इस संबंध में आरोप यह है कि‍ स्‍टुडेंट इस्‍लामि‍क मूवमेंट ऑफ इंडि‍या (एसआईएमआई) जो कि‍ प्रति‍बंधि‍त संगठन है, के द्वारा पनाईकुलम के हैप्‍पी सभागार में एक गुप्‍त बैठक की गई थी, जो सरकार वि‍रोधी और राष्‍ट्रद्रोह से संबंधि‍त थी।

एनआईए द्वारा कि‍ए गए गहन जांच पड़ताल के बाद यह पाया गया कि‍ अभि‍युक्‍त पी.ए. शादुली, अब्‍दुल राशि‍क, अंसार नि‍जामुद्दीन, शम्‍मी, समीर, अब्‍दुल हकीम, नि‍जार, मोहयुद्दीन कुट्टी, मोहम्‍मद नि‍सार, अस्‍कर, नि‍सार, सालि‍ह, हाशि‍म, रि‍यास, मोहम्‍मद नि‍जाम और निसार (कुल संख्‍या 17) एक अपराधि‍क षड्यंत्र में शामि‍ल हुए और भारत से कश्‍मीर को अलग करने संबंधी उकसाऊ और गैर कानूनी कार्यवाहि‍यों में संलि‍प्‍त थे। जि‍सका उद्देश्‍य सरकार की अवमानना करना था।

जांच के दौरान पाए गए दस्‍तावेजों के आधार पर प्रथम दृष्‍टि‍ यह मामला बन गया है और राष्‍ट्रीय अन्‍वेषण एजेंसी (एनआईए) के एर्णाकुलम स्‍थि‍त वि‍शेष अदालत में 30 दि‍सम्‍बर, 2010 को इन अभि‍युक्‍तों के खि‍लाफ आरोप पत्र दाखि‍ल कि‍ए गए।