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पाक उप-प्रधानमंत्री की चीन यात्रा से पाकिस्तान-चीन संबंध और मजबूत हुआ

बीजिंग का ताजा रुख भविष्य के भारत-पाक संघर्ष में भारत के अनुकूल नहीं
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-23 10:56 UTC
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार की चीन की चार दिवसीय यात्रा बुधवार 21 मई को समाप्त हो गयी, जिसमें शीर्ष चीनी नेताओं ने डार को आश्वासन दिया कि ‘एक दृढ़ मित्र के रूप में, चीन हमेशा की तरह, पाकिस्तान को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने, अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास पथ की खोज करने, आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने और अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में बड़ी भूमिका निभाने में पाकिस्तान का दृढ़ता से समर्थन करता है।’

तमिलनाडु में बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन

केंद्र द्वारा फंडिंग पर रोक, राज्य ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-05-22 11:28 UTC
तमिलनाडु के बच्चे केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और राज्य में सीएम एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लॉक सरकार के बीच राजनीतिक टकराव में फंस गये हैं। केंद्र नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तीन-भाषा फॉर्मूले को लागू करने पर जोर दे रहा है, और राज्य इसे लागू करने से इनकार कर रहा है। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है जिसमें शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है।

भारत के लिए पाकिस्तान का परमाणु खतरा वास्तविक

पाकिस्तान का एकमात्र बड़ा दुश्मन है भारत
नन्तू बनर्जी - 2025-05-20 10:38 UTC
यह अच्छी बात है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सशस्त्र संघर्ष जल्दी ही खत्म हो गया, इससे पहले कि यह एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल जाता, जिससे दोनों देशों में जान-माल का भारी नुकसान होता और आर्थिक तबाही मच जाती - शायद भारत से ज़्यादा पाकिस्तान में। हालाँकि, संघर्ष का अचानक खत्म होना, जिसने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया, जो पाकिस्तान के संभावित परमाणु ख़तरे के कारण प्रतीत होता है, एक बड़ी चिंता का विषय है। सभी नौ परमाणु सशस्त्र राज्यों में से, पाकिस्तान शायद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी राज्य है जिसने सेना के छावनी क्षेत्र में दुनिया के सबसे कुख्यात, हिंसक और वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को गुप्त रूप से शरण दी थी।

गुजरात समाचार में छपी आलोचना के लिए मालिक को गिरफ्तार करना अशुभ

मोदी सरकार प्रेस को दबाकर पाकिस्तान की चुनौती का सामना नहीं कर सकती
सुशील कुट्टी - 2025-05-19 11:22 UTC
अगर आप “उन्हें चुप नहीं करा सकते, तो उनको चुप करा दें!” मोदी के भारत में यही कहावत है। 'उनको चुप करा दें' का मतलब है, बोली और लिखी गयी आवाज़ को दबा दें। 'उन्हें चुप करा दें' का मतलब है, उनको सलाखों के पीछे बंद कर दें, जो परेशान कर रहे हैं, और नियंत्रण में नहीं हैं। इसके 'क्यों' के जवाब के लिए कोई रॉकेट साइंस की ज़रूरत नहीं है! इतना ही काफी है कि वह व्यक्ति सत्ता के लिए एक स्पष्ट और मौजूदा ख़तरा है।

भारत में अभी बयानबाजी की नहीं बल्कि राजनेतृत्व की जरूरत

प्रधानमंत्री का भाषण भी था मुख्य रूप से उनके चुनावी आधार पर केन्द्रित
डॉ. अरुण मित्रा - 2025-05-15 10:34 UTC
युद्ध दुख और मौतें लेकर आता है। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवाने ने पुणे में कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “युद्ध न तो रोमांटिक है और न ही कोई बॉलीवुड फिल्म।” उन्होंने कहा कि कूटनीति उनकी पहली पसंद होगी, “सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सदमा है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने गोलाबारी देखी है और जिन्हें रात में आश्रयों की ओर भागना पड़ता है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके लिए यह सदमा पीढ़ियों तक रहेगा।” उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने भयानक दृश्य देखे हैं, उनमें पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीडीएस) है, जो 20 साल बाद पसीने से तरबतर हो उठते हैं और उन्हें मनोचिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है। युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए, कूटनीति को आगे बढ़ना चाहिए।

