तुर्कमेनिस्तान प्राकृतिक गैस का एक बड़ा उत्पादक देश है और यह अफगानिस्तान के उत्तर में स्थित है। वहां से गैस जिस पाइप से भारत आएगी, वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए ही आएगी। इसलिए इस पाइप निर्माण परियोजना को तापी (तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इंडिया) प्रोजेक्ट का नाम दिया गया है।
प्रोजेक्ट के तहत पाइप दक्षिण पूर्व तुर्कमेनिस्तान के दौलताबाद से शुरू होगी। तुर्कमेनिस्तान में 145 किलामीटर लंबा खिंचने के बाद पाइप अफगानिस्तान में प्रवेश करेगी। वहां से 275 किलोमीटर गुजरने के बाद यह पाकिस्तान की 800 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद भारत में प्रवेश करेगी।
यह एक महत्वांकाक्षी योजना है जिसपर भारत पिछले अनेक महीनों से काम कर रहा है। इस पाइप के द्वारा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान गैस आयात कर सकेंगे। सबसे अंत में गैस भारत के पास आएगी और उसके पहले वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे दो देशों से गुजरेगी, जहां की कानून व्यवस्था की स्थिति ही खराब नहीं है, बल्कि राजनैतिक स्थिति भी स्थिर नहीं रहती है। जाहिर है, यह परियोजना भारत के लिए बहुत ही जोखिम भरी हुई है। अपने अपने देशों में पाइपलाइन की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ही होगी।
भारत आने वाली गैस अफगानिस्तान और पाकिस्तान होकर गुजरेगी। इसलिए इन दोनों देशों को भारत ट्रांजिट फी देगा। यह फी कितनी हो, इसके लिए दोनों देशों के साथ इसकी बातचीत जारी है। परियोजना को लेकर अन्य मसलों पर भी बातचीत चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि यह बातचीत जल्द ही पूरी हो जाएगी और 31 जुलाई तक समझौते पर दस्तखत भी हो जाएंगे।
पाइपलाइन का निर्माण कार्य 2013 में शुरू होने की संभावना है और उम्मीद की जा रही है कि इसका निर्माण कार्य 2016 में पूरा हो जाएगा और उसके बाद भारत को तुर्कमेनिस्तान इसके द्वारा गैस की आपूर्ति शुरू कर देगा।
भारत किस दर से गैस की खरीद करेगा, इस पर भी बातचीत चल रही है। भारत चाहता है कि पाइपलाइन से चलकर आने वाली गैस अन्य तरीके से आने वाली गैस से सस्ती होनी चाहिए। इसी सिद्धांत को ध्यान में रखकर यह तुर्कमेनिस्तान से इसकी कीमत व पाकिस्तान और अफगानिरूतान से ट्रांजिट फी तय करने के लिए बातचीत कर रहा है।
आगामी 13 और 14 मई को काबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारियों के साथ भारत के अधिकारियों की बातचीत होगी। उसमें ट्रांजिट फी को लेकर कोई सहमति बन जाने की संभावना है। (संवाद)
भारत तापी प्रोजेक्ट पर 31 जुलाई तक दस्तखत करेगा
ट्रांजिट फी के मसले पर बातचीत जारी
विशेष संवाददाता - 2011-05-07 11:45
नई दिल्लीः रसोई गैस की आपूर्ति बढ़ाने के लिए भारत तापी प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर तुर्कमेनिस्तान से गैस आयात करना आसान हो जाएगा।