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महिलाओं की लाचारी का ऐसा शोषण!

पर शर्म हमें आती नहीं
अनिल जैन - 2020-03-11 17:00
दुनिया भर के तमाम देशों की तरह भारत में भी श्रमशक्ति के मामले में महिलाओं की हिस्सेदारी अच्छी खासी है, लेकिन उनके शोषण के जितने आयाम उन्हें देवी का दर्जा देने वाले हमारे देश में हैं, उतने किसी और देश में नहीं हैं। स्त्री सशक्तिकरण की दिशा में खूब काम करने के सरकारी और गैर सरकारी दावों के बीच इस हकीकत को रेखांकित किया है महाराष्ट्र से आई एक दर्दनाक और शर्मनाक खबर ने।

भारत को अब एक पुनर्जागृत कांग्रेस की जरूरत

भाजपा के तानाशाही रथ को सिर्फ यही रोक सकती है
हरिहर स्वरूप - 2020-03-09 14:45
क्या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अस्तित्वगत संकट का सामना कर रही है? इसका जवाब है, दुखद रूप से, हाँ। एक नाटकीय मोड़ की आवश्यकता है क्योंकि केवल कांग्रेस ही भाजपा की सत्ता के खिलाफ गोलबंद है। भाजपा के नेतृत्व वाला शासन संस्थानों का विघटन कर रहा है, समाज का ध्रुवीकरण कर रहा है, वंचित वर्गों को हाशिए पर ला रहा है और भारतीय लोकतंत्र की मूल नींव को नष्ट कर रहा है। हाल के दिल्ली के दंगे भाजपा के कपटी राजनीतिक एजेंडे की नवीनतम अभिव्यक्ति हैं और इसके कारण सभी के लिए घातक परिणाम देखने को मिले हैं।

यस बैंक की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार

अन्य बैंक भी हो सकते हैं अव्यवस्था के शिकार
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-07 12:14
यस बैंक डूब रहा है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि वह बैंक को डूबने नहीं देगी। भारतीय रिजर्व बैंक भी कह रहा है कि वह बैंक को डूबने नहीं देगा। पिछले महीन भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख कह रहे थे कि वे यस बैंक को डूबने नहीं देंगे। जब भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन वैसा कह रहे थे, उस समय तक बैंक के डूबने की खबर भी नहीं आई थी। हां, बैंक डांवाडोल चल रहा था, इसके बारे में जानकारी 2017 से ही थी। भारतीय रिजर्व बैंक उस समय से ही उसे संभालने की कोशिश कर रहा था और बढ़ते एनपीए की समस्या का सामना करने के लिए बैंक अपनी तरफ से तरह तरह के उपाय कर रहा था, लेकिन वह कारगर नहीं हो पा रहा था।

कोरोना से होगा भारत का भारी आर्थिक नुकसान

बेरोजगारी की समस्या और विकट होगी
ज्ञान पाठक - 2020-03-06 11:29
कोरोनावायरस का चीन में प्रकोप हुआ और अन्य 48 देशों में इसके फैलने से काफी मानवीय पीड़ा और आर्थिक व्यवधान हुआ। इसका असर दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा। यह नुकसान चीन से भी ज्यादा हो सकता है। हालांकि, प्रकोप से ठीक पहले नवंबर में अंतिम मूल्यांकन के समय विश्व जीडीपी के दृष्टिकोण में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन ओईसीडी की अंतरिम रिपोर्ट ‘कोरोनावायरस : द वर्ल्ड इकोनॉमी एट रिस्क’ ने भारत के लिए 1.1 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है, यहां तक कि चीन के 0.8 फीसदी से भी बदतर। भारत में बेरोजगारी में तीव्र वृद्धि इसका प्रतिबिंब है जो 3 मार्च, 2020 के सीएमआईई के आकलन के अनुसार 8 प्रतिशत तक पहुँच गई है, जो पिछले साल जनवरी के 6.1 प्रतिशत से अधिक है। गहराते आर्थिक संकट के साथ, बेरोजगारी में और वृद्धि अपरिहार्य है। ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कमलनाथ सरकार को गिराने का भाजपा का प्रयास विफल

