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नेपाल का भारत भूमि पर दावा उसे ही भारी पड़ेगा

नई दिल्ली उसे समझदारी का पाठ अभी भी सिखा सकती है
बरुन दास गुप्ता - 2020-07-02 10:30
भारत-नेपाल संबंधों में हाल ही में खटास आई जब नेपाल सरकार ने दावा किया कि तीन भारतीय क्षेत्र उनके हैं - उत्तराखंड में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा। उनका कुल क्षेत्रफल 335 वर्ग किलोमीटर है। नेपाली पक्ष ने न केवल इन भारतीय क्षेत्रों पर दावा किया, बल्कि इन क्षेत्रों को नेपाल में दिखाने वाला एक नया नक्शा प्रकाशित किया। मानचित्र को बाद में नेपाली संसद द्वारा अनुमोदित किया गया। नेपाल ने अपने दावों के समर्थन में 1816 में हस्ताक्षरित सुगौली की संधि का हवाला दिया। सुगौली की संधि एंग्लो-नेपाली युद्ध (नवंबर 1814 से मार्च 1816) के बाद नेपाल के लिए चंद्र शेखर उपाध्याय और राजगुरू गजराज मिश्र व ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच थी।

जोस के मणि गुट यूडीएफ से बाहर

भाजपा को मिला एक सुनहरा अवसर
पी श्रीकुमारन - 2020-07-01 09:57
तिरुअनंतपुरमः केरल कांग्रेस (मणि) में चल रही गुटबाजी के बीच जोस के मणि के नेतृत्व वाले गुट को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट से निकाल दिए जाने के बाद यूडीएफ का संकट और भी गहरा हो गया है।

बिहार की चुनावी सरगर्मी

क्या एनडीए में बिखराव होगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-30 09:42
बिहार में चुनाव नजदीक आने के साथ ही चुनावी सरगर्मी भी बढ़ गई है। वहां भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता में है, हालांकि प्रदेश स्तर पर एनडीए का नेतृत्व जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार कर रहे हैं। वे अभी मुख्यमंत्री तो हैं ही, उन्हें निर्विवाद रूप से चुनाव के दौरान अगले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित भी कर दिया गया है। मतलब कि उनके नेतृत्व में ही एनडीए वहां चुनाव लड़ेगा, इसे लेकर शक और संदेह की कोई गुंजायश नहीं रही। हालांकि कुछ महीने पर भाजपा के अन्दर एक ऐसा वर्ग भी था, जिसे लगता था कि पार्टी के अकेले दम पर चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के चेहरे पर भाजपा चुनाव जीत सकती है।

चीनी उत्पादों का बहिष्कार मुश्किल है

इसके लिए भारत में आजादी आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन चाहिए
के रवीन्द्रन - 2020-06-29 09:39
तथा कथित राष्ट्रवादी तत्वों ने लद्दाख में चीनी सीमा घुसपैठों के मद्देनजर चीन के ‘बहिष्कार’ आंदोलन का आह्वान किया है। लेकिन यह स्पष्ट है कि चीन पर निर्भरता से मुक्ति पाने के लिए भारत को अपने स्वतंत्रता आंदोलन से भी बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा।

केन्द्र की नीतियां लोगों को तबाह कर रही हैं

देश की समस्या हल करने में मोदी सरकार विफल
बिनॉय विस्वम - 2020-06-27 10:30
ईंधन की कीमत में लगातार वृद्धि के 18 वें दिन, डीजल ने पेट्रोल को पीछे छोड़ दिया है। यह पहली बार है कि पेट्रोल के मुकाबले डीजल महंगा हो जाए। हर कोई जानता है कि अब भारत में ईंधन की कीमत का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत से कोई लेना-देना नहीं है। वे दिन चले गए जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों में भिन्नता ने भारत में ईंधन की कीमत निर्धारित होती थी। अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में गिरावट के बावजूद, यहां ईंधन की कीमत अप्रभावित रहती है, बल्कि मोदी सरकार की मूल्य निर्धारण नीति की बदौलत यह बढ़ती चली जाती है।

