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राहुल गांधी द्वारा चुनावी धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने से आयी इंडिया ब्लॉक में एकता

देश भर में एसआईआर के खिलाफ आंदोलन को और गति मिलने की संभावना
अरुण श्रीवास्तव - 2025-08-09 11:03 UTC
मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के इशारे पर वोट चोरी की घटना का पर्दाफाश करने पर, भाजपा के दूसरे पायदान के नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर किए जा रहे व्यंग्य और कटाक्षों से विचलित हुए बिना, विपक्ष के नेता लोकतांत्रिक व्यवस्था की पवित्रता को बहाल करने और मोदी शासन के दौरान फैली सड़ांध को दूर करने के लिए एक मजबूत जन आंदोलन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

आठवले ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर महाबोधि मंदिर अधिनियम रद्द करने की मांग दोहराई

एस एन वर्मा - 2025-08-08 15:30 UTC
नई दिल्ली: रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने आज संसद भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की और महाबोधि मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने की मांग दोहराई। उल्लेखनीय है कि बिहार स्थित महाबोधि विहार (बोधगया) का प्रबंधन इसी अधिनियम के तरह किया जाता है।

'हाउडी मोदी' से लेकर भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ तक एक भ्रम का अंत

शेखीबाज़ी से कहीं ज़्यादा प्रधान मंत्री मोदी को क्षमता और विश्वसनीयता की जरूरत
आर. सूर्यमूर्ति - 2025-08-08 11:08 UTC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ऐलान कि वे बढ़ते अमेरिकी व्यापार शुल्कों के बीच भारतीय किसानों के साथ खड़े होने के लिए "भारी कीमत चुकाने" को तैयार हैं, सुर्खियाँ बटोर रहा है—लेकिन ज़रूरी नहीं कि सही कारणों से। यह भाषण नीतिगत युद्ध कक्ष से ज़्यादा राजनीतिक मंच के लिए तैयार किया गया है। इसके लोकलुभावन आवरण के पीछे एक परेशान करने वाली स्वीकारोक्ति छिपी है: सरकार की विदेश नीति तेज़ी से प्रतिक्रियावादी, रणनीतिक रूप से भ्रमित और, इससे भी बदतर, चुनावी जुनून से ग्रस्त होती जा रही है।

भारत को ट्रंप के व्यापार शुल्क जाल को नज़रअंदाज़ करना होगा

कई वर्षों की मेहनत से बना है भारत-अमेरिका संबंध
नन्तू बनर्जी - 2025-08-07 10:54 UTC
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, व्यापार से लेकर कूटनीति तक, देशों और मुद्दों से निपटने की अपनी अजीबोगरीब शैलियों के साथ तेज़ी से अप्रत्याशित होते जा रहे हैं। पिछले शुक्रवार से भारत पर लगाया गया 25 प्रतिशत आयात शुल्क भले ही अमेरिका के साथ भारत के निर्यात व्यापार को ज़्यादा नुकसान न पहुंचाए, लेकिन इससे पिछले कई वर्षों में सुविकसित भारत-अमेरिका राजनयिक संबंधों में दरार पड़ने या शायद अविश्वास पैदा होने का खतरा है। यह भारत और अमेरिका दोनों में लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय होना चाहिए।

एक तरह का न्यायिक अतिक्रमण है राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच की टिप्पणी

संविधान के तहत हर नागरिक को है सरकार से असुविधाजनक सवाल पूछने का अधिकार
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-08-06 10:36 UTC
भारत के संविधान के तहत सरकार की आलोचना करने का नागरिक का अधिकार सुरक्षित है। फिर भी, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज महीश की एक बेंच ने 4 अगस्त, 2025 को भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी की देशभक्ति पर सवाल उठाया। राहुल गांधी ने 2022 में अपने भारत जोड़ो यात्रा अभियान के दौरान टिप्पणी की थी कि भारत ने अपनी 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन खो दी है जिस पर चीन का कब्ज़ा। बेशक, यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन फिर लोकतंत्र में, सरकार की आलोचना न केवल एक अधिकार है, बल्कि एक सच्चे नागरिक का कर्तव्य भी है।

ट्रम्प के 25 प्रतिशत टैरिफ से निपटने में भारत का संयम और इसकी सावधानी

व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बैक-चैनल चर्चाएं जारी
कल्याणी शंकर - 2025-08-05 10:53 UTC
अमेरिका को निर्यात शुल्क में कमी की भारत की उम्मीदें बुधवार को तब धराशायी हो गईं जब ट्रम्प प्रशासन ने रूस से हथियार और कच्चा तेल खरीदने पर 25% शुल्क और एक अनिर्दिष्ट जुर्माना लगाने की घोषणा की। नरेंद्र मोदी सरकार सतर्कता से प्रतिक्रिया दे रही है, क्योंकि इन जुर्मानों का पूरा प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है।

