उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय कारकों पर विचार करने की जरूरत है, जो खासतौर से थोक और खुदरा मूल्‍यों में अंतर को बढ़ा रहे हैं। श्री मुखर्जी ने कहा कि राज्‍य सरकारों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आपूर्ति श्रृंखला में आ रही सभी रूकावटों को दूर किया जाए, ताकि खाद्य वस्‍तुओं की कीमतों को शीघ्र कम किया जा सके।

वित्‍त मंत्री पिछले कुछ सप्‍ताहों से खाद्य वस्‍तुओं की मुद्रास्‍फीति में हाल के तेजी के रूख पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त कर रहे थे। 25 दिसंबर, 2010 को समाप्‍त के दौरान खाद्य वस्‍तुओं की मुद्रास्‍फीति 18.32 प्रतिशत थी। वित्‍त मंत्री ने कहा कि 25 दिसंबर, 2010 को समाप्‍त सप्‍ताह के दौरान खाद्य वस्‍तुओं की मुद्रास्‍फीति की दर 20 नवंबर, 2010 के 8.6 प्रतिशत के दुगुने से भी अधिक है। श्री मुखर्जी ने कहा कि इस मुद्रास्‍फीति का प्रमुख कारण फलों एवं सब्जियों, मांस, पॉल्‍ट्री, अंडे और मछली जैसी कुछ प्राथमिक वस्‍तुओं की कीमतों में हुई महत्‍वपूर्ण वृद्धि है।