Loading...
 
Skip to main content

View Articles

प्रचार नहीं बल्कि संसद करे कश्मीर हमलों पर भारत की प्रतिक्रिया का नेतृत्व

मौजूदा संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना बहुत ज़रूरी
पी सुधीर - 2025-06-06 10:47 UTC
'खून नहीं, बल्कि सिंदूर मेरी रगों में बह रहा है' - प्रधानमंत्री मोदी के ये शब्द ऑपरेशन सिंदूर के बाद के अभियान की शुरुआत करने की उनकी खास शैली को दर्शाते हैं। देश के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों के जवाब में वह या उनकी सरकार और कर भी क्या कर सकती थी। पारदर्शिता और आत्मनिरीक्षण इस सरकार की कभी खासियत नहीं रही। मोदी सरकार की विदेश नीति की रणनीति प्रधानमंत्री को केंद्रीय व्यक्ति के रूप में पेश करने पर बहुत ज़्यादा निर्भर रही है, जो सुसंगत कूटनीति को आगे बढ़ाने के बजाय एक व्यक्तित्व पंथ को विकसित करने का एक स्पष्ट प्रयास है। प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व को विदेश नीति के अगुआ के रूप में स्थापित करने से पारंपरिक कूटनीतिक ज्ञान को उलट दिया गया है, और स्थापित कूटनीतिक परंपराओं से स्पष्ट रूप से यह अलग होने का संकेत है।

रूस से आयात में भारी कटौती के लिए अमेरिका का भारत पर दबाव

क्या नरेंद्र मोदी ट्रम्प की भारत-अमेरिकी व्यापार की शर्तों पर आत्मसमर्पण करेंगे?
अंजन रॉय - 2025-06-05 10:27 UTC
भारत द्वारा रूसी हथियारों और शस्त्रों की खरीद "अमेरिका को परेशान करती है"। अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक परेशानी है।

नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के पहले साल के बाद और मजबूत हुए

लोकसभा में संख्याबल के बावजूद, इंडिया ब्लॉक ठोस चुनौती देने में विफल
कल्याणी शंकर - 2025-06-05 08:12 UTC
9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर पहुंच रही है। सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि भारत ने पिछले एक साल में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति की है। उनके समर्थकों का तर्क है कि 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से, भारत ने वैश्विक मान्यता प्राप्त की है और अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, यह एक कठोर वास्तविकता है कि लोग बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के बारे में भी गंभीर रूप से चिंतित हैं, जो ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

5 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की प्रतियां की गयीं जब्त

पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के विनिर्माण, वितरण और बिक्री में शामिल अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
एस एन वर्मा - 2025-06-02 16:58 UTC
नई दिल्ली : एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की साहित्यिक चोरी जो कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, के प्रति जीरो-टोलेरेंस की नीति अपनाते हुए एनसीईआरटी ने पिछले 14 महीनों में संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर 5 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की प्रतियां, 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बड़ी मात्रा में प्रिंटिंग पेपर और मशीनरी जब्त की है, जबकि पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के प्रिंटर, गोदाम मालिकों और खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध रिकॉर्ड संख्या में 29 एफआईआर दर्ज की हैं।

प्रधानमंत्री भाजपा के लाभ के लिए कर रहे हैं ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल

इंडिया ब्लॉक के सहयोगी नरेंद्र मोदी की योजना को विफल करने के हकदार
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-31 11:02 UTC
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री द्वारा उनके और उनकी सरकार के खिलाफ किये गये क्रूर हमलों का जवाब देते हुए सही कहा कि नरेंद्र मोदी 2026 की शुरुआत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सस्ते राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद प्रधानमंत्री की पक्षपातपूर्ण राजनीति के खिलाफ पहला ऐसा स्पष्ट हमला था, जिसके तहत वह अपने चुनाव उन्मुख भाषणों के माध्यम से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की सफलता को भाजपा के लिए राजनीतिक लाभ में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

गोवा बना पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला भारत का दूसरा राज्य

