6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुए खून खराबे को लोग भुला नहीं पा रहे हैं। उसकी स्मृति अभी भी लोगों के जेहन में बनी हुई है।
भय का यह आलम है कि लोगों ने अभी से आवश्यक वस्तुओं की खरीद शुरू कर उन्हें घरों में स्टोर करना प्रारंभ कर दिया है। 24 सितंबर और उसके बाद के कुछ समय के लिए गाड़ियों और जहाजों के टिकटों को भी कैंसल करवा रहे हैं। उस रोज भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने का विचार भी लोग त्याग रहे हैं।
लोगों के बीच भय का ऐसा माहौल है कि सऊदी अरब की कुछ मस्जिदों में आई गड़बड़ी की खबरों पर जब कुछ मुसलमानों ने एक इमामबाड़े से दूसरे इमामबाड़े तक जुलूस निकाली, तो बाजार के दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए।
राज्य की राजधानी में मुसलमानों के कुछ धार्मिक नेताओं ने सेमिनार का आयोजन किया और लोगों से अपील की कि वे अयोध्या मामले में आए किसी भी फैसले का सम्मान करें और किसी प्रकार से उत्तेजित नहीं हों।
उसी तरह से लगभग सभी पार्टियां राजधानी से ग्रामीण स्तर पर कार्यकर्त्ताओं की बैठक कर रहे हैं और उन्हें कह रहे है कि किसी भी हालत में उन्हें उत्तेजित नहीं होना है और किसी प्रकार की हिंसा से दूर रहना है।
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने एक प्रेस कान्फ्रंेस कर मुख्यमंत्री मायावती पर आरोप लगाया कि भाजपा के साथ मिलकर वह अयोध्या फैसले के बाद राज्य में हिंसा फैलाने की साजिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि मायावती तीन बार भारतीय जनता पार्टी की सहायता से राज्य मे मुख्यमंत्री बनी हैं और भाजपा नेताओं के साथ वे अभी भी संपर्क में बनी हुई हैं। भाजपा और संघ परिवार के अन्य संगठनों के साथ मिलकर वह हिंसा फैलाने की तैयारी कर रही हैं।
समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि मुख्यमं.त्री राज्य भर में दहशत का माहौल बना रही है और उन्होंने राज्य के विद्यालय भवनों को अस्थाई जेल के रूप में बदल डाला है। उन स्कूलों को पुलिस छावनियों में भी तब्दील कर दिया गया है और बच्चों की पढ़ाई फिलहाल वहां बंद है।
केन्द्र सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य को काफी केन्द्रीय बल उपलब्ध कराए हैं, लेकिन समाजवादी नेता अखिलेश सिंह उससे संतुष्ट नहीं हैं। उनका आरोप है कि केन्द्र सरकार उसी तरह का व्यवहार कर रही है, जिस तरह का व्यवहार उसने 6 दिसंबर 1992 को किया था, जब बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस आचरण से राज्य में अभूतपूर्व हिंसा देखने को मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि इमामबाड़ों, इदगाहों और मस्जिदों में मायावती छापेमारी करवा रही है और मुसलमानों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि मायावती अपनी मूर्त्तियों की रक्षा के लिए ज्यादा चिंतित है और उनकी रक्षा के लिए सुरक्षा बल भारी पैमाने पर तैनात किए गए हैं।
इस बीच मुख्यमंत्री मायावती अधिकारियों से रोजाना बैठक कर सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रही हें और राज्य भर में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक रखने की योजनाओं की रोज समीक्षा कर रही है। (संवाद)
उत्तर प्रदेश में दहशत का माहौल
अयोध्या फैसले का इंतजार
प्रदीप कपूर - 2010-09-23 13:53
लखनऊः उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व दहशत का माहौल है। अयोध्या मामले पर इलाहाबाद के लखनऊ बंेच के फैसले के बाद की संभावित परिस्थितियों से लोग आशंकित हैं। प्रदेश सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर रखे हैं और धार्मिक नेता भी शांति की अपील कर रहे हैं। इसके बावजूद लोगों को भयंकर खून खराबे की चिंता सता रही है।