चीन की भारत को हिमालयी चुनौती

भारत के पास अनेक विकल्प मौजूद हैं
अंजन रॉय - 2020-06-26 10:25
किसी भी चीज से भारतीय सेना के बीस युवा जीवन की क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन भारत की हिमालय सीमा पर घटित इस प्रकरण ने वैश्विक भू-राजनीतिक कथा में एक अच्छा बदलाव किया है।

चीनी संकट और हम

मोदी से गलती कहां हुई?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-25 08:48
कोरोना संकट के बीच चीन ने भी भारत के लिए एक बड़ा सकट खड़ा कर दिया है और यह संकट 1962 के पहले वाले संकट से भी बड़ा है। हमारे 20 जबान मारे जा चुके हैं। चीनी गिरफ्त में गए अपने 10 जवानों को जिंदा वापस पाने में हम सफल हुए हैं, लेकिन संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। मीडिया में स्टोरी प्लांट कर कभी चीनी सैनिकों के हताहत होने की भी बात की जाती है और कभी बात की जाती है कि चीनी सैनिक पीछे हट गए हैं। लेकिन उसके बाद खबर आती है कि चीन ने अन्य जगहों पर भी सेना तैनात कर रखी है और वह युद्ध की तैयारी कर रहा है। उधर चीन से कभी समझौतावादी स्वर उभरते हैं, तो कभी उधर से धमकी भरी बातें सुनने को मिलती हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा के उपचुनाव

कांग्रेस और भाजपा हो रही हैं तैयार
एल एस हरदेनिया - 2020-06-24 09:32
भोपालः राज्यसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ने राज्य विधानसभा की 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। इन उपचुनावों के नतीजे राज्य सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य के इतिहास में कभी भी इतनी बड़ी संख्या में उपचुनाव नहीं हुए हैं। एमपी विधानसभा की ताकत 230 है। वर्तमान में, कांग्रेस के 92 सदस्य हैं। सत्ता पर कब्जा करने के लिए कुल 116 सदस्यों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार बहुमत हासिल करने के लिए उसे सभी 24 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी चाहिए।

राज्यसभा में बहुमत के लिए भाजपा को अभी लंबा इंतजार करना होगा

पिछले तीन दशकों से उच्च सदन में किसी पार्टी का बहुमत नहीं
अनिल जैन - 2020-06-23 10:20
अपनी तमाम हिकमत अमली के बावजूद केंद्र सहित कई राज्यों में सत्तारुढ भारतीय जनता पाटी इस समय राज्यसभा में बहुमत ही नहीं, बल्कि 100 सीटों के आंकडे से भी दूर है। आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों के लिए हाल ही में हुए द्विवार्षिक चुनाव के बाद भी संसद का यह उच्च सदन त्रिशंकु स्थिति में बना हुआ है। यानी किसी भी पार्टी या गठबंधन का यहां फिलहाल बहुमत नहीं है। राज्यसभा में यह स्थिति पिछले तीन दशक से बनी हुई है और आगे कब तक बनी रहेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता।

जो नेहरू के साथ हुआ, वही मोदी के साथ हुआ है

लेकिन हमें आज मोदी के साथ खड़ा रहना चाहिए
एल एस हरदेनिया - 2020-06-22 10:00
जब चीन में क्रांति हो रही थी उस दौरान उसे विश्व की जनता का जबरदस्त समर्थन प्राप्त था। उस समय चीन के बारे में कहा जाता था कि वहां के निवासी अफीम का नशा करके सुप्त अवस्था में पड़े रहते हैं। उस समय चीन की आर्थिक स्थिति इतनी जर्जर थी कि कहा जाता था कि वहां का नागरिक बोरे में भरकर नोट लेकर बाजार जाता था और उसके एवज में एक पुड़िया माल लेकर घर आता था। चीन को इस स्थिति से उबारने में वहां की कम्युनिस्ट पार्टी और उसके महान नेता माओत्से तुंग का प्रमुख योगदान था।