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पूजा स्थल अधिनियम मुकदमों पर रोक से जगी धर्मनिरपेक्षता के बचने की नयी उम्मीद

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के दूरगामी सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी निहितार्थ
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-12-14 10:46
पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के संबंध में सभी नये मुकदमों, कार्यवाहियों और आदेशों पर रोक लगाने का आदेश भारत के सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 12 दिसंबर को दिया, जिसके निहितार्थ दूरगामी होंगे क्योंकि यह कानूनी सीमाओं से परे देश के लोगों के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को प्रभावित करेगा। इस आदेश ने सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता की अस्तित्व की लड़ाई में धर्मनिरपेक्षता के बचने की एक नयी उम्मीद जगायी है, जिस पर हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी रूप से लगातार हमला किया जा रहा है, हालांकि पूजा स्थल अधिनियम में ऐसे मुद्दों को उठाने पर कानूनी रोक है।

जे पी नड्डा की जगह अगले भाजपा अध्यक्ष के नामांकन पर संकेत अस्पष्ट

नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत के बीच इस मुद्दे पर अभी विवाद सुलझा नहीं
अरुण श्रीवास्तव - 2024-12-13 10:32
भाजपा दिसंबर के अंत तक पार्टी के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति करने की जल्दी में है। नये अध्यक्ष के चुनाव के लिए चुनावी प्रक्रिया चल रही है। लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में से किनका उम्मीदवार इस पद पर बैठेगा, अभी भी रहस्य में डूबा हुआ है। यह मुद्दा अभी भी विवादास्पद बना हुआ है। गत अक्तूबर महीने में आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और उसके बाद भागवत की कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत ने निश्चित रूप से भगवा पारिस्थितिकी तंत्र में यह उम्मीद जगायी है कि साल खत्म होने से पहले दोनों के बीच किसी उम्मीदवार पर सहमति हो जायेगी।

बाबरी मस्जिद विध्वंस के 32 साल बाद निशाने पर कई अन्य स्थल

अयोध्या फैसले की अनदेखी, पूरी तरह से लागू नहीं, बढ़ रहा सांप्रदायिक तनाव
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-12-09 10:52
अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किये जाने के 32 साल, तथा 9 नवंबर, 2019 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिये गये अयोध्या फैसले के लगभग पांच साल बाद जिसमें राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया गया, अनेक अन्य स्थलों को निशाना बनाया गया है। अयोध्या फैसले के तहत राम मंदिर बना और उसका उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2024 को कर भी दिया, परन्तु फैसले को आधे-अधूरे ढंग से लागू किया गया, जिसके कारण कई अन्य मस्जिदें और दरगाह नये लक्ष्य बन गये, जिससे देश भर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव और वैमनस्य पैदा हो रहा है, जो अयोध्या के फैसले से बढ़ी उम्मीदों के विपरीत है।

आरबीआई ने विकास की तुलना में मुद्रास्फीति नियंत्रण को अधिक महत्व दिया

भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान चरण में यह कदम सावधानीपूर्ण लेकिन समझदारी भरा
अंजन रॉय - 2024-12-07 11:08
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था की मंदी और बढ़ती मूल्य रेखा के मद्देनजर अर्थशास्त्रियों और नीति विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ी हुई थी, जिसके बीच आरबीआई ने स्पष्ट रूप से दरों में ढील के चक्र को शुरू करने के लिए जीडीपी वृद्धि में गिरावट पर ध्यान देने के बजाय मुद्रास्फीति नियंत्रण पर का रुख चुना है। आरबीआई ने नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर रखा। जो लोग विकास दर को नीति के सर्वोच्च उद्देश्य के रूप में देखने की उम्मीद कर रहे थे, वे संभवतः निराश हुए होंगे।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ माकपा ने किया कड़ा रुख

उच्च शिक्षा के भगवाकरण के खिलाफ सत्तारूढ़ वाम नेतृत्व ने उठाया कदम
पी. श्रीकुमारन - 2024-12-05 10:54
तिरुवनंतपुरम: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ अपना रुख कड़ा कर लिया है, जो विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उच्च शिक्षा का भगवाकरण करने, राज्य द्वारा वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के कामकाज को कमजोर करने और सदन द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने से इनकार करके राज्य विधानसभा को अप्रभावी बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
डॉ अम्बेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसम्बर के अवसर पर विशेष

हिन्दू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म अंगीकार करने समय डॉ. अम्बेडकर ने क्या कहा

एल.एस. हरदेनिया - 2024-12-04 11:23
‘‘मैं आज बहुत ही प्रफुल्लित हूँ। मैं जरूरत से ज्यादा प्रसन्न हूँ। मैंने जिस क्षण हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने नर्क से मुक्ति पा ली है,” ये शब्द डॉ. अम्बेडकर के उस भाषण के हैं जो उन्होंने हिन्दू धर्म को त्यागकर बौद्ध धर्म को स्वीकार करते हुए दिया था।