एस एन वर्मा - 2025-05-30 16:03 UTC
नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आधिकारिक तौर पर उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) के तहत गोवा राज्य को आधिकारिक तौर पर पूर्ण साक्षर घोषित किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित 2030 तक पूर्ण साक्षरता प्राप्त करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे गोवा देश का दूसरा राज्य बन गया है जिसने पूर्ण साक्षरता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित 95% बेंचमार्क को पार कर लिया है। यह घोषणा गोवा के 39वें राज्य दिवस (30 मई, 2025) के भव्य समारोह के दौरान पणजी के दीनानाथ मंगेशकर कला मंदिर में की गई।

भारत-बांग्लादेश पारगमन सुविधाओं को लेकर टकराव से व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव

यूनुस सरकार से ढाका के व्यापारियों की राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने की अपील
आशीष विश्वास - 2025-05-28 11:23 UTC
कोलकाता: भारत के खिलाफ व्यापार युद्ध को भड़काने के बजाय, बांग्लादेश के व्यापारिक हलकों का मानना है कि हाल ही में उभरी कुछ छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए द्विपक्षीय आधिकारिक स्तर की वार्ता तुरंत शुरू होनी चाहिए। वे जल्द ही ढाका स्थित अधिकारियों को अपनी चिंता से अवगत करायेंगे, ढाका को यह तर्क देते हुए कि इस तरह के किसी भी टकराव में बांग्लादेशियों को भारत की तुलना में कहीं अधिक नुकसान होगा।

भारतीय संयुक्त संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेशों में मिल रही अच्छी प्रतिक्रियाएं

पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ़ अगला कदम उनके लौटने के बाद
कल्याणी शंकर - 2025-05-27 11:17 UTC
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में वैश्विक समुदाय से समर्थन प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है। इस सप्ताह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय राजधानियों में सात संयुक्त संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजे गये हैं।
नेहरू जी की पुण्यतिथि 27 मई के अवसर पर

नेहरू का सम्मान करना कोई अटल बिहारी वाजपेयी से सीखे

संसद में वाजपेयीजी द्वारा नेहरू जी के सम्मान में श्रद्धांजलि भाषण
एल एस हरदेनिया - 2025-05-26 11:20 UTC
संसद में वाजपेयीजी द्वारा नेहरू जी के सम्मान में श्रद्धांजलि भाषण
अध्‍यक्ष महोदय,
एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक गीत था जो गूंगा हो गया, एक लौ थी जो अनंत में विलीन हो गई। सपना था एक ऐसे संसार का जो भय और भूख से रहित होगा, गीत था एक ऐसे महाकाव्य का जिसमें गीता की गूंज और गुलाब की गंध थी। लौ थी एक ऐसे दीपक की जो रात भर जलता रहा, हर अंधेरे से लड़ता रहा और हमें रास्ता दिखाकर, एक प्रभात में निर्वाण को प्राप्त हो गया।

राष्ट्रीय सहमति बनी है पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ

पर सांप्रदायिक राजनीति से लड़ते हुए लोकतंत्र के लिए संघर्ष जरूरी
पी सुधीर - 2025-05-24 11:10 UTC
इस तथ्य के बावजूद कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम में बैसरन घाटी में हुई भीषण हत्याओं पर भारत की संभावित प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए संसद में बुलाई गयी दो सर्वदलीय बैठकों से स्वयं को दूर रखने का फैसला किया, जिसका असली कारण तो केवल उन्हें ही पता है, पर इन बैठकों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। सभी उपस्थित दलों के नेताओं ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जो कि संबंधित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी द्वारा नामित एक आतंकवादी संगठन है, से जुड़े आतंकवादियों द्वारा की गयी आतंकी हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा की। उन्होंने प्रतिक्रिया में उचित कदम उठाने में सरकार को अपना समर्थन भी दिया। युद्ध विराम की घोषणा तक यह आम सहमति बनी रही। सभी पक्षों ने सैन्य मुठभेड़ समाप्त होने तक कोई भी सवाल उठाने से परहेज किया।