ट्रम्प के जाल में फंस गये नरेंद्र मोदी, उन्हें सिर ऊंचा करके बाहर निकलना होगा

युद्ध विराम में अमेरिकी भूमिका का स्वागत, पर कश्मीर मामले में अनुमति न दें
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-13 10:48 UTC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मई की सुबह से शुरू हुए चार दिनों तक चलने वाले सीमित युद्ध में पाकिस्तान के मुकाबले भारत को बहुत ही लाभप्रद स्थिति में रखा है। 10 मई की शाम 5 बजे से लागू हुआ युद्ध विराम हताश पाकिस्तान द्वारा ही किया गया था, जिसने 8 और 9 मई को राजनयिक हलकों में यह भ्रामक सूचना प्रसारित करके अमेरिका को धोखा दिया कि परमाणु हथियारों पर उसके राष्ट्रीय सुरक्षा समूह की आपातकालीन बैठक की जायेगी जो भारत द्वारा कुछ सैन्य ठिकानों पर किये गये हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई पर निर्णय लेगा।

भारत के एमएसएमई क्षेत्र में भारी वृद्धि का दावा भ्रामक

नीति आयोग न करे जमीनी हकीकत को आंकड़ों में छिपाने का खेल
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-05-12 11:12 UTC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की परिभाषाएं बदलकर जमीनी स्तर पर वास्तविक वृद्धि के बिना ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अचानक वृद्धि दिखाने की आदत रही है। हमने पहले भी देखा है कि कैसे मोदी सरकार के तहत कुछ राज्य-राजमार्गों को राष्ट्रीय-राजमार्ग घोषित करते ही राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किये बिना ही उनकी लंबाई अचानक बढ़ गयी। इस तरह का ताजा उदाहरण अब एमएसएमई क्षेत्र में भी देखने को मिला है।

भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को महंगा पड़ रहा है युद्ध

नई दिल्ली को टकराव जल्दी खत्म करने का विकल्प चुनना होगा
अंजन रॉय - 2025-05-10 11:24 UTC
बिना किसी घोषणा के, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है। दोनों देशों ने अपने हमलों के लक्ष्यों को दूर-दूर तक फैला दिया है, जिससे शत्रुता नियंत्रण से बाहर हो गयी है। बढ़ते तनाव के चक्र को देखें। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला "पहला हमला" था। भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर विस्तृत युद्ध योजना बनायी, जिसमें 7 मई को पंजाब के अंदर स्थित शिविर हल हमले भी शामिल थे। पाकिस्तान ने 8 मई की रात 3000 किलोमीटर की सीमा पर पंद्रह शहरों और कस्बों पर हमले किये। भारत ने उन्नत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (सैम 400) से पाकिस्तानी मिसाइलों को मार गिराया।

पाकिस्तान की भारत को धमकी और उसकी सैन्य कार्रवाई की क्षमता

बलूच विद्रोहियों के बढ़ते हमलों सहित अनेक समस्याओं से घिरा पाकिस्तान
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-09 10:56 UTC
पाकिस्तान में नौ आतंकी शिविरों पर भारतीय सेना द्वारा मिसाइल हमलों के दो दिन बीत गये हैं, और इस बीच दोनों देशों की सेना ने एक दूसरे पर हमले किये। नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों जगह एक जैसी तैयारियां देखने को मिल रही हैं, जो यह संकेत दे रही हैं कि पाकिस्तान 1999 में कारगिल युद्ध के बाद भारत के साथ एक और सैन्य टकराव के लिए तैयार हो रहा है।

भारत पहले सिंधु नदी के जल पर देश के वास्तविक नियंत्रण की तैयारी करे

अभी मोदी सरकार को दूसरे विकल्पों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए
अंजन रॉय - 2025-05-07 10:30 UTC
पानी में आसानी से आग लग सकती है। जब सिंधु नदी के जल की बात आती है, तो हम देख रहे हैं कि यह कितना ज्वलनशील हो सकता है - कम से कम अभी के लिए, मौखिक रूप से ही सही, विशेषकर भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद।