श्री शाही ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल के बाद यह पहली घटना होगी जब राजनीतिक कार्यक्रमों, धरना, प्रदर्शन, आंदोलन और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का शर्मनाक षड्यंत्र किया गया है।उन्होंने कहा कि मायावती अपनी सरकार के खिलाफ उपजे जनाक्रोश को कुचलने के प्रयास के तहत इस तरह के असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक आदेश जारी किया है। इस आदेश द्वारा प्रदेश सरकार राज्य में फैले जंगलराज, हत्याओं, लूटपाट महिलाओं पर दुराचार, सुरक्षा, भ्रष्टाचार, बिजली, पानी, सड़क के बुनियादी सवालों एवं प्रदेश में चौतरफा भ्रष्टाचार के कारण बढ़ रहे व्यापक असंतोष को बर्बरतापूर्ण कुचलने का शर्मनाक प्रयास कर रही है।

श्री शाही ने कहा कि बसपा सरकार के भ्रष्टाचार के विरूद्ध बीजेपी के व्यापक जननांदोलन तथा रैलियों से बौखलाई मायावती का यह फरमान बीजेपी को जन-समस्याओं और भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष से नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा कि बीजेपी इस नादिरशाही फरमान के विरूद्ध प्रदेश व्यापी अभियान के विषय में आगामी 2 मई को लखनऊ में प्रदेश पदाधिकारियों तथा जिलाध्यक्षों की बैठक में विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेगी।