यह देखा गया है कि सकल घरेलू उत्पाद में एक प्रतिशत की वृद्धि से हानिकारक कचरे के उत्पादन में एक से 3 प्रतिशत तक की बढ़ौत्तरी होती है। भारत की ऊंची जीडीपी दर तेजी से और भी बढ़ रही है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि देश में नुकसानदेह कचरे के उत्पादन में काफी वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी सूचना दी कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने एक दृढ़ निश्चय लेते हुए नुकसानदेह कचरे के निष्पादन को शून्य के स्तर तक ले जाने का लक्ष्य प्राप्त करने में एक रणनीतिक तैयारी की है।
श्री बंसल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष बायोरिमेडियेशन के लिए अनेक प्रौद्योगिकियों की खोज होती है और उनका व्यावसायिक उपयोग किया जाता है। यह इन खोजों की व्यापक कानूनी रक्षा आवश्यकता को रेखांकित करता है। भारत में बायोरिमेडियेशन के क्षेत्र में 1971 से 2008 के दौरान भारतीय पेटेंट कार्यालय ने 25 पेटेंट जारी किए हैं।
भारत
30,000 उद्योग प्रतिवर्ष करते हैं 60 लाख टन नुकसानदेह कचरे का उत्पादन
विशेष संवाददाता - 2011-02-09 14:12
नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी एवं भू विज्ञान मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि धारणीय सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का समुचित एवं सतत उपयोग और जहरीले उत्सर्जन से उनकी सुरक्षा जरूरी है। आज नई दिल्ली में हेक्साक्लोरोसाइक्लोहैक्सेन (एचसीएच) व अन्य क्लोरीनेटेड कंटेमिनेंट्स के लिए विकासशील बायोरिमेडियेशन रणनीतियों में हाल के रूखों पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। श्री बंसल ने बताया कि भारत में अभी लगभग 30,000 उद्योग प्रतिवर्ष 6 मिलियन टन नुकसानदेह कचरे का उत्पादन करते हैं।