एम.के नारायणन को राज्यपाल बनाया जा सकता है
यदि अगली सरकार कांग्रेस की नही बनी तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सुरक्षा सलाहकार एम.के.नारायणन को राज्यपाल या राजदूत बनाया जा सकता है। किसके इशारे पर उनको राजदूत या राज्यपाल का पद सादर देने की बात चल रही है,सबको पता है।यह हो रहा है ताकि वह बाकी जीवन भी शान से गुजार सकें। एम.के. को इतनी तरजीह दिये जाने से कांग्रेसी चकित हैं। वजह यह है कि राजीव गांधी की हत्या के समय एम.के.नारायणन ही आई.बी. के चीफ थे।इनकी भूमिका पर अंगुली उठी थी। जिन पांच अफसरो को जिम्मेदार ठहराया गया था उनमें से एक नारायणन भी थे। क्या नारायणन कोई ऐसा गहरा राज जानते हैं या उस आपरेशन के महत्वपूर्ण अंग रहे जिसके चलते उनको इतना सब दिया जा रहा है। कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओ के मन में इसबात को लेकर आशंका होने लगी है।
क्वात्रोची मामा जिंदाबाद
मनमोहन सिंह की सरकार ने पांच साल में बोफोर्स तोप सौदे के इटैलियन दलाल क्वात्रोची को जिस तरह से लाभ पहुंचाया है उसका व्यौरा देते हुए भाजपा ने चुनावी रैलियो में क्वात्रोची मामा जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू कर दिया है। भाजपा क्वात्रोची को कुतरोची कह रही है। भारत को कुतरने वाला कुतरोची। अरूण शौरी,अरूण जेतली,नरेन्द्र मोदी जैसे भाजपा के नेता चुनावी रैली में कह रहे हैं कि क्वात्रोची ने बोफोर्स दलाली की रकम में से लगभग 35 करोड़ रूपये लंदन के दो बैंको में जमा किये थे,जिसे वाजपेयी सरकार के समय फ्रीज कराया गया था। केन्द्र में यूपीए की सरकार बनते ही प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने ऊपरी इशारे पर कानून मंत्रालय व सीबीआई के दो वरिष्ठ अफसरो को लंदन भेज क्वात्रोची के उन दोनो खातो को डिफ्रिज करा दिया, ताकि क्वात्रोची बोफोर्स दलाली की रकम निकाल कर ले जा सके। खाता डिफ्रिज होने के दूसरे दिन ही क्वात्रोची दोनो बैंको से पूरा पैसा निकाल ले गया। उसपर रेड कार्नर नोटिस होने के बाद भी मनमोहन सरकार ने उसे पकड़ने के बजाय उसको पैसा निकाल ले जाने का इंतजाम किया।इससे आशंका है कि यूपीए के कुछ आला लोगो से क्वात्रोची लगातार संपर्क में रहा है। उसके बाद क्वात्रोची को रेडकार्नर नोटिस के चलते एअरपोर्ट पर अर्जेन्टिना की पुलिस ने पकड़ा था। लेकिन मनमोहन सरकार ने अर्जेन्टिना सरकार द्वारा भेजे दस्तावेज का अनुवाद नही हो पाने के बहाने वहां की कोर्ट में उसके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने में लापरवाही की।और यह करके क्वात्रोची को छूट जाने दिया। मनमोहन सरकार ने 15 वीं लोकसभा चुनाव घोषणा के 3 दिन पहले उसी रक्षा सौदो के तीन दलाल- क्वात्रोची के सगे लड़के,कमलनाथ के समधी सुधीर चौधरी और कांग्रेस के एक ब्राह्मण राज्यसभा सांसद के मार्फत इजराइल की एक कंपनी से 10 हजार करोड़ रूपये का मिसाइल सौदा कर लिया।जिसमें घोषित तौर पर 600 करोड़ रूपये सर्विस के नाम पर दलाली दी गयी ,लेकिन अघोषित तौर पर 1000 करोड़ रूपये दलाली की बात कही जा रही है। और मनमोहन सरकार ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के 3 सप्ताह पहले एटार्नी जरनल मिलन बनर्जी तथा सीबीआई. के मार्फत क्वात्रोची पर से रेडकार्नर नोटिस हटवा दिया और उसे क्लिनचिट दे दिया। भाजपा नेता चुनावी रैलियो में यह सब विवरण बताकर नारा लगवा रहे हैं – मनमोहन की सरकार में, क्वात्रोची मामा जिंदाबाद। फिर दूबारा नारा लग रहा है- कुतरोची मामा –जिंदाबाद।
गोधरा में वाघेला भारी
गुजरात के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस के टिकट पर गोधरा संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। जहां से भाजपा के भूपेन्द्र सिंह सोलंकी सांसद हैं । लेकिन राज्य के शीर्ष भाजपा नेता ने इस बार उनका टिकट कटवा कर अपने एक यसमैन को टिकट दिलवा दिया है।जिसके चलते सोलंकी के समर्थक नाराज हैं।जिसका पूरा लाभ वाघेला को मिल रहा है। वैसे भी वाघेला का इस सीट पर अच्छा प्रभाव है। वह 14 वीं लोकसभा चुनाव में कपड़वंज से जीते थे। लेकिन कपड़वंज संसदीय सीट परिसीमन में इधर-उधर हो जाने के चलते यहां से लड़ रहे हैं। इस सीट पर राजपूतो की संख्या अच्छी है,जो वाघेला के पक्ष में गोलबंद हो गये हैं। अन्य जाति के वोट भी इनकी तरफ पोलराइज हो रहे हैं।जिसके काऱण भाजपा भी मान ली है कि यह सीट वाघेला जीत रहे हैं।#