कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और आईसीएआर के संस्थानों के निदेशकों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पवार ने आज कहा कि शैक्षिक गतिविधियों और विकास के लिए सरकारी और निजी भागीदारी ज़रुरी है। इससे तकनीक के प्रयोगशाला से निकलकर बाज़ार में पहुंचने और उद्योग के साथ मिलकर राष्ट्रीय कृषि शोध और शिक्षा तंत्र व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी।
श्री पवार ने कहा कि कृषि क्षेत्र की बढ़ती ज़रुरतों को कारगर तरीके से पूरा करने के लिए हम लोगों को उच्च कार्य क्षमता वाले लोग चाहिए। इस परिप्रेक्ष्य में वैश्विक शिक्षा, मांग के मुताबिक पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम में छात्रों को होने वाली समस्याओं का समाधान, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के जरिए उत्पादन और खपत में लगे लोगों के अलावा विभिन्न विषयों के शोध में लगे लोगों के बीच आपसी समन्वय जैसे कुछ मुद्दे है, जिन पर ध्यान दिए जाने की ज़रुरत है। मुझे आपको ये बताते हुए खुशी हो रही है कि परिषद एक राष्ट्रीय कृषि शिक्षा परियोजना शुरु करने जा रहा है। इसके लिए एक समिति पहले से ही काम कर रही है, जो देश में उच्चतर कृषि शिक्षा का नवीनीकरण और सुधार के बारे में सलाह देगी। कृषि विश्वविद्यालयों में लागू किए जा चुके पाठ्यक्रमों का हवाला देते हुए श्री पवार ने कहा कि नया पाठ्यक्रम जानकारी के विकास, कौशल और छात्रों के रुख एवं रुचि पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयोगात्मक पढ़ाई के साथ ही नए पाठ्यक्रम भी लाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता का विकास करना है। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के लिए आईसीएआर की ओर से विकसित मॉडल को तुंरत लागू करें। उच्चतर कृषि शिक्षा में हाल के वर्ष में महिलाओं की संख्या बढ़ने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 38 कृषि विश्वविद्यालयों में लड़कियों के लिए 60 नए छात्रावास बनाए गए है, जिसमें 3000 से ज्यादा छात्राएं रह सकती है।
कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि शोध और तकनीक के विकास की बदौलत देश 1950-51 से चार गुना ज्यादा अनाज, छह गुना ज्यादा उत्पादन बागवानी में, 9 गुना ज्यादा मछली उत्पादन, छह गुणा दूध और सत्ताईस गुना ज्यादा अंडे का उत्पादन करने में सक्षम हो सका है।
कृषि शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानदंड की आवश्यकता
विशेष संवाददाता - 2011-02-23 20:04
नई दिल्ली: कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार ने देश में कृषि शिक्षा और शोध के महत्व और गुणवत्ता को ऊंचा उठाने के लिए वैश्विक मानदंड अपनाने का आह्वान किया।