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भारत को नेपाल की नयी ओली सरकार के साथ खुले दिमाग से पेश आना चाहिए

चीन से मनमुटाव को आड़े नहीं आने देना नई दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण
अरुण कुमार श्रीवास्तव - 2024-07-20 10:48
नेपाल में सीपीएन (यूएमएल) नेता केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में एक नयी सरकार ने सत्ता संभाली है। ओली 21 जुलाई को संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए तैयार हैं। साथ में सीपीएन (यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस के गठबंधन के पास निचले सदन में कुल 167 सीटों के साथ एक आरामदायक बहुमत है, जो 138 सीटों की आवश्यक सीमा को पार कर जाता है। इससे ओली का विश्वास मत एक सीधी प्रक्रिया प्रतीत होती है।

रोजगार सृजन के लिए अतिधनाढ्य लोगों पर 2 प्रतिशत कर लगाना जरूरी

केन्द्रीय बजट का लक्ष्य हो सामाजिक न्याय और समानता के साथ विकास
नित्य चक्रवर्ती - 2024-07-19 10:30
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को पेश होने में केवल तीन दिन बचे हैं। अर्थव्यवस्था की बुनियाद अभी भी मजबूत है, लेकिन संकटग्रस्तता के दायरे में बेरोजगारी की बड़ी समस्या शामिल है, जिसमें शिक्षित युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा संकट महसूस कर रही हैं। अरबपतियों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि श्रमिकों और ग्रामीण गरीबों की वास्तविक मजदूरी में गिरावट आयी है। संक्षेप में, एनडीए के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार के दस साल के शासन में हुए आर्थिक विकास में सामाजिक न्याय की कमी और असमानताओं में बढ़ोतरी हुई है। संसदीय लोकतंत्र में किसी भी सरकार के लिए लोकसभा चुनाव जीतने के बाद का पहला बजट वंचितों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से नीतिगत दिशा को सही करने का बड़ा अवसर देता है।

सर्वोच्च न्यायालय में मनी बिल को चुनौती, सत्तारूढ़ भाजपा की कमज़ोरी और बढ़ी

मोदी सरकार एक कीचड़युक्त अतीत से और अधिक कीचड़ वाले भविष्य की ओर
के रवींद्रन - 2024-07-18 10:30
अगर “आधार” एक पैसे का मामला है, तो किसी भी चीज़ का मतलब कुछ भी हो सकता है। यह उन प्रमुख दुविधाओं में से एक होगी, जिस पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ विचार करेगी, जब वह विवादास्पद विधेयकों को आगे बढ़ाने में विधायी बाधाओं को दूर करने के लिए मोदी सरकार द्वारा मनी बिल वाले मार्ग के अनुचित इस्तेमाल के खिलाफ याचिकाओं पर विचार-विमर्श शुरू करेगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस सप्ताह फैसला किया कि समय आ गया है कि विद्वान न्यायाधीश काम पर लग जाएँ, क्योंकि पिछले साल अक्टूबर में जब से बेंच की घोषणा की गयी थी, तब से बेंच लगभग निष्क्रिय रही है।

भाकपा राष्ट्रीय परिषद ने भाजपा से अधिक मजबूती से लड़ने की रणनीति बनायी

केरल में लोकसभा चुनाव में वामपंथी वोटों के खिसकने से भाकपा नेतृत्व चिंतित
सात्यकी चक्रवर्ती - 2024-07-17 10:54
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की राष्ट्रीय परिषद ने 11 से 14 जुलाई तक नई दिल्ली में अपने तीन दिवसीय सत्र में 2024 के लोकसभा चुनावों में केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के प्रदर्शन पर गहन आत्ममंथन किया। पार्टी ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में 2024 के चुनावों में एलडीएफ के वोटों में गिरावट के मूल कारणों की जांच की और उसके आधार पर दिशा-निर्देशों में सुधार करने का फैसला किया, ताकि पार्टी अपने एलडीएफ सहयोगियों के साथ 2026 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा का सामना करने के लिए अधिक तैयार हो सके।

