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कोविड -19 और हम

सबकुछ बदल जाने वाला है
दीपा पुंजानी - 2020-04-01 09:02
कोविड -19 ने जो मानवीय संकट पैदा किया है, उसे कम करके नहीं आंका जा सकता। इसने भविष्य के लिए हमारी दुनिया बदल दी है और सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद भी इसकी गूँज गूंजती रहेगी।

कोराना संकट का मिलजुलकर ही हो सकता है सामना

पर भाजपा कर रही है गंदी राजनीति
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-31 08:42
भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व कोरोना वायरस के कारण अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। इस तरह का संकट 1918-19 में भी एक एनफ्लूएंजा के कारण हुआ था और बीमारी का नाम स्पैनिश फ्लू कहा गया था। उस समय आज की तरह मेडिकल सुविधाएं नहीं थी, लेकिन आज की तरह उस समय भूमंडलीकृत दुनिया भी नहीं थी। दोनों के बीच तुलना न भी करें, तो यह तो मानना ही पड़ेगा कोविड 19 नाम वाले इस वायरस के कारण आज सबकुछ तहस नहस हो गया है। इससे मरने वालों की संख्या पहले की महामारियों से भले कम दिखाई दे रही है, लेकिन इसका असर इस बीमारी से मारे गए लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी विश्व अर्थव्यस्था इसके असर से चरमरा रही है। यह संकट जितना लंबा खींचेगा विश्व अर्थव्यवस्था और अलग अलग देशों की अर्थव्यवस्थाएं उतना ही ज्यादा ध्वस्त होती दिखेंगी और मानव जाति के सामने असली समस्या उसके ध्वस्त होने के बाद ही प्रकट होगी।

मिनी मुंबई में तेजी से बढ़ रहे कोरोना पाॅजिटिव मामले

अस्पताल से भागा कोरोना पाॅजिटिव 5 घंटे तक रहा बाहर
राजु कुमार - 2020-03-30 10:15
मध्यप्रदेश का इंदौर शहर कोरोना को लेकर हाई अलर्ट पर है। यहां तेजी से पाॅजिटिव केस बढ़ रहे हैं। इंदौर में कोरोना की रोकथाम में हुई लापरवाही ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। शनिवार-रविवार की रात एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही सामने आई, जब एम.आर. टी.बी. अस्पताल से एक कोरोना पाॅजिटिव मरीज और दो कोरोना संदिग्ध मरीज अस्पताल से भाग गए। इससे इंदौर में सामुदायिक स्तर पर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इस मरीज का 5 घंटे तक खुले में बाहर रहने के कारण प्रशासन से लेकर आम जन तक चिंतित हैं। उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान करना भी एक चुनौती है। यद्यपि वह जिन-जिन इलाकों से गुजरा है, उन इलाकों को इंदौर नगर निगम ने सैनेटाइज कर दिया और प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इंदौर को तीन दिन के लिए पूरी तरह लाॅक डाउन कर दिया। इस दरम्यान जरूरी सेवाओं के लिए भी लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना हैं। जरूरी सेवाओं घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

पौष्टिक आहार के बिना हम कोरोना से जंग जीत नहीं सकते

थाली और घंटियां बजाने में ऊर्जा बर्बाद नहीं करें
डॉ अरुण मित्रा - 2020-03-30 09:40
दुनिया के कई हिस्सों की तरह हमारा देश भी तीसरे चरण में कोविद -19 के प्रसार को रोकने के लिए जूझ रहा है। यह एक अनिश्चित स्थिति है जिसमें प्रत्येक कदम सावधानी के साथ बहुत सावधानी बरतने के लिए होता है। मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ और सफारी कर्मचारी अधिक जोखिम में हैं। कई डॉक्टरों और नर्सों ने पहले ही चीन, इटली, ईरान और स्पेन में अपनी जान गंवा दी है, जब उन्होंने बीमारों की देखभाल करते हुए संक्रमण को पकड़ लिया।

