प्रचार नहीं बल्कि संसद करे कश्मीर हमलों पर भारत की प्रतिक्रिया का नेतृत्व
मौजूदा संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना बहुत ज़रूरी
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2025-06-06 10:47 UTC
'खून नहीं, बल्कि सिंदूर मेरी रगों में बह रहा है' - प्रधानमंत्री मोदी के ये शब्द ऑपरेशन सिंदूर के बाद के अभियान की शुरुआत करने की उनकी खास शैली को दर्शाते हैं। देश के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों के जवाब में वह या उनकी सरकार और कर भी क्या कर सकती थी। पारदर्शिता और आत्मनिरीक्षण इस सरकार की कभी खासियत नहीं रही। मोदी सरकार की विदेश नीति की रणनीति प्रधानमंत्री को केंद्रीय व्यक्ति के रूप में पेश करने पर बहुत ज़्यादा निर्भर रही है, जो सुसंगत कूटनीति को आगे बढ़ाने के बजाय एक व्यक्तित्व पंथ को विकसित करने का एक स्पष्ट प्रयास है। प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व को विदेश नीति के अगुआ के रूप में स्थापित करने से पारंपरिक कूटनीतिक ज्ञान को उलट दिया गया है, और स्थापित कूटनीतिक परंपराओं से स्पष्ट रूप से यह अलग होने का संकेत है।