्योंकि इसके पास मजबूत कानूनी आधार है।

विवाद की जड़ में कंपनी का वह आग्रह है जिसके तहत कंपनी 246 एकड़ में से 12 फीसदी जमीन पर अपनी फ्रीहोल्ड अधिकार चाहती है। वह इस जमीन को बेचने का अधिकार भी चाहती है। गौरतलब है कि केरल सरकार ने कंपनी को इस प्रोजेक्ट के लिए 246 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाए हैं। कंपनी का कहना है कि राज्य सरकार से जो इसका मूल करार 3 साल पहले हुआ था, उसमें परोक्ष रूप से उसे 12 फीसदी जमीन अपने पास फ्रीहोल्ड मिल्कीयत के रूप में रखने का मिला हुआ था। उसके तहत वह उस जमीन को बेचने का भी अधिकार रखती है।

केरल सरकार कह रही है कि ऐसा हो ही नहीं सकता, क्योंकि वह जमीन स्पेशल इकानॉमिक जोन के तहत है। उसका कहना है कि भारत के कानूनों के तहत स्पेशल इकनॉमिक जोन के तहत अधिग्रहित जमीन को किसी को फ्रीहोल्ड के रूप में रखने की इजाजत ही नहीं है। राज्य सरकार ने अपने इस निर्णय पर पहुंचने के पहले भारत के महान्यायवादी से भी सलाह ली थी।

दूसरी तरफ कुछ लोगों का कहना है कि टेकॉम इस प्रोजेक्ट को छोड़ना नहीं चाहेगी, क्योंकि इससे उसके प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा। वह पहले से ही आर्थिक मंदी की चपेट में है। इसके कारण उसकी समस्या और भी गंभीर हो सकती है। यदि कंपनी ने कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया तो मामला अदालत में लंबे समय तक चलेगा और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में खासा विल्रब हो जाएगा। इसके कारण कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका मिल जाएगा।

यदि प्रोजेक्ट की खत्म हो गया, तो इससे हजारों युवाओं को निराशा होगी, जो बहुत ही उम्मीद के साथ इस पर अपनी निगाहें लगाए हुए है और इसके सफल भविष्य में अपने भविष्य को भी सफल होता देख रहे हैं। (संवाद)