उपचुनावों में इंडिया ब्लॉक की जीत एनडीए के लिए अशुभ संकेत

गठबंधन सरकार के भाग्य को लेकर भाजपा की चिंता के नये कारण
कल्याणी शंकर - 2024-07-16 10:55
सात राज्यों में 13 सीटों के लिए हुए उपचुनावों के हालिया नतीजों पर ध्यान देना यह समझने के लिए ज़रूरी है कि लोग प्रमुख राजनीतिक दलों के बारे में क्या सोच रहे हैं। 2024 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार जीत हासिल करने के एक महीने बाद ही इंडिया ब्लॉक की 13 में से दस सीटें पर महत्वपूर्ण जीत ने देश की राजनीति को बदल दिया है। इंडिया ब्लॉक के लिए यह सकारात्मक परिणाम आने वाले मुक़ाबलों में सत्तारूढ़ गठबंधन की शक्ति को कमज़ोर कर सकता है।

किसान रेल और कृषि उड़ान का हो रहा बंटाधार, अब कोई पूछने वाला नहीं

बिना किसी तैयारी के परियोजनाएं लाने की प्रधान मंत्री मोदी की आदत का खामियाजा
अरुण कुमार श्रीवास्तव - 2024-07-15 10:47
किसान रेल योजना, जिसकी घोषणा 2019-20 के बजट में की गयी थी और अगस्त 2020 में बहुत सारे वादों के साथ बड़ी धूम-धाम से पहली ट्रेन शुरू की गयी थी, अब पीछे छूटती नज़र आ रही है। फलों और सब्जियों जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए एक क्रांतिकारी तरीके के रूप में परिकल्पित यह परियोजना सुर्खियों से गायब होने और अपने बंटाधार से पहले दो साल तक सफल रही थी।

2024-25 के बजट में आम संघर्षरत लोगों के लिए कोई राहत की उम्मीद नहीं

केवल पूंजीपतियों के कल्याण के लिए काम कर रही है नरेंद्र मोदी सरकार
अनिल राजिमवाले - 2024-07-13 10:46
नरेंद्र मोदी सरकार 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले बजट सत्र में 23 जुलाई को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही है कि वह 'सुधारों' का दावा करते हुए अपनी नीति को जारी रखेगी।

केंद्रीय बजट 2024-25 में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त वित्तपोषण की चिंताएं

चिकित्सा मौलिक अधिकार हो, आवंटन बढ़ाकर जीडीपी का 3 प्रतिशत किया जाये
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-07-12 11:49
स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और अस्पताल में बिस्तरों की भारी कमी, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और उनका आर्थिक क्षमता की पहुंच से बाहर होना, अपर्याप्त वित्तपोषण और बहुप्रचारित सरकारी चिकित्सा और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत भी वायदा किये गये बजटीय धन को जारी न करना केंद्रीय वित्त मंत्रालय के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 की तैयारी में गंभीर चिंता और परेशानी का विषय बन गया है।

मॉस्को में मोदी-पुतिन मुलाकात ने भारत-रूस दोस्ती को फिर से पुख्ता किया

भू-राजनीतिक उथल-पुथल की दुनिया में स्थिरता का एक नखलिस्तान बने दोनों देश
एनी डोमिनी - 2024-07-11 10:54
8-9 जुलाई 2024 को मॉस्को में आयोजित 22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक रंगमंच में सबसे स्थायी दोस्ती में से एक को फिर से संवारने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मॉस्को और नई दिल्ली ने एक साथ कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, चाहे ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस या संसद भवन में कोई भी सत्ता में रहा हो। सौभाग्य से, भारत-रूस संबंध अभी भी शासन परिवर्तन निरपेक्ष है, और पश्चिम के संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले 'नियम-आधारित आदेश' से लगातार वैचारिक हमलों का सामना कर चुके हैं।

भारत को अगले 10 वर्षों में सालाना 150-200 अरब डॉलर के एफडीआई की आवश्यकता

भारत की धीमी औद्योगिक वृद्धि के पीछे कम एफडीआई प्रवाह ही मुख्य कारण
नन्तू बनर्जी - 2024-07-09 10:26
यह अजीब लग सकता है कि औद्योगिक महाशक्ति और एक प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखने वाले भारत को पिछले साल केवल 28 अरब अमेरिकी डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ, जबकि छोटे से सिंगापुर में 160 अरब डॉलर और हांगकांग में 113 अरब डॉलर के एफडीआई का प्रवाह हुआ। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) के अनुसार, आर्थिक मंदी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच भारत में एफडीआई प्रवाह में 43 प्रतिशत की गिरावट आयी है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसमें दो प्रतिशत की गिरावट आयी है और यह 13 खरब डॉलर रह गया है। भारत को वास्तव में मजबूत अर्थव्यवस्था बनने के लिए अगले 10 वर्षों में कम से कम 150-200 बिलियन डॉलर की वार्षिक आवश्यकता होगी।