ग्यारह साल के शासन के बाद नरेंद्र मोदी के लिए परीक्षा की घड़ी

भारत के साथ ट्रंप का व्यवहार प्रधानमंत्री के लिए एक भू-राजनीतिक चुनौती
नित्य चक्रवर्ती - 2025-08-02 10:56 UTC
यह कहना कोई घिसी-पिटी बात नहीं होगी कि हमारे शक्तिशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस देश पर 11 साल तक निर्विवाद नेता के रूप में शासन करने के बाद परीक्षा की घड़ी आ गयी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार को घोषित और शुक्रवार, 1 अगस्त से प्रभावी, भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि केवल एक व्यापारिक निर्णय नहीं है, बल्कि इसका संबंध इस विलक्षण राष्ट्रपति के अपने कभी अच्छे दोस्त रहे मोदी के प्रति नए दृष्टिकोण, उनके टैरिफ को भू-राजनीति के संचालक के रूप में इस्तेमाल किए जाने, और ट्रंप के इस सिद्धांत की स्थापना से है कि जो हमारे साथ नहीं हैं, वे हमारे खिलाफ हैं।

भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ से घबराने की आवश्यकता नहीं

मोदी सरकार व्यापार पैटर्न को संतुलित करे और घरेलू खपत को बढ़ावा दे
डॉ. नीलांजन बनिक - 2025-08-01 10:58 UTC
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला किया है जो आज एक अगस्त से लागू हो गया है। उन्होंने भारतीय निर्यात पर एक अतिरिक्त जुर्माने की भी बात की, जो रूस के साथ तेल व्यापार जारी रखने वाले देशों पर अधिभार के रूप में 100% तक बढ़ सकता है। ऐसा लगता है कि ट्रम्प को 'मित्र' भारत की कोई परवाह नहीं है, क्योंकि भारत के साथ व्यापार का हिस्सा चीन के साथ अमेरिका के व्यापार की तुलना में बहुत कम है। अमेरिकी हितों के कारण, चीन को भारत की तुलना में बेहतर व्यापार समझौता मिलने की संभावना है - चीन को अमेरिकी चिप-डिज़ाइन सॉफ़्टवेयर निर्यात पर प्रतिबंध हटाना इसका एक उदाहरण है।

रूसी तेल पर ट्रंप का नवीनतम कदम भारतीय आर्थिक स्थिरता के लिए ख़तरा

100% टैरिफ़ व्यापार रियायतों के लिए दबाव की अमेरिकी रणनीतिक दादागिरी
के रवींद्रन - 2025-07-31 11:02 UTC
रूसी तेल खरीद पर डोनाल्ड ट्रंप का नवीनतम कदम, उनके बयानबाज़ी और फिर चुपचाप पीछे हटने के सामान्य तरीके से एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। एक आश्चर्यजनक उलटफेर करते हुए, उन्होंने रूसी तेल आयात जारी रखने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई की समय सीमा आगे बढ़ा दी है, और ऐसा उन्होंने इतनी दृढ़ता से किया है कि कूटनीतिक और ऊर्जा बाज़ार दोनों ही हड़बड़ा गए हैं।

चीन ने भारत के खिलाफ उर्वरक आपूर्ति को बनाया हथियार

भारत में गहरा रहा है खरीफ संकट, केन्द्र तत्काल कार्य योजना बनाए
आर. सूर्यमूर्ति - 2025-07-30 11:01 UTC
जब चीन ने इस साल की शुरुआत में भारत को उर्वरक निर्यात पर चुपचाप रोक लगा दी, तो इससे न केवल आपूर्ति लाइनें बाधित हुईं और कीमतों में उछाल आया, बल्कि इसने एक और भी अधिक परेशान करने वाली सच्चाई को उजागर किया। वह यह कि भारत की कृषि सुरक्षा उतनी ही मज़बूत है जितनी कि आयात पर निर्भर उसकी इनपुट श्रृंखला की सबसे कमज़ोर कड़ी। इस मामले में, वह कमज़ोर कड़ी एक ऐसे देश पर राजनीतिक रूप से हथियारबंद निर्भरता थी, जिसके रणनीतिक हित हमारे अपने हितों से लगातार अलग होते जा रहे हैं।