केंद्रीय मत्रिमंडल ने गुरुवार को पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को पहले से उपलब्ध 33 फीसदी आरक्षण में सत्रह फीसदी की बढ़ोतरी कर कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की इस घोषणा को राजनीतिक नजरिये से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनाव का सामना करने वाले उक्त तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।

केंद्र की पी.वी नरसिम्हा राव की तत्तकालीन सरकार ने पंचायती चुनावों में तेतीस फीसदी आरक्षण उपलब्ध कराया था। लोकतंत्र की निचली ईकाइयों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की पहल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी। पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए राजीव गांधी सरकार ने भी संविधान संशोधन का प्रस्ताव किया था।

यूपीए सरकार के उक्त फैसले पर कांग्रेस के एक महासचिव ने गुरुवार को कहा कि इस योजना को अंजाम देने के पीछे पार्टी महासचिव राहुल गांधी का दिमाग है। उन्होंने कहा कि राहुल अपने तमाम यात्राओं में ग्रामीण क्षेत्रों को महत्व दे रहे हैं। वह गरीब महिलाओं से मिल रहे हैं और दलितों के घर भोजन कर रहे हैं दलितों के गांवों में रातें बिता रहे हैं।

पंचायती राज मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसके कानूनी प्रावधानों पर टिप्पणी करते हुए बताया कि इस फैसले को अंजाम देने के लिए संविधान की धारा 243-डी में बदलाव किया जायेगा। इस प्रावधान के तहत महिलाओं को पंचायती राज संस्थानों के चुनाव में तैतीस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है।#