भाजपा सूत्रों के अनुसार कानपुर को भाजपा ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने के लिए इसलिए चुना, क्योंकि वहां अब भी इस पार्टी की अच्छी ताकत है और इस महानगर का महापौर भाजपा का ही एक नेता है। इसलिए भाजपा यहां भारी संख्या में भीड़ जुटने की उम्मीद करती है और बड़ी सभा का आयोजन करके वह देश और दुनिया को दिखाना चाहती है कि वह अभी भी उत्तर प्रदेश की एक बड़ी राजनैतिक ताकत है और फिर से सत्ता में वापस आने में सक्षम भी है।
इस रैली का एजेंडा प्रदेश की मायावती और केन्द्र की मनमोहन सरकार- दोनों के खिलाफ तैयार किया जा रहा है। रैली में राज्य सरकार की विफलता को मुद्दा बनाया जाएगा और लोगों को बताया जाएगा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार से सनी हुई है और पूरे प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला है। इसके अलावा महंगाई को मुद्दा बनाकर केन्द्र सरकार पर भी हमले किए जाएंगे। केन्द्र द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों पर जेपीसी के नहीं गठन किए जाने के मसले को भी जोर शोर से उठाया जाएगा। इस तरह भाजपा एक साथ मायावती और मनमोहन सरकार की खबर लेती दिखाई देगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि पार्टी का गांव चलो अभियान बहुत सफल हो रहा है और इसे जारी रखा जाएगा। 5 फरवरी की रैली के बाद 12 फरवरी को पार्टी प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक धरना प्रदर्शन का आयोजन करेगी। धरना का यह काम 15 मार्च तक जारी रहेगा।
पिछले दिनों पार्टी के नेताओं ने लखनऊ में चिंतन बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें पार्टी के टिकट वितरण की रणनीति पर गहन विचार विमर्श हुआ। इस बैठक में राज्य के सभी 72 जिलों के अध्यक्ष मौजूद थे। उसमें पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी, संगठन सचिव रामलाल व कुछ अन्य नेता भी शामिल थे। राजनाथ सिंह ने राज्य में अभियान चलाने का जिम्मा खुद ले रखा है और वे यहां ज्यादा से ज्यादा समय देने जा रहे हैं।
पार्टी ने दलित मतदाताओं को भी पार्टी से जोड़ने की रणनीति बनाई है। राज्य मंेे दलितों के लिए 82 सीटें आरक्षित हैं। उनमें से अधिकांश में भाजपा की ही जीत हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ चुनाव से नजारा बदल गया है। अब पार्टी फिर एक वार उन क्षेत्रों में अपनी धाक स्थापित करना चाहती है। चिंतन बैठक में शामिल गोपी नाथ मुंडे ने बसपा और कांग्रेस पर दलित मतदाताओं को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल होने का आरोप लगाया।
इस बीच बिहार में हार का स्वाद चखने के बाद राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के लिए एकाएक ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। पिछले दिनों लखनऊ में पार्टी का एक दो दिवसीय सम्मेलन हुआ, जिसमें राहुल गांधी ने हिस्सा लिया। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं को राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर तक के लिए तैयारी करने को कहा। उन्होनें उम्मीदवारों को जल्द से जल्द तय किए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। वे चाहते हैं कि मई महीने तक उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए जाएं, ताकि उन्हें विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा समय मिल सके। (संवाद)
भाजपा उत्तर प्रदेश में अपना चुनाव अभियान शुरू कर रही है
राहुल गांधी ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है
प्रदीप कपूर - 2011-01-29 10:25
लखनऊः अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा अपना अभियान अगले महीने से ही शुरू करने जा रही है। वह वहां अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने और फिर से सत्ता में आने के लिए आगामी 5 फरवरी को कानपुर में एक बड़ी रैली आयोजित करने जा रही है, जिसमें पार्टी के बड़े नेता तो रहेंगे ही सहयोगी जनता दल के नेता शरद यादव और नीतीश कुमार के भी उसमें शामिल होने की उम्मीद है।