उनके इस अभियान से उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियां बहुत खुश हैं। वे चाहती हैं कि भ्रष्टाचार उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव का सबसे बड़ा, और यदि हो सके तो एक मात्र मुद्दा बन जाए। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा पहले से ही मायावती सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाती रही हैं और आंदोलन भी करती रही हैं।
अब इन पार्टियों को लगता है कि अन्न हजारे के उत्तर प्रदेश में अपना अभियान शुरू करने से उनका काम आसान हो जाएगा और भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने में वे सफल हो जाएंगी। यही कारण है कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा रीता बहुगुणा जोशी अन्ना हजारे से उत्तर प्रदेश आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की अपील कर रहे थे।
2007 विधानसभा के चुनाव में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति व अपराधीकरण सबसे बड़ा मुद्दा बना था। उसका लाभ मायावती को मिला था, क्योंकि अपने पहले के छोटे छोटे कार्यकालों के दौरान उन्होंने अपराधी छवि वाले कुछ नेताओं को जेल की हवा खिलवा दी थी। लोगों को लगा था कि वे राज्य को अपराधीकरण से मुक्त करा सकती हैं। पिछले 4 साल के दौरान उन्होंने वैसा कुछ खास नहीं किया, जैसी उनसे उम्मीद थी।
अब 2012 के चुनाव में विपक्ष भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है, क्योंकि उसके पास मायावती सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है और खुद मायावती उस मसले पर कमजोर दिखाई पड़ रही है। अन्ना के अनशन के दौरान राज्य भर में उनके समर्थन में लोगों का सैलाब उमड़ रहा था। उनके पक्ष में अनेक शहरों मंे मामबत्ती जुलूस निकाले गए थे। उत्तर प्रदेश के उनके तीन दिन के अभियान के दौरान भी उन्हें भारी जनसमर्थन मिलने की संभावना है।
अन्ना के अभियान का राज्य की विपक्षी पार्टियां तो समर्थन करती ही हैं, खुद मायावती भी इसका विरोध नहीं करती हैं। लेकिन उन्होंने अन्ना का यह कहते हुए विरोध किया है कि लोकपाल विधेयक पर बनाई गई मसौदा समिति में उन्होंने किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को नहीं रखा।
अन्ना हजारे की पहली रैली बनारस में 29 अप्रैल को होगी। 30 अप्रैल को उनकी दूसरी रैली सुल्तानपुर में होगी और तीसरी रैली लखनऊ में होगी। आयोजकों का कहना है कि उनकी रैली किसी पार्टी विशेष के खिलाफ नहीं होगी, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता में रोष पैदा करने के लिए होगी। (संवाद)
उत्तर प्रदेश में अन्ना हजारे
भ्रष्टाचार बन सकता है मुख्य चुनावी मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2011-04-28 20:28
लखनऊः दिल्ली में सफल भूख हड़ताल के बाद अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना राष्ट्रव्यापी उत्तर प्रदेश से शुरू करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के बनारस से वे अपने इस अभियान की शुरुआत 29 अप्रेैल को करेंगे। बनारस को उन्होंने अपने अभियान को इसलिए चुना है क्योंकि यह सबसे पुराना नगर माना जाता है। उत्तर प्रदेश को अपने अभियान की शुरुआत के लिए उन्होंने इसलिए चुना है, क्योंकि यह देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है और देश की राजनीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य भी है।