भाजपा महासचिव अनंतकुमार ने ये बातें उस समय की जब वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्त्ताओं के लिए चल रहे एक कैंप में उन्हें संबोधित कर रहे थे। इस तरह की बातें उन्होंने कोई पहली बार नहीं की है। एक बार पहले भी उन्होंने कहा था कि दागदार मंत्रियों को कैबिनेट से हटा दिया जाना चाहिए। उसके बाद लोगों को लगा था कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल करेंगे और अनेक दागी मंत्रियों की छुट्टी हो जाएगी।

पर वैसा कुछ हुआ नहीं। सिर्फ अनूप मिश्र को मंत्रिमंडल से निकाला गया। गौरतलब है कि श्री मिश्र भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी के भतीजे हैं। उन पर आरोप लग रहा था कि वे अपराध में लिप्त अपने बेटे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा करते हुए वे अपनी पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यानी अनंतकुमार के दागी मंत्रियों को सरकार से बाहर का रास्ता दिखाने के अनंतकुमार के सुझाव के बाद सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी के भतीजे अनूप कुमार मिश्र को कैबिनेट से निकाला गया और अनेक दागी मंत्री सरकार में बने रहे।

अब श्री अनंतकुमार ने शराबी और अय्याश मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने का सुझाव दिया है। अपने भाषण में उन्होंने राज्य के मंत्रियों की तो बहुत आलोचना की, लेकिन मुख्यमंत्री की प्रशंसा में उन्होंने कोई कंजूसी नहीं दिखाई। उन्होंने उनकी सराहना करते हुए उनके काम करने के तरीकों की प्रशंसा की और उनके आचरण को भी श्रेष्ठ बताया। उन्होंने अन्य मंत्रियों को कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से सीख लेनी चाहिए और अपना आचरण उनके जैसे ही दिखाना चाहिए।

अनंतकुमार के उस भाषण के बाद माना जा रहा है कि केन्द्रीय आलाकमान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने की छूट दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री जल्द ही अपनी टीम में बदलाव करेगे और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा महत्व दिया जाएगा।

लेकिन मंत्रियों में अनंतकुमार के उस बयान को लेकर भारी रोष है। श्री कुमार ने किसी मंत्री का नाम तो नहीं लिया था, लेकिन इस तरह के बयान से पूरे मंत्रिमंडल की छवि खराब हुई है और सारे मंत्री लोगों के बीच उपहास के पात्र बन गए हैं। यदि वे किसी बंद कमरे में हो रही बैठक में इस तरह की बात करते तो कोई बात थी, लेकिन उन्होंने तो ख्ुालेआम मंत्रियों को शराबी और अय्याश कह दिया। जिस कैंप में उन्होंने ये बातें कही, उसमें पार्टी के विधायक व अन्य कार्यकर्त्ता भी हिस्सा ले रहे थे।

उन्होंने कहा कि अगले 15 दिनों में मुख्यमंत्री, वे खुद और पार्टी आलाकमान मंत्रियों और विधायको के क्रियाकलापों की थाह लेेगे और फिर उसके अनुसार फेरबदल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रियों और विधायको को दो चीजों पर ध्यान देना चाहिए। पहला तो उन्हें 2013 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान देना चाहिए और दूसरा लोगों से किए गए 2008 चुनावों के पहले के चुनावी वायदों को पूरा करना चाहिए। (संवाद)