कोरोना संकट के लिए जिम्मेदार कौन

केन्द्र सरकार ने दोष राज्य सरकारों पर मढ़ा
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-28 10:19
देश कोरोना वायरस कोविड 19 के मारक संकट के दौर से गुजर रहा है। देश के सभी लोगों को अपने अपने घरों में कैद रहने के लिए कहा गया है और उन्होंने अपने को कैद कर भी लिया है। पता नहीं यह संकट आगे कौन सा रूप लेता है और इस संकट के दौर में सबको मिलजुल कर इसका सामना करना चाहिए। पर आश्चर्यजनक रूप से केन्द्र सरकार ने इस मामले पर दोषारोपन करना शुरू कर दिया है। यह सरकारों की जिम्मेदारी थी कि वे समय रहते उचित कदम उठाते, जिससे इस अभूतपूर्व घरबंदी की जरूरत ही नहीं पड़ती, लेकिन उन्होंने अपना फर्ज नहीं निभाया। सबसे पहले अंगुली तो केन्द्र सरकार पर ही उठनी चाहिए, लेकिन केन्द्र सरकार पर कोई अंगुली उठाए, उसके पहले ही केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों पर अंगुली उठा दी है और कहा है कि 18 जनवरी से 18 मार्च तक विदेश से आए 15 लाख लोगों की सही तरीके से जांच प्रदेश सरकारों ने नहीं कराई, इसलिए यह संकट खड़ा हो गया।

कोरोनावायरस का घरबंदी संकट

सरकार ने विस्थापित मजदूरों की अनदेखी कर दी
बिनॉय विस्वम - 2020-03-27 10:35
ये किसी भी देश के लिए असामान्य दुख के दिन हैं। कोरोनवायरस के प्रकोप और प्रसार ने देश को बंद कर दिया है। यूरोप से गुजरते हुए चीन से उत्पन्न महामारी भारत में आई है। हालांकि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा पर्याप्त चेतावनी दी गई थी, लेकिन सरकार ने इसे हल्के में ले लिया। अब जब तबाही मची है, तो पूरा देश महामारी की चपेट में है। लेकिन एक देश और लोगों के रूप में हमें वास्तविकता का सामना करना होगा और इसे दूर करना होगा।

मुख्यमंत्री पद पर शिवराज सिंह की वापसी

कमलनाथ की नियुक्तियों को वे तेजी से कर रहे हैं रद्द
एल एस हरदेनिया - 2020-03-26 10:57
भोपालः विश्वास मत जीतने और चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ द्वारा इस्तीफा देने से कई घंटे पहले लिए गए कई फैसलों को रद्द कर दिया है। नाथ ने कई महत्वपूर्ण कांग्रेस नेताओं को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया था। अधिकांश नियुक्तियां ऐसी थीं जो स्वभाव से अर्ध-न्यायिक थीं।

कोरोना से कैसे निबटें

यह भयावह है, पर हम असहाय नहीं
ज्ञान पाठक - 2020-03-25 10:08
लगभग पूरे भारत में कोरोनोवायरस रोग 2019 के खिलाफ एक रक्षात्मक उपाय के रूप में तालाबंदी की जा रही है, लेकिन रोगियों की बढ़ती संख्या और बीमारी के कारण होने वाली मौतों के मामले में देश को तत्काल ठीक करने के लिए एक निश्चित रणनीति भी चाहिए। पूर्ण लॉकडाउन के बाद कुछ नई चुनौतियां सामने आई हैं, जिन्हें तुरंत ठीक करने की जरूरत है। साथ ही बीमारी और आर्थिक संकट के खिलाफ ठीक-ठाक रक्षात्मक और आक्रामक कदम उठाने की जरूरत है ताकि मानवीय कष्टों को कम किया जा सके। नए परिदृश्य में उत्पन्न होने वाली किसी भी अराजकता को रोकने के लिए कानून और व्यवस्था तंत्र को अब हाई अलर्ट पर रखा जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश कोरोना की चुनौती का सामना करने को तैयार नहीं

कणिका प्रकरण पर प्रशासन की विफलता परेशानी का सबब
प्रदीप कपूर - 2020-03-24 09:55
लखनऊः कनिका कपूर प्रकरण ने घातक कोरोना वायरस कोविद 19 से निपटने के लिए केंद्रीय और साथ ही राज्य सरकार की खराब तैयारी को उजागर किया है।

अंदरूनी गुटबाजी कमलनाथ सरकार को ले डुबी

सिंधिया की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ी
एल एस हरदेनिया - 2020-03-23 11:18
भोपालः कमल नाथ सरकार के पतन का कारण बने कारकों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम ऑपरेशन जारी है। विभिन्न कारकों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, हालांकि कई लोगों को लगता है कि महीनों पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को खोदने का मन बना लिया था। कुछ सकारात्मक कदमों से उस त्रासदी को रोका जा सकता था। मीडिया के एक वर्ग द्वारा उल्लेख किए जा रहे कारकों में से एक यह है कि कमलनाथ मंत्रियों और विधायकों सहित सामान्य रूप से सत्ताधारी दल के लोगों और नेताओं के साथ तालमेल स्थापित करने में विफल रहे।