उन्हें फिक्की के महानिदेशक अमित मित्रा की अध्यक्षता वाली रेलवे की आधुनिकीकरण और परियोजनाओं को विस्तार पर सुझाव देने वाली समिति का सदस्य बनाया गया है। राजग शासनकाल में प्रधान मंत्री कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी रह चुके कुलकर्णी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपाई का भाषण लिखने की योग्यता के लिए जाने जाते रहे हैं।
हालांकि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को खरिज करते हुए इस बात से इंकार किया कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल हो रहे हैं। पार्टी नेताओं की निगाहें अब यशवंत सिन्हा पर टिक गई है। श्री सिन्हा भी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पार्टी की हार के लिए नेताओं की जिम्मेवारी तय करने की मांग की थी।
उधर, भारी उठा-पटक का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी में तेजी से पनप रही गुटवाजी पर काबू पाना पार्टी नेतृत्व के मुश्किल होता दिख रहा है। लोक सभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेवारी तय करने की मांग को लेकर दहाड़ चुके अरूण शोरी के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को आरएसएस ने संयम बरतने की सलाह दी है। भाजपा सरकार में संचार और प्रौद्योगिकी मंत्री रह चुके श्री शोरी की आम पहचान एक इमानदार राजनेता की मानी जाती है। इंडियम एक्सप्रेस के संपादक रह चुके श्री शोरी ने शनिवार को एक टेवी चैनल पर भाजपा को एक कटी पतंग के तौर पर व्याख्या करते हुए पूरे भाजपा नेतृत्व में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया था।
बीते दो सप्ताह में यह दूसरी घटना है जब पार्टी को एक के बाद एक कर तीन उन नेताओं ने आक्रामक रूख अपनाने का साहस किया है जो कभी पार्टी के लिए हमुमान , संकट मोचक और चिंतक की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते रहे थे।
भाजपा के एक बड़े नेता ने बुधवार को पार्टी में पनप रहे ताजा असंतोष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी से जुड़े मामले को जब कोई मीडिया के जरिये अपनी अपनी बात रखने का साहस करता है तो उसे अनुशासनहीनता के दायरे में ला खड़ा कर दिय़ा जाता है और असहमति के मुद्दों को पार्टी फोरम पर उठाने की कोशिश की जाती है तो उसे दबा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है और दूसरों से अपने को अलग होने का दाबा करने वाली पार्टी में आज गुटवाजी शामिल हो गई है।#
भारतीय राजनीति
भाजपा: जसवंत, कुलकर्णी और शोरी के बाद अब निगाहें यशवंत सिन्हा पर ?
विशेष संवाददाता - 2009-08-26 12:38
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के भारतीय जनका पार्टी से निष्कासन के तुरत बाद पार्टी से अपने को अलग कर चुके सुधींद्र कुलकर्णी को रेलवे बोर्ड में एक उच्च स्तऱीय समिति का सदस्य बनाये जाने के फैसले को राजनीतिक तौर पर मबत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्या श्री कुलकर्णी रेल मंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं ?