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यह भारतीय बाजार से चीनियों से छुटकारा पाने का आदर्श समय है

भारतीय निर्माताओं और उद्योगों को नई शुरुआत करने के लिए राहत मिलनी चाहिए
अंजन रॉय - 2020-06-19 10:53
गालवान घाटी में खूनी मुठभेड़ के बाद भारत और चीन के भविष्य के रिश्ते को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है, और अब उसकी कोई जगह नहीं है।

मतदान की पूर्व संध्या पर दिग्विजय और शिवराज में नोकझोंक

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक मीडिया राजनीति पर हावी
एल एस हरदेनिया - 2020-06-18 10:59
भोपालः राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच नोकझोंक की जंग होती रही। एक अभूतपूर्व कदम में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने दर्ज कराई है। भाजपा के कदम के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में दिग्विजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की घोषणा की है।

केरला कांग्रेस (एम) का बढ़ता संकट

कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती
पी श्रीकुमारन - 2020-06-17 09:42
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के एक महत्वपूर्ण घटक केरल कांग्रेस (एम) का संकट दोनों गुटों द्वारा परस्पर समझौता करने से इनकार करने के साथ गहरा गया है।

सुशांत राजपूत की मौत

क्या प्रतिभाओं की कब्रगाह बनी हुई है बॉलीवुड?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-16 09:40
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से देश उद्वेलित है। 34 वर्ष के सुशांत को एक सफल कलाकार माना जा रहा है, जिन्होंने 10 साल के संघर्ष से अपना मुकाम हासिल कर लिया था। धोनी की भूमिका करके उन्होंने बहुत सराहना पाई थी और छिछोरे फिल्म में भी अपने अभिनय की धाक जमाई थी। उनके पास पैसा था, शोहरत थी और भी बहुत चीजें थीं, जो एक सफल व्यक्ति के पास होता है। इन सबके बावजूद उन्होंने आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या भी उन्हांने एकाएक आवेश में आकर नहीं की, बल्कि 6 महीने के मानसिक अवसाद के बाद यह किया।

मोदी को निर्णय लेने में सावधानी बरतनी चाहिए

कोविड संक्रमण पर सफलता की शुरुआती उत्तेजना गलत साबित हुई
के रवीन्द्रन - 2020-06-15 12:19
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र की नियति को प्रभावित करने वाले फैसले लेने में अपना मनमानापन दिखाया। यह सच है कि उन्होंने इस तरह की विचारहीन कार्रवाई से अपने प्रधानमंत्रित्व को दांव पर लगा दिया है, लेकिन यह उस कीमत की तुलना में नगण्य है जो देश को भुगतना पड़ रहा है।

चौहान के ऑडियो क्लिप ने कांग्रेस को एक बड़ा हथियार दिया

इसका इस्तेमाल विधानसभा के उपचुनावों में खूब होगा
एल एस हरदेनिया - 2020-06-13 10:18
भोपालः सीएम शिवराज सिंह चौहान की एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि ‘‘भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया था कि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरनी ही चाहिए’’ मुख्यमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट किया कि यह एक महान काम है। पापियों को नष्ट करने का कार्य। मध्य प्रदेश में चौहान ने कांग्रेस को बहुत ही संवेदनशील प्रचार हथियार मुहैया कराया है। विधानसभा के 24 उपचुनावों में कांग्रेस प्रभावी रूप से इसका इस्तेमाल करेगी।

प्रवासी मजदूरों की दुर्गती की याद देश में लंबे समय तक बनी रहेगी

केन्द्र द्वारा उनके बारे में सोचे बिना लाॅकडाउन करना उनकी दुर्दशा का सबब बना
अंजन रॉय - 2020-06-12 08:46
जब तक वायरस के प्रसार से लड़ने के लिए राष्ट्रव्यापी तालाबंदी नहीं की गई, तब तक भारत ने प्रवासी श्रमिकों और अर्थव्यवस्था के इंजन को चलाने में उनकी भूमिका पर कोई ध्यान नहीं दिया। इन असहाय लोगों का संकट अर्थव्यवस्था के कामकाज में गहरी अंतर्दृष्टि देता है।

मंदिर खोले जाने पर विवाद

सबरीमाला जैसी गलती सरकार नहीं दुहराए
पी श्रीकुमारन - 2020-06-11 09:49
तिरुअनंतपुरमः केरल सरकार द्वारा राज्य में मंदिरों को खोलने के निर्णय ने एक विवाद को जन्म दिया है। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का कदम केंद्र के निर्देश के मद्देनजर आया है कि पूजा स्थल 8 जून से खोले जा सकते हैं।

शिवराज सिंह चौहान के चौंकाने वाले फैसले

राज्य सभा चुनाव का मामला अदालत में जाएगा
एल एस हरदेनिया - 2020-06-09 10:19
भोपालः शिवराज सिंह चौहान सरकार के दो फैसले चौंकाने वाले हैं। एक निर्णय उस समय के आईएएस अधिकारियों के स्थानान्तरण से संबंधित है जब राज्य को कोरोना संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिन आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें कमिश्नर, इंदौर संभाग और भोपाल नगर निगम के आयुक्त भी शामिल हैं। इनमें कुछ जिलों के कलेक्टर भी शामिल हैं।

बिहार की दिलचस्प होती राजनीति

भाजपा नीतीश का साथ छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकती
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-08 10:23
बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और आगामी नवंबर में नई विधानसभा के चुनाव होने की संभावना है। हम इसे संभावना इसलिए कह रहे हैं कि उस चुनाव पर मौजूदा कोरोना संकट ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। कोरोना संकट बद से बदतर होता जा रहा है और कुछ कहा नहीं जा सकता कि अगले दो से तीन महीने में इसकी क्या स्थिति होगी। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के पास इस संकट से जूझने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, इसलिए उन्होंने लंबे समय तक देश को लाॅकडाउन की स्थिति में रखा, हालांकि उसके कारण लाखों करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति हुई। क्षति के बावजूद कोरोना का चेन तोड़ने में हम सफल नहीं हो पाए हैं। अब लाॅकडाउन में भी बहुत ढील दी जा चुकी है, जिसके कारण कोरोना के मरीजों की संख्या और भी तेजी से बढ़ने की आशंका बनी हुई है।