पूजा स्थल अधिनियम मुकदमों पर रोक से जगी धर्मनिरपेक्षता के बचने की नयी उम्मीद
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के दूरगामी सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी निहितार्थ
2024-12-14 10:46
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पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के संबंध में सभी नये मुकदमों, कार्यवाहियों और आदेशों पर रोक लगाने का आदेश भारत के सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 12 दिसंबर को दिया, जिसके निहितार्थ दूरगामी होंगे क्योंकि यह कानूनी सीमाओं से परे देश के लोगों के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को प्रभावित करेगा। इस आदेश ने सांप्रदायिकता के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता की अस्तित्व की लड़ाई में धर्मनिरपेक्षता के बचने की एक नयी उम्मीद जगायी है, जिस पर हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी रूप से लगातार हमला किया जा रहा है, हालांकि पूजा स्थल अधिनियम में ऐसे मुद्दों को उठाने पर कानूनी रोक है।