नरेंद्र मोदी सरकार अमीरों पर सुपर टैक्स लगाने के मुद्दे पर चुप क्यों

इंडिया ब्लॉक धनवानों पर जी-20 द्वारा प्रस्तावित कर लागू करने पर दबाव डाले
नित्य चक्रवर्ती - 2024-12-04 10:59
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट को संसद में पेश किये जाने में दो महीने से भी कम समय बचे हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के इस केन्द्रीय बजट को अगले साल फरवरी में संसद में पेश किया जाना है। वित्त मंत्रालय में बजट की कवायद जारी है और विकास व्यय को पूरा करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। ब्राजील में आयोजित जी-20 देशों की हाल ही में हुए शिखर सम्मेलन ने अपने घोषणापत्र में गरीब देशों में भूख से लड़ने और अन्य देशों में समावेशी विकास की लागतों का ध्यान रखने के लिए समूह के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में अति धनवानों पर कर लगाने का आह्वान किया है। भारत इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षरकर्ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया था। भारत के लिए बजट 2025-26 के माध्यम से प्रस्ताव को लागू करना अनिवार्य है।

नकली भारतीय मुद्रा की बढ़ती संख्या से अर्थव्यवस्था के अस्थिर होने का खतरा

बांग्लादेश और पाकिस्तान से नकली नोटों के प्रवेश का प्रमुख केंद्र पूर्वी भारत
नन्तू बनर्जी - 2024-12-03 10:51
यह गंभीर चिंता का विषय है कि महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला के 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 2018-19 और 2023-24 के बीच लगभग चार गुना, और 2020-21 से 2,000 रुपये के नकली नोटों की तीन गुना हो गयी है। ध्यान रहे कि 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने हुए हैं और इन्हें रिजर्व बैंक के कार्यालयों में बदला जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, मई 2023 में 2000 के मुद्रा नोटों को वापस लेने के कदम के बाद से इनमें से 98 प्रतिशत नोट वापस आ चुके हैं। लेकिन 500 और 200 रुपये के नकली नोटों का तेजी से बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय बन गया है। 500 रुपये के नोट रोजमर्रा के लेन-देन की रीढ़ बन गये हैं और पिछले कुछ सालों में इसके प्रचलन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। सरकार और रिजर्व बैंक दोनों ही इस बात से चिंतित हैं। पिछले हफ्ते केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने देश में नकली नोटों के बढ़ते प्रचलन को लेकर लोकसभा में चिंता जताई थी।

अडानी को जांच से बचाने का मोदी सरकार का निराशोन्मत्त प्रयास

दोनों के बचाव के तरीकों से उनके संबंधों के संदिग्ध सूत्र का खुलासा
के रवींद्रन - 2024-12-02 10:50
अमेरिकी अधिकारियों द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के बाद अडानी समूह और भारत सरकार द्वारा किये गये बचाव ने भारत में कॉरपोरेट हितों और राजनीतिक शक्ति के बीच परस्पर सम्बंधों के बारे में गंभीर सवाल खड़े किये हैं। जहां एक ओर अमेरिकी जांच ने भ्रष्टाचार सहित गंभीर वित्तीय अपराधों को उजागर किया, वहीं अडानी समूह और भारत सरकार दोनों ने कंपनी का बचाव करने के लिए एक संयुक्त मोर्चा पेश किया और कहा कि आरोपों को केवल तकनीकी रूप से तैयार किया गया है और कम्पनी का नेतृत्व किसी भी कदाचार में शामिल नहीं है। लेकिन बचाव को मोदी सरकार की ओर से कॉरपोरेट हितों को बचाने के लिए एक रणनीतिक चाल के रूप में ही देखा जा सकता है।

विधानसभा चुनाव में झटके लाये कांग्रेस के सामने चुनौतियों भरे कार्य

जमीनी स्तर से संगठन का पुनर्निर्माण और मौजूदा रणनीति में बदलाव जरूरी
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-11-30 10:34
भारत के मतदाता पिछले कुछ समय से कांग्रेस को ऊपर-नीचे कर रहे हैं और यह प्रवृत्ति पिछले डेढ़ साल में और भी स्पष्ट हो गयी है, विशेषकर मई 2023 में कर्नाटक चुनाव के समय से, जब लोगों ने भाजपा को सत्ता से बाहर करते हुए कांग्रेस को भारी बहुमत से जिताया था। इस अवधि के दौरान देश भर में लगभग हर छह महीने में मतदाताओं का मूड बदलता हुआ देखा गया है, खासकर कांग्रेस के पक्ष में या उसके खिलाफ। नवंबर 2023 में राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव, अक्टूबर 2024 में हरियाणा चुनाव और अब नवंबर 2024 में महाराष्ट्र चुनाव में मिली असफलताओं ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि अगर कांग्रेस को देश भर में आगामी चुनावों में भाजपा से मुकाबला करना है तो उसके सामने महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिन्हें उसे करना ही होगा।