कोकण रेलवे के प्रबंध निदेशक भानु तायल ने बताया कि कोकण रेलवे द्वारा विकसित स्काई बस मेट्ो योजना एक दिलचस्प एंव अभिनव पहल है जो बड़े पैमाने पर शहरी परिवहन की चुनौतियों को स्वीकार कर सकती है। एक स्टैंडर्ड स्काई बस जिसमें दो कोच हो तथा मार्ग एक मिनट में तय होता हो ,18 हजार यात्रियों को प्रति घंटे प्रति दिशा में ले जा सकता है। स्काई बस जिसमें 2 कोच हो तथा मार्ग 3 मिनट में तय होता है, 6 हजार यात्रियों को प्रति घंटे प्रति दिशा में ले जा सकता है।
श्री तायल ने बताया कि दिसंबर 03 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने एक विशेषज्ञ समिति बनाई थी जिसका कार्य शहरों में स्काई बस सेवा की संभावनाओं को तलाशना था। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 29 अगस्त 05 को सौंप दी थी, जिसमें कोंकण रेलवे द्वारा विकसित स्काई बस मेट्ो प्रणाली की काफी सराहना की गयी थी तथा इस प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए सिफारिश भी की गयी थी।
कोंकण रेलवे के प्रबंध निदेशक श्री तायल ने बताया कि स्काई बस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम मार्च 2006 में रेल मंत्रालय ने 25 करोड़ रु उपलब्ध कराई थी।फिलहाल,इस परियोजना पर दोबारा से कार्य करने के लिए टेक्निकल एडवाइजरी गु्रप द्वारा सौ करोड़ रु की रूपरेखा तैयार की गयी है। चूंकि कोंकण रेलवे के पास पूंजी का अभाव है, इसलिए इसका हल निकालने के लिए निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है। मडगांव में स्काई बस टेस्ट ट्ैक के रख रखाव व अपग्रेडेशन के अलावा ट्ायल करने के लिए वैश्विक स्तर पर एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट मांगी गयी है। इसके लिए कांेकण रेलवे ने एक कंसलटेंट कंपनी भी नियुक्त किया है। कोंकण रेलवे का मानना है कि स्काई बस तकनीक को व्यवसायिक रूप से लागू करने के लिए कोई न केाई निवेशक रूचि दिखाएगा।उन्होंने बताया कि कोंकण रेलवे का योगदान इन्फ्रास्ट्कचर एवं सुविज्ञता प्रदान करने में होगा।
इस परिवहन सेवा लागू करने में एक पेंच यह भी है कि परिवहन सेवा के लिए सुरक्षा जांच सर्टिफिकेट कौन एजेंसी देगा। अभीतक जितने भी ट्रायल लिए गए हैं उसके के लिए विदेशी एंजेसियों से सुरक्षा सर्टिफिकेट लिया गया है।भारत में सड़क,रेल और हवाई सेवा के लिए तो सुरक्षा जांच सर्टिफिकेट देने का प्रावधान है लेकिन जमीन और आकाश के बीच लटक कर चलने वाली परिवहन सेवा के लिए कोई नियम और कानून नहीं है। श्री तायल ने बताया कि इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा संसद से इस तरह के कानून पारित कराने का अनुरोध किया गया है।
भविष्य की परिवहन सेवा होगी स्काई बस
एस एन वर्मा - 2010-12-26 06:37
नई दिल्ली: पूरे देश में बढ़ते शहरीकरण के कारण उत्पन्न परिवहन की मांग को देखते हुए कोंकण रेलवे ने इसका एक नायाब हल ढूंढ निकाला है। कोंकण रेलवे द्वारा एक ऐसा परिवहन का साधन विकसित किया गया है, जो न तो आकाशीय है और न जमीनी बल्कि त्रिशंकु की भांति बीच में लटक कर चलने वाली स्काई बस है। कोंकण रेलवे इस अनोखी परियोजना पर पिछले कई वर्षों से कार्य रही है।