अब होली के बाद होने वाले विधानसभा सत्र पर सबकी नजर
एल. एस. हरदेनिया - 2020-03-06 06:52
भोपाल: यह दावा किया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा द्वारा योजनाबद्ध तख्तापलट की आशंका खत्म हो गई है। दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले आरोप लगाया था कि भाजपा भारी राशि की पेशकश कर रही है। दल बदलने के लिए विधायकों को 25 से 30 करोड़ रुपये का आॅफर मिल रहा है। दिग्विजय के आरोप के बाद, एक सनसनीखेज खुलासा हुआ कि पूर्व भाजपा मंत्री भूपेंद्र सिंह एक चार्टर्ड विमान में बसपा विधायक के साथ दिल्ली गए। फिर रिपोर्ट आई कि बीजेपी आठ से दस विधायकों को दिल्ली लाने में कामयाब रही है और उन्हें एक होटल में रखा गया है।

अपने घृणा अभियान में मशगूल हैं अमित शाह

मोदी भी बीजेपी के गुनाहगार नेताओं पर चुप
अरुण श्रीवास्तव - 2020-03-04 09:46
नरेंद्र मोदी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के कारण पनी छवि की खराब करने के लिए खुद दोषी हैं। इसके बाद भी वे दोषी व्यक्तियों को दंडित करने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं।

बीजेडी और जेडी(यू) की तरह क्या ‘आप’ भी भाजपा समर्थक है

केजरीवाल के अनेक यूटर्न उन्हें एक अविश्वसनीय राजनेता बनाता है
अमूल्य गांगुली - 2020-03-03 12:30
अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक करियर ने एक निश्चित पैटर्न का पालन किया है। यह कांग्रेस-नीत संप्रग के खिलाफ अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के अब लगभग भूल चुके दिनों में शुरू हुआ। केजरीवाल, तब गांधीवादी अन्ना के एक समर्पित चेला और एक आत्म-अभिमानी अराजकतावादी थे।

मोदीराज में राजद्रोह मजाक बन गया

सरकार की आलोचना का मतलब राज्य से युद्ध नहीं होता
के रवीन्द्रन - 2020-03-02 12:42
अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य के खिलाफ कुख्यात 2016 जेएनयू देशद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मनु अभिषेक सिंघवी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की आलोचना के लिए सरकार पर उन्हें राजद्रोह का आरोप लगाने की चुनौती दी है।

दिल्ली दंगों से बचा जा सकता था

सिर्फ कपिल मिश्र की गिरफ्तारी काफी थी
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-03-01 06:28
दिल्ली 1984 के बाद के सबसे बडे दंगे के दौर से गुजर रहा है। अब यह शांति की ओर लौट रही है, लेकिन हिंसा फैलाने वाले लोग सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया की सहायता से अभी नफरत और घृणा फैलाने की अपनी कोशिश में मशगूल हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 42 लोगों की मौत की खबरें आ चुकी हैं, जिनमें दोनो समुदायों के लोग शामिल हैं। कुछ की तो शिनाख्त तक नहीं हो सकी है। देश की राजधानी दिल्ली की यह हिंसा पूरी दुनिया में भारत की बदनामी का कारण बन रही है और बुद्ध, महावीर और गांधी का यह देश एक हिंसक देश की छवि प्राप्त कर रहा है।

भारत का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप खतरे में

दिल्ली के दंगे ने विपक्षी दलों की एकता को आवश्यक बनाया
विनय विश्वम - 2020-02-28 12:55
यह एक ऐसा क्षण है जब प्रत्येक भारतीय को अपनी आँखें खोलनी चाहिए और देश के भविष्य के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ सोचना चाहिए। लोगों के बीच धार्मिक सद्भाव और समझ को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। पिछले रविवार से राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली घटनाएं भारत के लिए एक बड़ा झटका है और उसके चेहरे पर काला धब्बा है। उन घटनाओं ने कई कीमती मानव जीवन को चुरा लिया है और सैकड़ों लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। मकान, दुकानें और वाहन जल गए और करोड़ों रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई। कट्टरपंथी अपराधी सांप्रदायिक पागलपन से ग्रस्त थे और कानून को अपने हाथ में लेकर दिल्ली पर काबिज थे। चार दिनों के लिए, देश ने राजधानी में ऐसा कुछ नहीं देखा जिसे ‘सरकार’ कहा जा सके! वह तंत्र एक गहरी नींद ले रहा था जो एक सचेत और बेशर्म नींद थी!