संवाद से बात करते हुए सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि मायावती सरकार के खिलाफ राज्य व्यापी आंदोलन चलाने का फैसला पिछले महीने हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। वह बैठक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एबी बर्धन और सुधाकर रेड्डी की उपस्थिति में हुई थी।
श्री अंजान ने बताया कि बैठक में किसानों की बदतर होती दशा पर खास चर्चा की गई। रोजगार गारंटी योजना के तहत भुगतान न किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की गई। बीड़ी मजदूरों, व आंगनवाड़ी कार्यकत्ताओं की बिगड़ती हालत को भी बैठक के दौरान रेखांकित किया गया। उन्होंने कहा कि मायावती के पिछले 4 सालों के कार्यकाल के दौरान राज्य की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सरकार की ओर से हमले किए गए। उन्होंने कहा कि जब से मायावती की सरकार सत्ता में आई है, तब से राज्य में किसी प्रकार का औद्योगिक निवेश नहीं हुआ और राज्य सरकार ने अपनी तरफ से इसके लिए कुछ भी नहीं किया। उन्हा्रेने कहा कि मायावती सरकार के दौरान माहौल कुछ ऐसा बना कि राज्य के उद्यमी उत्तराखंड व अन्य राज्यों की ओर भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मायावती सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान न तो किसी प्रकार के व्यापारिक शिष्टमंडल से मुलाकात की और न ही कभी किसी देश के उच्चायुक्त अथवा राजदूत से मिलने की कोशिश की। किसी देश के राजदूत ने खुद मायावती से मिलने में कोई दिलचस्पी दिखाई। राज्य की खराब देशा का वर्णन करते हुए श्री अंजान ने कहा कि शिक्षा सेक्टर पर तो सरकार ने किसी प्रकार का घ्यान दिया ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य में दो ऐसे राज्य हैं, जिनकी आबादी 30 लाख से ज्यादा होने के बावजूद वहां कोई पोस्अ ग्रजुएट की पढ़ाई के लिए कोई कॉलेज नहीं है। प्राथमिक विद्यालयो की स्थिति भी बहुत खराब है। शिक्षकों को उनमें वेतन तो अच्छा मिलता है, लेकिन उनमें से अनेक कभी स्कूल जाते ही नहीं।
उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों में भ्रष्टाचार कितना फैला हुआ है, इसका पता इसीसे लगता है कि पिछले दो महीनों के दौरान वहां परिवार कल्याण विभाग से जुड़े तीन वरिष्ठ डाक्टरों की हत्या कर दी गई। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का हाल भी बहुत खराब हैं। वहां अच्छे डाक्टर ही नहीं हैं और इसके कारण महिलाआंें और बच्चों का इलाज भी सही ढंग से नहीं हो पाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य म्रे कृषि की हालत भी बहुत खराब है। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा, क्योकि उनके लिए खरीद केन्द्र खोलने की सही व्यवस्था ही नहीं है। अच्छी किस्म के खाद और बीज बाजार में सही मात्रा में उपलब्ध ही नहीं हैं।
उन्होने कहा कि राज्य में पीने के पानी तक की समस्या हो गई है। राज्य में काफी नदी हैं, लेकिन पानी का स्तर जमीन के नीचे लगातार गिरता जा रहा है। अनेक जिले के लोग तो आर्सेनिक प्रदूषित जल पीने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में इतनी सारी समस्याएं और राज्य सरकार को करने के लिए इतने सारे काम हैं, लेकिन फिर भी सरकार स्मारक और मूर्त्तियां बनवाने मं व्यस्त है। उनके निर्माण में हजारों करोड़ रुपए खर्च हो रहा हैं और उनमें भारी भ्रष्टाचार भी है। श्री अंजान ने मायावती द्वारा खुद की मूर्त्तियां बनवाने को भी हास्यास्पद बताया।
उन्हांेंने कहा कि राज्य मंे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की भी बहुत संभावना है, लेकिन इस दिशा में राज्य सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। बनारस, अयोध्या, मथुरा और आगरा के विकास के लिए कुछ नही ंकिया जा रहा है।
उन्होंने राज्य के लाखों बुनकरों की समस्या की जानबूझकर अनदेखी करने का आरोप भी राज्य सरकार पर लगाया। उनका कहना है कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण राज्य के लाखों बुनकर और उनके परिवार तबाह हो रहे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों की जमीन ेका अधिग्रहण जबर्दस्ती कर रही है और उस जमीन को व्यापारिक घरानों के हाथों में दे रही है। किसानों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि आंदोलन के तहत राज्य भी में जन सभाएं की जाएंगी, प्रदर्शन किया जाएगा और धरने दिए जाएंगे। (संवाद)
मायावती सरकार के खिलाफ सीपीआई का आंदोलन
किसानों की दुर्दशा होगा मुख्य मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2011-04-23 15:00
लखनऊः अगले मई महीने से सीपीआई राज्य की मायावती सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने जा रही है। यह आंदोलन राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार और गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ होगा। सरकार की जन विरोधी नीतियों को भी जनता के सामने उजागर किया जाएगा।