ऑटोमोटिव इंडस्ट्री मानक समिति द्वारा ये मानदंड जुलाई 2009 में प्रकाशित किए गए थे। अहमद नगर स्थित विद्युत चुम्बकीय अनुकूलता मानदंड टैक सेन्टर के संयुक्त निदेशक और कार्य प्रमुख श्री जी.आर.एम राव के अनुसार सभी इलेक्ट्रिकल और चुम्बकीय उपकरण विद्युत चुम्बकीय तरंग उत्पन्न करते हैं और आधुनिक ऑटोमोबाइलों में ऐसे उपकरण बहुत अधिक संख्या में होते हैं। इसके लिए ईएमसी जाँच का प्रावधान किया गया है, जो दो भागों में होगी। यह जाँच मूल रूप से यह सुनिश्चित करती है कि वाहन समग्र रूप से और अपने अलग-अलग पुर्जों के हिसाब से भी निर्धारित सीमा से अधिक विद्युत चुम्बकीय तरंग उत्सर्जित न करे।

श्री जी.आर.एम. राव के अनुसार देश में ईएमसी मानदंड, ईएमसी टैक सेन्टर ने तैयार किए हैं। यूरोप में दो दशक पहले से ही ऐसे ईएमसी मानदंड मौजूद हैं, लेकिन भारत में यह बिल्कुल नया विचार है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेजी से बढता ऑटोमोबाइल बाजार है। इन मानदंडों के लागू होने से यह वाहनों के मानकीकरण के क्षेत्र में मौजूद अन्तर को पाट सकेगा। अगले वर्ष के मध्य तक चेन्नई में भी ऐसे ही केन्द्र की स्थापना की जा रही है ताकि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की बढती मांग पूरी की जा सके।