उल्लेखनीय है कि पिछले 12 साल से क्वात्रोची पर इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस लगा था। वह बोफोर्स घोटाले का प्रमुख आरोपी था, जिसके प्रत्यर्पण की कोशिश दो बार की जा चुकी है।
सीबीआई के अनुसार 30 तारीख को विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई होनी है, लेकिन उससे पहले ही इंटरपोल की लिस्ट से क्वात्रोची का नाम हटा लिया गया है। एटॉर्नी जनरल मिलन बनर्जी ने क्वात्रोची का नाम हटाने की सिफारिश की थी।
सीबीआई की इस कार्रवाई में गड़बड़ी नजर आ रही है, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पहले क्लीन चिट देकर मोस्ट वांटेड से नाम हटाया और बाद में कोर्ट को सूचना दी है।
क्वात्रोची को क्लीन चिट देना चुनावी सरगर्मी में राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। बोफोर्स दलाली की गूंज राजनीतिक हलकों में फिर सुनाई देने लगी है । यूपीए सरकार की यह पहल विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा बन सकती है।बोफोर्स घोटाले में बीजेपी ने क्लीन चिट को सरकार की बुरी नियत कहा है। केन्द्र में यू.पी.ए.सरकार बनते ही सी.बी.आई. का एक और कानून मंत्रालय का एक अफसर लंदन भेज वहां के दो बैंको में जमा बोफोर्स दलाली की तथाकथित रकम में से जो35 करोड़ रूपये के लगभग क्वात्रोची के बैंक अकाउंट्स में जमा थे,जिसे भाजपा सरकार ने फ्रिज कराये थे,उन दोनो खातो को उन अफसरो के मार्फत पत्र दिलवा खाता डिफ्रिज कराकर क्वात्रोची को रकम निकाल ले जाने जिया गया। उसके कुछ माह बाद अर्जेंटिना में क्वात्रोची पकड़ा गया तो मनमोहन सरकार ने उसके खिलाफ तय समय में अर्जेंटिना सरकार को कागजात नही दिया । और यह खेल करके वहां से भी क्वात्रोची को छोड़वा दिया। जिस यूपीए की चेयर परसन सोनिया हैं,उस यूपीए व यसमैन मनमोहन की सरकार ने 15 वीं लोकसभा चुनाव घोषणा के 3 दिन पहले क्वात्रोची के लड़के,कमलनाथ के समधी सुधीर चौधरी,और एक ठिगना ब्राह्मण कांग्रेसी राज्यसभा सांसद के मार्फत इजराइली कंपनी से 10 हजार करोड़ रूपये का मिसाइल सौदा किया। और अब मनमोहन सरकार ने कार्यकाल खत्म होने के मात्र 3 सप्ताह पहले क्वात्रोची का नाम इंटरपोल की सूची से हटवा दिया।और जेबी संस्था बना दी गयी सी.बी.आई. से कहलवा दिया गया कि एटार्नी जनरल की राय के बाद क्वात्रोची का नाम इंटरपोल की मोस्टवांटेड सूची से हटाया गया। केन्द्र में जो भी सरकार होती है वह किसी अपने आदमी को एटार्नी जनरल और सी.बी.आई. चीफ बनाती है।सीबीआई चीफ अपने देश के किसी अपराधी का नाम इंटरपोल के मोस्टवांटेड सूची में डालता या हटाता है।इससे साफ जाहिर हो जाता है कि सबकुछ उपर के इशारे पर हुआ है। इसी लिए तो भाजपावाले कह रहे हैं –क्वात्रोची मामा जिंदाबाद।
कौन है क्वात्रोची - क्वात्रोची इटली का व्यापारी है, जिसपर बोफोर्स घोटाले को लेकर आरोप लगा था। यह राजीव गांधी और सोनिया गांधी के सबसे नजदीकी व्यक्ति हैं। जिसके प्रत्यर्पण की दो बार कोशिश की जा चुकी है। बोफोर्स डील में क्वात्रोची प्रमुख बिचौलिया थे उन पर 64 करोड़ रूपए की दलाली का आरोपी है।
बोफोर्स क्या है - स्विस बोफोर्स तोप की खरीदी हुई थी, उसमें 64 करोड़ की दलाली घोटाला हुआ था। यह डील राजीव गांधी के कार्यकाल में हुई थी।#
राजनीति और बोफोर्स घोटाला
कांग्रेस ने बोफोर्स दलाल क्वात्रोची को क्लीन चिट दिलवा ही दिया
इसके लिए सीबीआई चीफ व एटार्नी जनरल को बनाया माध्यम
कृष्णमोहन सिंह - 2009-04-29 13:55
नई दिल्ली। सीबीआई ने बोफोर्स दलाली के आरोपी इटैलियन दलाल ओतावियो क्वात्रोची का नाम मोस्ट वांटेड लिस्ट से हटा दिया । इसके बाद क्वात्रोची पर से इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी खत्म हो गया है। क्वात्रोची पर से सीबीआई के कहने पर इंटरपोल ने रेड क़ॉर्नर नोटिस खत्म कर दिया है।