डॉ. इशर अहलूवालिया ने इस समिति की अध्‍यक्षता की जबकि इसके सदस्‍यों के रूप में श्री नासिर मुंजी, डॉ. नचिकेत मोर, डॉ. एम. विजयानून्‍नी, श्री सुधीर मांकड, डॉ. राजीव लाल, श्री हरिशंकरन, श्री रमेश रमानाथन, प्रो. ओम प्रकार माथुर और श्री पी.के. श्रीवास्‍तव शामिल थे। इस समिति ने निर्माण भवन में दोनों मंत्रियों को एक प्रस्‍तुति दी।

इस समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत के आर्थिक विकास की गति को बनाये रखने के लिए शहरीकरण को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना होगा। इस समिति ने कहा कि अगर शहरीकरण की व्‍यवस्‍था की बड़ी चुनौतियों से शहरी गरीबों की आवश्‍यकताओं को अलग नहीं किया जाएगा, तभी शहरी गरीबी का कारगर समाधान मिलेगा। समिति ने कहा कि शहरों को राष्‍ट्रीय विकास का इंजन बनना होगा। कृषि क्षेत्र की किस्‍मत की कृषि बाजारों में विकास से महत्‍वपूर्ण रूप से जुड़ी है, जो शहरी विस्‍तार से और बढ़ेगी।

समिति ने कहा कि शहरी जनसंख्‍या 2010 में लगभग 35 करोड़ है जो संभवत: 2030 में बढ़कर 60 करोड़ हो जाएगी। समिति ने अनुमान लगाया है कि अगले 20 वर्षों में शहरी बुनियादी सुविधआों में कुल 39.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्‍यकता पड़ेगी।